जब हम फलों के राजा आम को गर्मी के मौसम में खाने का आनंद ले रहे होते हैं तब अक्सर शिशुओ की माताओं को सबसे ज़्यादा चिन्ता यही होती है कि जब हम फलों के राजा आम को गर्मी के मौसम में खाने का आनंद ले रहे होते हैं तब अक्सर शिशुओ की माताओं को सबसे ज़्यादा चिन्ता यही होती है कि क्या मैं अपने बच्चे को आम खिला सकती हूँ? तो आइए पता लगाये कि क्या आप अपने बच्चे को आम खिला सकती है या नहीं।
आम!! जब आप आम के बारे में सोचते हैं तो आपके दिमाग में क्या आता है? इसका मीठा स्वाद या इसकी सुगंध जो कि आपके मुह मे पानी ला सकती है। या ये भी हो सकता है कि आप इस बारे सोचकर अपने बचपन की गर्मियों की छुट्टियों में वापस चले जाये। जो भी हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारतीयों का, फलों के राजा आम के साथ बहुत ही खास रिश्ता है!
आम को पहली बार एशिया के दक्षिणी हिस्से में पाया गया था और इस बात से साबित होता है कि भारत में आम की खेती 5,000 साल पहले से होती आ रही है। बाद में आम को दुनिया के अन्य हिस्सों में पेश किया गया। आम को प्राचीन भारतीय राजाओं और रानियों का पसंदीदा फल कहा जाता था । वास्तव में, प्रसिद्ध फ़ारसी कवि अमीर खुसरु ने इस फल का शीर्षक पेर्सिअन ‘द फेयरेस्ट फ्रूट ऑफ़ हिंदुस्तान ’रखा। शायद यही कारण हैं कि आम भारत का राष्ट्रीय फल है।
आम को भारत में समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। अधिकांश हिंदू अनुष्ठानों में आम के पत्तों का एक महत्वपूर्ण स्थान है। बौद्ध धर्म मे माना गया है कि भगवान बुद्ध ने एक आम के पेड़ की छाया के नीचे ध्यान लगाया था, यही कारण है कि आम को उपहार के रूप में देना भी शुभ माना जाता है।
आम पीले, नारंगी, लाल और हरे रंग सहित कई रंगों में मिलता हैं। आम का सेवन पके और कच्चे दोनों तरह से किया जाता है। पके आम को ऐसे ही खाया जाता है और कई व्यंजनों, विशेष रूप से मिठाइयों में भी मिलाया जाता है। कच्चे आम का उपयोग करी, अचार डालने , चटनी बनाने और अन्य दिलकश व्यंजनों में किया जाता है।
भारतीय आमों की सबसे लोकप्रिय किस्में हैं:
- अल्फांसो मैंगो (हापुस)
- तोतापुरी आम
- केसर आम
- बादामी आम
- हरा आम
- राजापुरी आम और
- बैंगनपल्ली मैंगो (सफेदा)
मैंगो के पोषण संबंधी लाभ(Nutritional Benefits of Mangoes)
आम में फाइबर, विटामिन,पेक्टिन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है और इस मे कैलोरी भी कम होती है। इस अद्भुत फल के कुछ पोषण लाभ इस प्रकार हैं:
- पाचन शक्ति बढ़ाता है
- कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है
- कोलेस्ट्रॉल कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है
- नेत्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है
- त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करता है
- प्रतिरक्षा को बढ़ाता है
- अस्थमा को रोकने में मदद करता है
- संज्ञानात्मक विकास(cognitive development) को प्रोत्साहित करता है
- लिवर को ठीक रखने मे मदद करता है
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क्या मैं अपने बच्चे को आम खिला सकती हूँ?
एक तरफ जब पूरा परिवार गर्मियों मे इस फल का आनंद ले रहा होता है, तो आपको इसे अपने बच्चे को ना दे पाना, कही ना कही आपको दोषी महसूस कराता है। सामान्य खाद्य पदार्थ दिये जाने के बाद आम 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। आप अपने बच्चे को आम 6 महीने से 8 महीने के बीच देना शुरु कर सकते हैं
आप अपने बच्चे को आम छिलका और बीज निकालने के बाद मैश करके खिला सकती हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी मोटा रेशा उसके गले में ना फ़स जाये। आम के छोटे-छोटे टुकड़े भी आप उसे फ़िन्गर फ़ूड की तरह खिला सकती है बशर्ते , बच्चे की पकड़ने की क्षमता अच्छी हो। बच्चे को कुछ भी खिलाते समय आप उसे अकेला ना छोडें.
अगर आपके परिवार में किसी भी व्यक्ति को आम खाने से किसी भी तरह की एलर्जी होती है तो बच्चे को भी एलर्जी हो सकती है. इस स्थिति से बचने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर बच्चे को आम खिलाना शुरू कर सकते हैंI
बेहतर है कि आप 3-दिवसीय नियम का पालन(3 days follow rule) करे, और शुरुआत में थोड़ी थोड़ी मात्रा में बच्चों को आम देना शुरू करें। यदि शिशु मे खुजली, दाने, पेट में दर्द, मुंह में जलन, चेहरे पर सूजन या सांस की तकलीफ जैसे लक्षण दिखायी दे, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
आम को कैसे चुने और कैसे इसे स्टोर करे
अच्छे आमों को चुनने का सबसे अच्छा तरीका गंध और स्पर्श है। एक ताजा, पके आम में बिना किसी दुर्गंध के एक मीठी सुगंध होगी। पके आमों को धीरे से दबा कर देखा जा सकता है कि वे खाने के लिए तैयार हैं या नहीं। आम मे कोई भी दाग या गंदगी ना लगी हो। पके आम को 4-5 दिनों के लिए रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है । कच्चे आमों को रेफ्रिजरेटर मे ना रखे । उन्हें पकने के लिए पेपर बैग में रखें .
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