जब आपका बच्चा सात महीने पूरे करता है तब तक उसे विभिन्न प्रकार के भोजन का स्वाद मिल चुका होता है।
यह वो समय है जब उसकी खाने में बहुत सी विविधता लाएं। क्यूंकि बच्चा जल्दी हे खाने से ऊब जाता है और उससे खेलने लगता है।
उसको दिये जाने वाले आहार में इस तरह विभिन्नता लाएँ की वह अपने आहार को ख़ुशी से खाये । एक ही प्रकार की सामग्री लेकर उसको अलग अलग स्वाद के साथ पकाए ताकि आपका बच्चे के लिए खाने का समय आनंदमय हो।
ठोस आहार तैयार करने के लिए जरूरी चीजें :
अगर आपके पास नीचे बताई गई चीजें होंगी तो बहुत सरलता और शीघ्रता से आप अपने प्यारे बच्चे के लिए भोजन तैयार कर सकतीं हैं :
1. प्रेशर कुकर :
एक छोटा स्टेनलेस स्टील का प्रेशर कुकर इस काम के लिए सबसे अच्छा रहता है। यह ध्यान रहे की प्रेशर कुकर स्टेनलेस स्टील का ही लें, अल्मुनियम का न लें। इसमें आप खिचड़ी बना सकतीं हैं , सब्जियों और फलों को उबाल सकतीं है और बच्चे के चम्मच और दूसरी छोटी चीजें भी किटाणुमुक्त कर सकतीं हैं।
2. फूड प्रोसेसर :
बच्चों के लिए बने फूड प्रोसेसर में बच्चों के खाना बनाने के लिए सभी जरूरी चीजें जैसे छलनी, मैंशर , कप , चम्मच , जूसर , ग्रेटर आदि होतीं हैं। आप जो बर्तन आपके पास पहले से हैं, उन्हें भी इस्तेमाल कर सकतीं हैं, लेकिन बच्चों को खाना खिलाने से पहलें उन्हें किटाणु मुक्त अवश्य कर लें ।
3. किटाणु मुक्त प्रक्रिया :
बच्चों के लिए भोजन पकाने और खिलाने वाले बर्तन हमेशा किटाणु मुक्त होने चाहिएँ। इसके लिए या तो आप कोई भी अच्छा किटाणुमुक्त लोशन का इस्तेमाल कर सकतीं हैं या फिर साधारण तरीके से उन्हें इस्तेमाल से पूर्व उबाल लें ।
4. ब्लेंडर या मिक्सी ग्राइंडर :
बच्चों के लिए खाना बनाने की प्रक्रिया में यह सबसे जरूरी चीज है। बच्चों का खाना बनाने के लिए एक अलग मिक्सी होनी जरूरी है, क्यूंकी बड़ी मिक्सी में हम घर के शेष मसाले भी पीस लेते हैं।
5. आलू मसलने वाला :
मेरे बहुत सारे दोस्त, आलू मसलने वाले उपकरण को बच्चों का खाना बनाते समय कुछ मसलने या प्यूरी बनाने के लिए बहुत जरूरी मानते हैं।
6. बच्चों के लिए ऊंची कुर्सी :
बच्चों के लिए ऊंची कुर्सी घर में होनी बहुत जरूरी है क्यूंकी इससे बच्चों को बैठते समय कमर को सहारा मिल जाता है। जब बच्चे ऊंची कुर्सी पर बैठते हैं तो माँ को उन्हें भोजन खिलाना काफी आसान हो जाता है और खाना बिखरता भी नहीं है।
7. खाने वाले बर्तन और चम्मच :
बच्चों को खाना खिलाने के लिए आजकल बाज़ार में नए डिजाइन के बर्तन भी आ गए हैं। यदि आपका इनका इस्तेमाल न करना चाहें तो चांदी के बर्तन भी इस्तेमाल कर सकतीं हैं। इस बात का ध्यान रखें की बच्चों को जिस चम्मच से खिलाएँ उसका कोना नरम होना चाहिए।
बच्चे के सातवे महीने का आहार चार्ट
जब बच्चा पांचवे और छठे महीने में होता है तो दिन में दो बार ठोस आहार दिया जाता है और सात महीने बाद इस आहार की अवधि को बढ़ा कर तीन बार भी दिया जा सकता है।
कुछ सामान्य नियम :
1. बच्चे के 7 महीने के होते ही उसे नाश्ता , लंच और डिनर के रूप में तीन बार आहार देना शुरू करें। सुबह 9 बजे नाश्ता, दोपहर एक बजे खाना और रात के खाने के लिए शाम को 5 बजे आहार दे सकतीं हैं। इस समय स्तनपान से भी बच्चे को अत्यधिक शक्ति और ऊर्जा मिलती है इसलिए अभी स्तनपान करवाना न छोड़ें।
2. इस महीने में बच्चे को दिए जाने वाले खाने की मात्रा लगभग उसकी अपनी मुट्ठी के बराबर होनी चाइये। लीटर के नाप से लगभग 90 से 100 मिली तक हो सकती है।
3. ठोस आहार को इतना गाढ़ा रखें जिससे वो चम्मच में से बाहर नहीं गिरे और उसमें ठहर जाये।
4. बच्चे को कभी भी लिटा कर खाना ना खिलाएं हमेशा बैठ कर ही खिलाएं।
5. बच्चे के लिए खाना पकाने और खिलाने के बर्तन को हमेशा उबाल कर किटाणु मुक्त करके ही काम में लें ।
6. जब भी बच्चे को कोई नया आहार दें तो हमेशा ‘तीन दिन’ वाले नियम का पालन करें।
ये आहार चार्ट इस तरह बनाया है कि बच्चे को धीरे धीरे भारी आहार दिया जा सके। इसलिए आपको इसी क्रम की अनुपालना करने का सुझाव दिया जाता है ।
पहला हफ्ता-7 month bache food chart
दिन | सुबह का नाश्ता | दोपहर का भोजन | रात का खाना |
सोमवार | चावल दलिया | मटर और आलू प्यूरी | गाजर ओट्स दलिया |
मंगलवार | ओट्स दलिया | गाजर खिचड़ी | चुकंदर आलू प्यूरी |
बुधवार | सेब रागी दलिया | शकरकंद प्यूरी | कद्दू प्यूरी |
गुरूवार | आम प्यूरी | सेब खिचड़ी | गाजर खिचड़ी |
शुक्रवार | कच्चा केले का दलिया | चुकंदर आलू प्यूरी | मटर और आलू प्यूरी |
शनिवार | रागी दलिया | गाजर ओट्स दलिया | लौकी प्यूरी |
रविवार | घी चावल | पकी हुयी दाल | सेब खिचड़ी |
बीच -बीच मे बच्चे को स्तनपान या फार्मूला मिल्क देते रहे
दूसरा हफ्ता
दिन | सुबह का नाश्ता | दोपहर का भोजन | रात का खाना |
सोमवार | मखाना दलिया | फ्रेंच बीन्स प्यूरी | गाजर खिचड़ी |
मंगलवार | चीकू प्यूरी | चुकंदर आलू प्यूरी | ओट्स दलिया |
बुधवार | कच्चे केले का दलिया | मसाला खिचड़ी | फ्रेंच बीन्स प्यूरी |
गुरूवार | सेब नाशपाती दालचीनी प्यूरी | मटर आलू प्यूरी | रागी दलिया |
शुक्रवार | आम प्यूरी | गाजर खिचड़ी | लौकी प्यूरी |
शनिवार | पपीता प्यूरी | सेब खिचड़ी | फ्रेंच बीन्स प्यूरी |
रविवार | चीकू ओट्स दलीया | शकरकंद प्यूरी | मसाला खिचड़ी |
बीच -बीच मे बच्चे को स्तनपान या फार्मूला मिल्क देते रहे
तीसरा हफ्ता
दिन | सुबह का नाश्ता | दोपहर का भोजन | शाम का नाश्ता | रात का खाना |
सोमवार | कीवी केला प्यूरी | मुरमुरे खिचड़ी | BM/FM | सेब दलिया |
मंगलवार | सेब केला दालचीनी प्यूरी | टमाटर खिचड़ी | रागी केला हलवा | फ्रेसन्ह बीन्स प्यूरी |
बुधवार | चुकंदर हलवा | मसाला खिचड़ी | BM/FM | मूंग दाल गेहूं की खिचड़ी |
गुरुवार | चीकू ओट्स दलिया | मटर आलू प्यूरी | सेब सॉस | गाजर खिचड़ी |
शुक्रवार | आम प्यूरी | पोंगल | BM/FM | टमाटर खिचड़ी |
शनिवार | कच्चा केला दलिया | चुकंदर आलू प्यूरी | चुकंदर हलवा | मसाला खिचड़ी |
रविवार | पपीता प्यूरी | मुरमुरे खिचड़ी | BM/FM | पोंगल |
चौथा हफ्ता
दिन | सुबह का नाश्ता | दोपहर का भोजन | शाम का नाश्ता | रात का खाना |
सोमवार | डोसा | वेजिटेबल खिचड़ी | रागी तीथिनंग बिस्कुट | नमकीन ओट्स दलीया |
मंगलवार | कच्चे केले का दलिया | मटर आलू प्यूरी | चुकंदर हलवा | गाजर खिचड़ी |
बुधवार | शामे की खीर | गेहूं का दलिया | आम प्यूरी | पोंगल |
गुरुवार | स्ट्रॉबेरी केला प्यूरी | चुकंदर आलू प्यूरी | सूजी खीर | टमाटर खिचड़ी |
शुक्रवार | चीकू ओट्स दलिया | मसाला खिचड़ी | पपीता प्यूरी | मटर आलू प्यूरी |
शनिवार | केला मखाना दलिया | फ्रेंच बीन्स प्यूरी | चुकंदर हलवा | वेजिटेबल खिचड़ी |
रविवार | कीवी केला प्यूरी | सेब खिचड़ी | डोसा | नमकीन ओट्स दलीया |
आप अपने बच्चे के आहार के लिए प्रिंट किया हुआ आहार योजना के अनुसार भी बना सकतीं हैंबच्चों के लिए बने कुछ अतिरिक्त आहार चार्ट के लिए यहाँ देखिये
यहाँ दी गई जानकारी केवल सूचना के उद्देशय से तैयार की गई है और यह किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं लेती है। आपको अपने बच्चे के भोजन संबंधी सलाह के लिए शिशु विशेषज्ञों से ही सलाह लेनी चाहिए ।
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