अपने प्री मैच्योर बच्चे को अस्पताल से घर ले जाना बहुत रोमांचक लेकिन थोडा डरावना हो सकता है। इस परिवर्तन को तनाव मुक्त बनाने के लिए ये ब्लॉग अपने प्री मैच्योर शिशु को घर ले जाते वक़्त – सभी बातें जो आपको पता होनी चाइये पढ़िए।
एक प्री मैच्योर(समय से पहले जन्मे बच्चे) शिशु की माँ और एक मैच्योर(पूर्ण समय पर जन्मे बच्चे) शिशु की माँ बनने मे थोडा फ़र्क होता है. एक प्री मैच्योर बच्चे की मॉम भी बच्चे के साथ इस खूबसूरत चरण का आनंद लेना चाहती है, लेकिन ऐसा होने से पहले उसे कुछ दिनों या फिर कुछ हफ़्तों तक का इंतजार करना पड़ सकता है। वे शुरुआती दिन जब आप अपने बच्चे के साथ नहीं होते क्युकि आपका बच्चा एनआईसीयू (Nicu) में बहुत सारी मशीनों में होता है – ये थोडा दर्दनाक हो सकता है।
इसलिए जब आप सुनते हैं कि अब आप अपने बच्चे को अपने साथ घर ले जा सकते हैं, तब आप राहत की सांस लेते हैं । ज्यादातर मामलों में आपको, बच्चे को घर ले जाने की अनुमति तब दी जाती है जब वह अपने शरीर के तापमान को बनाए रख सकता है, ट्यूब के बिना फ़ीड ले सकता है और उसका वजन बढ सकता है। जब बच्चे मे ये सब लक्षण दिखाई देने शुरु हो जाते हैं तब आपको खुशी होती है कि आप एक सामान्य जीवन(normal life) में लौट सकते हैं।
लेकिन जब सही मे घर जाने का समय आता है तब नयी माम्स को थोड़ा डर और चिंता होना स्वभाविक है. अस्पताल मे तो आपके पास मेडिकल स्टाफ़ होता है जो हर चीज़ सम्भाल सकते हैं. लेकिन घर पर आपको ये सब खुद से सँभलना पडेगा। नये पेरेन्ट्स सब खुद से सम्भाल पायेन्गे या नहीं इस बात का उन्हें डर लगा होता है। बस ज़रूरत है तो उन्हें हिम्मत देने और सही दिशा दिखाने की। आज हम आपसे वो सारी जानकारी साझा करेंगे जो आपको अपने प्री मैच्योर बेबी को अस्पताल से घर ले जाने के लिए चाहिए होती है। इस जानकारी से आपको अपने प्री मैच्योर शिशु को होने वाली प्रोब्लेम्स और उनके समाधान के बारे मे पता चल जाएगा।
प्री मैच्योर बेबी को होने वाली समस्याए
1. स्लीप एपनिया – एपनिया से तात्पर्य 20 सेकंड से अधिक समय तक सांस लेने की अनुपस्थिति से है। यह समय से पहले जन्म लेने वाले सभी बच्चों में होना आम बात है. लगभग आधे से ज़्यादा बच्चे स्लीप एपनिया से पीड़ित होते है। एपनिया धीमी हृदय गति या रंग में बदलाव का कारण बन सकती है।
2. सांस लेने में तकलीफ – कई प्री मैच्योर बेबी में सांस लेने की समस्या होती है, जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। कुछ मामलों में, यह एक अधिक गंभीर स्थिति में विकसित हो सकता है जिसे ब्रोंकोपुलमोनरी डिस्प्लाशिया (बीपीडी) कहा जाता है, जिसके लिए लंबी अवधि के लिए ऑक्सीजन और दवा की आवश्यकता होती है।
3. संक्रमण – सामान्य तौर पर, नवजात शिशुओं को उनके कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली(weak immume system) के कारण संक्रमण का खतरा होता है, लेकिन समय से पहले जन्मे बच्चों को वायरल संक्रमण का खतरा हो सकता है । एक सामान्य वायरल संक्रमण जो कि प्री मैच्योर बेबी को प्रभावित करता है, श्वसन संक्लेय विषाणु (आरएसवी) है, जो सर्दी के समान दिखाई देता है और समय से पहले जन्मे शिशुओं के लिए खतरनाक हो सकता है। एक अन्य आम संक्रमण थ्रश है, एक कवक संक्रमण(fungal infection) जो माँ और बच्चे के बीच पारित होता है।
4. दूध पिलाना – समय से पहले जन्मे बच्चों को दूध पिलाने की एक राउंड-द-क्लॉक प्रक्रिया है, क्योंकि वे एक बार मे बहुत कम दूध पी सकते हैं । नतीजतन, उन्हें थोड़े थोड़े समय के बाद दूध पिलाना चाहिए। हालाँकि, वे इतने बडे नही होते कि वे आपसे दूध माँग सके क्युकि दूध मागने के लिए भी वे पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हुए होते हैं, इसलिए माताओं को बच्चे को खिलाने के लिए अलार्म सेट करना होगा और खुद जागना होगा। ठीक उसी समय, प्री मैच्योर बेबी की आंतें दूध को पचाने के लिए विकसित नहीं हुई होती हैं,इसी कारण वे शुरू में थोड बहुत थूक सकते हैं।
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अपने प्री मैच्योर शिशु को घर ले जाते वक़्त – सभी बातें जो आपको पता होनी चाइये
अस्पताल में
1. आपको इस बारे में सूचित किया जाएगा कि आपके बच्चे को अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी या नहीं । ऐसे मामलों में, जानें कि आपको उन उपकरणों का उपयोग कैसे करना चाहिए जिनकी आपको आवश्यकता है ताकि घर जाने के बाद आपको निर्देश पुस्तिका (manual instrutions book) से जूझना ना पड़े।
2.आप अपना हर एक संदेह अपने डाक्टर को बताये और उससे पूरी जानकारी ले यदि आप चाहे तो उन्हे लिख भी सकती है ताकि आपको बाद मे किसी मुसीबत का सामना ना करना पडे
3. अपने छोटे से शिशु के साथ एक कमरे मे रहने का प्रयास करे. यही वह जगह है जहां नए माता-पिता को अपने प्री मैच्योर बेबी के साथ छुट्टी से पहले एक या दो दिन के लिये अलग कमरे में रखा जाता है ,ताकि वे खुद से बच्चे को सम्भाल सके।
4. लैक्टेशन काउंसलर से मिलें। प्री मैच्योर बेबी को दूध पिलाना(फ़ीड देना) थोडा चुनौतीपूर्ण हो सकता है इसलिए गलत या अयोग्य सलाह पर भरोसा न करें। एक लैक्टेशन काउंसलर से उचित जानकारी प्राप्त करें ताकि आपको बेबी को दूध पिलाने में ज़्यादा दिक्कत ना हो। लैक्टेशन काउंसलर आपको ब्रेस्ट फ़िडिंग की सामान्य समस्याओं पर काबू पाने के साथ-साथ दूध की आपूर्ति को बनाए रखने और पंम्पिन्ग (pumping) के बारे में भी बताएगा।
5. अस्पताल से सभी मूल बातें सीखने के लिए अनुभवी नर्सों की मदद लें – बेबी को फ़ीड , डायपरिंग, धुलाई, स्वैडलिंग(शिशु को कपडे मे लपेटना) और साथ ही मालिश कैसे करे ये जानकारी आपको होनी चाहिए । ये सभी कार्य प्री मैच्योर बेबी के लिए बहुत आराम से करने होते हैं, इसलिए बेहतर है कि आप किसी प्रोफ़ेशनल व्यक्ति से सलाह ले।
6. प्री मैच्योर बेबी के माता-पिता को अस्पताल छोड़ने से पहले सीपीआर सीखने की सलाह दी जाती है। सांस लेने की समस्या के साथ साथ, शिशुओ को चोक होने की भी अधिक संभावना होती हैं, और अगर आपको सीपीआर जैसी प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी है तो से आप ऐसी स्थितियों में बचाव भी कर सकते हैं ।
7. यदि आपका शिशु लडका है और आप खतना ( circumcision) पर विचार कर रहे हैं, तो यह समय है कि आप इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आपका बेबी स्वस्थ है और अच्छी तरह से फ़ीड ले रहा है, तो आपका डॉक्टर आपको अभी ऐसा करने दे सकता है, या वह बाद की तारीख का सुझाव दे सकता है.
अस्पताल छोड़ने से पहले
1. अपने सभी बिलों को इकट्ठा करें और अपने मेडिकल बीमा कवरेज के लिए आवश्यक किसी भी दस्तावेज़ के लिए उन्हें बता दे। जन्म प्रमाण पत्र या अन्य विवरण के लिए, आवेदन जैसी अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर लें।
2.एक बार अपने बच्चे के बाल रोग विशेषज्ञ से मिलने के बाद आपने कब कब अस्पताल जाना है ये योजना भी बना ले और साथ साथ अपने बच्चे का टीकाकरण कार्ड भी ले ले.
3.घर अच्छे से तैयार करें – चुँकि आपका प्री मैच्योर बेबी हुआ है तो ज़ाहिर सी बात है कि आप जल्दी जल्दी मे घर से अस्पताल के लिए निकले होगे I अपने बच्चे के कमरे का विशेष ध्यान रखते हुए, ऊपर से नीचे तक घर को साफ करने के लिए किसी की व्यवस्था करें।
4. आपको पहले कई हफ़्ते घर पर ही गुज़ारने हैं, विशेष रूप से अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपको पर्याप्त सहायता मिले। यदि संभव हो तो बेबी के पापा को पितृत्व अवकाश( paternity leave) लेने के लिये कहे । पूरे दिन के लिए नौकरानी रख ले,जो आमतौर पर आपके द्वारा किए जाने वाले कार्यों को करेगी, जैसे खाना पकाने,कपड़े धोने और इस्त्री जैसे घरेलू कार्यों को करना। किराने का सामान और बच्चे का आवश्यक सामान आप ऑनलाइन सेवाओं के ज़रिए मंगवा सकते हैं ।
5. सभी आवश्यक वस्तुओं को इकट्ठा कर ले – क्युकि बेबी बहुत छोटे होते हैं, और उन के लिए विशेष डायपर और कपड़े की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन ये सब बहुत अधिक न खरीदें क्योंकि आपके बच्चे की ग्रोथ बहुत तेजी से होगी। इसके अलावा एक अच्छी गुणवत्ता वाले ब्रेस्ट पंप, बोतलें और स्टरलाइज़र खरीद ले। आपको एक नज़ल एस्पिरेटर(साँस लेने मे मदद करने वाला यन्त्र ) , दवा सिरिंज और बहुत सारे हैंड सैनिटाइज़र की भी आवश्यकता होगी। इन के अलावा, बेबी वियरिग स्लिंग पहनना, फ़ीडीग ब्रा, शर्ट / गाउन, जो आगे से खुले हो खरीद ले , क्योंकि आपके बच्चे का त्वचा से त्वचा का के संपर्क ज़्यादा होगा।
6. एक सही कार सीट लगाये – एक नवजात शिशु की सीट समय से पहले जन्मे शिशु के लिए बहुत बड़ी हो सकती है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चे का सिर स्थिर रहे और वायुमार्ग खुला रहे , अतिरिक्त पैडिंग या सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।प्री मैच्योर बेबी को सांस लेने में कठिनाई होने पर अपने सिर को स्थिर करने के लिए पर्याप्त मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं होता है, यही कारण है कि सही कार सीट लगाना बहुत ज़रूरी है। यदि आपका बच्चा ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग कर रहा है, तो आपको अपनी कार में भी इसके लिए जगह बनानी होगी।
7. यह सलाह दी जाती है कि प्री मैच्योर बेबी के करीबी परिवार के सदस्यों को पर्टुसिस ( pertussis) वैक्सीन लगाया जाये । यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चे के घर पर उसके चारों ओर सुरक्षा कवच हो।
जब आप घर पर हो
1. यात्राओं में कटौती करें। हालांकि यह उस समय काफी मुश्किल हो सकता है जब आपके रिश्तेदार नए बच्चे को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं, लेकिन यह प्री मैच्योर बेबी जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) अभी अच्छे से विकसित नहीं हुई है उस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। विनम्रता से सभी को बताएं कि आपके पास डॉक्टर के सख्त आदेश हैं कि वे अभी ना आये , और वे तभी आये जब बच्चा स्वस्थ हो जाए ।
2.प्री मैच्योर बच्चे की देखभाल करते समय उचित स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। शिशु को उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को पहले हाथों को अच्छी तरह धोने को कहे।हर जगह हैंड सैनिटाइज़र की बोतल रखे। बड़े भाई-बहन जो बच्चे को देखने के लिए, सीधे स्कूल से आते हैं उन्हें सैनिटाइज़र यूस करने के लिए बोले, । डॉक्टर के कार्यालय को छोड़कर बच्चे के साथ सार्वजनिक रूप से बाहर जाने से बचें। यदि आपके पास घर पर पालतू जानवर हैं, तो उन्हें शुरुआती हफ्तों या महीनों के लिए दूर रखें।
3. सुनिश्चित करें कि बेबी के सोने की व्यवस्था सुरक्षित हो । अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की सलाह है कि बच्चा माता-पिता के कमरे में ही सोए, हालांकि जरूरी नहीं कि वह एक ही बिस्तर पर हो। प्री मैच्योर बच्चों को अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम, या एसआईडीएस का अधिक खतरा होता है। इसी लिए , बच्चों का कंबल, बंपर, तकिए और मुलायम खिलौनों और पालने को साफ रखे । 20 और 22 डिग्री सेल्सियस के बीच कमरे के तापमान को बनाए रखें, क्योंकि ज़्यादा गर्मी से भी SIDS हो सकता है।
4. त्वचा से त्वचा के संपर्क में वृद्धि, इसे कंगारू देखभाल के रूप में भी जाना जाता है। शिशु को केवल एक डायपर पहनाएं और अपनी छाती पर लिटाये , उसका चेहरा एक तरफ करे ताकि वह आसानी से सांस ले सके। आप बेबी वियरिग स्लिंग का उपयोग भी कर सकते हैं जो बेबी की गर्दन और सिर को सहारा दे। कंगारू देखभाल बेबी के लिए बहुत फायदेमंद होती है, ये फ़ीडिंग के साथ साथ उनके स्वास्थ्य में भी सुधार करती है।
5. ध्यानपूर्वक अस्पताल जाने की योजना बनाये । दिन का पहला स्लॉट चुनें, ताकि आपके बच्चे को अन्य बच्चों के साथ एक ही कमरे में इंतजार न करना पडे जिससे सभी प्रकार के संक्रमण का खतरा कम हो सकता है। यदि आपको इंतजार करना भी पड़े , तो अन्य रोगियों से अलग क्षेत्र में बैठे।
6.अगर कोई आपकी मदद करना चाहे तो हिचकिचाए नहीं आप उसकी मदद ले ले
भले ही उसके द्वारा किया गया काम आपको संतुष्टि ना दे क्योंकि इस समय के दौरान, आपका आपके बच्चे के साथ रहना महत्वपूर्ण होता है,इसलिए यदि लोगों द्वारा किये गये कार्य से आपको संतुष्टि नहीं भी होती है, तो भी आप मदद ले।पड़ोसियों या रिश्तेदारों की बड़े बच्चों की देखभाल करने में मदद ले , बाहर काम चलाएं या बाहर से भोजन मंगवा ले ।
अस्पताल में वह सब समय व्यतीत करना जब आपका शिशु एनआईसीयू में है, भावनात्मक और शारीरिक रूप से बहुत मुश्किल होता हैI इसीलिए आराम करना, अच्छी तरह से खाना और खुश रहना महत्वपूर्ण है। यदि आप प्रसवोत्तर अवसाद ( postpartum depression) के किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत मदद ले । नियत समय के साथ, आप, आपका बच्चा और पूरा परिवार धीरे-धीरे एक दिनचर्या में ढल जाएगा, और जैसे-जैसे आपका बच्चा बडा होता जाएगा, आप सभी एक साथ इस अद्भुत चरण का आनंद ले सकते हैं।
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