यह तो प्रकृति का नियम है की कोई भी माता पिता अपनी संतान को कष्ट में नहीं देख सकते हैं, चाहे वो तकलीफ छोटी ही क्यूँ न हो। जब उनके प्यारे बच्चे को तकलीफ सूखी खांसी जैसी हो तो वह माता-पिता के लिए लिए बहुत कष्टकारक होती है। वैसे तो खांसी कैसी भी हो, छोटे बच्चों के लिए यह बहुत दुखड़ाई होती है, लेकिन सूखी खांसी का बच्चों के गले पर बुरा असर होता है। कोमल नन्हें बच्चे अपनी तकलीफ को बता भी नहीं सकते की उनका गला कितना दुख रहा है या कितना सूख रहा है। आप जब अपने बच्चे की इस तकलीफ को समझ जातीं हैं तो तुरंत बाज़ार के केमिस्ट पर सामान्य खराब गले को ठीक करने वाली दवा लेने चली जातीं हैं, लेकिन अमरीकन अकेडमी ऑफ पेडियट्रिक्स छह वर्ष से कम के बच्चे के लिए इस दवा के उपयोग को सख्ती से मना करती है। अधिकतर यह देखा गया है की इस प्रकार की दवाइयाँ गले की तकलीफ को तो कम करतीं नहीं हैं बल्कि कभी-कभी उल्टा असर भी हो जाता है। इसलिए सबसे अच्छा यही होगा की आप जब बच्चों को गले की तकलीफ हो तो घरेलू उपचार करने के बारे में विचार करें।-sukhi khansi gharelu upay
क्या आप जानतीं हैं की खांसी वास्तव में शरीर के गले की नसों और मांसपेशियों में हवा को गुजारने का एक तरीका है, बिलकुल वैसे ही जब बंद नाक को खोलने के लिए नाक की ड्रिप का इस्तेमाल किया जाता है। सूखी खांसी में शरीर में बलगम नहीं बनता है। सबसे अधिक परेशानी वाली बात यह है की जब किसी को सूखी खांसी होती है तो उस समय गले में परेशानी के साथ ही छाती में भी दर्द होता है और इसके कारण बार-बार खांसी उठती है। कभी-कभी शाम के समय सूखी खांसी अधिक होती है और इसी वजह से रात को आराम से सोने में तकलीफ होती है। आइये आपको उन कारणों के बारे में बताएं जिनसे नवजात शिशु और छोटे बच्चों में सूखी खांसी होती है :
सूखी खांसी के क्या कारण हैं?
- सर्दी होना – नवजात शिशुओं और बहुत छोटे बच्चों में अधिकतर सर्दी के कारण सूखी खांसी हो जाती है। इसके साथ अक्सर बच्चों की नाक भी बंद हो जाती है। इसलिए अक्सर सर्दी का घरेलू उपचार खांसी में भी असरकारक सिद्ध हो सकता है।
- फ्लू – अक्सर बच्चों में फ्लू के कारण भी सूखी खांसी का होना देखा गया है। ज़्यादातर यह अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन इसमें समय लगता है, और सूखी खांसी पहले गीली खांसी में परिवर्तित होकर धीरे-धीरे ठीक होने लगती है।
- क्रूप – क्रूप वह परेशानी है जो एक वाइरस के कारण होती है और इसमें खांसी करते समय गले से “भौंकने” जैसी आवाज आती है। जब बच्चे इस बीमारी से परेशान होते हैं तो उनके गले की नाली में सूजन आ जाती है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है।
- प्रदूषण- कई बार हवा में फैले हुए धुएँ, कैमिकल्स या पेंट के कण, इसे इतना अधिक प्रदूषित कर देते हैं की इससे छोटे बच्चों के गले में परेशानी शुरू हो जाती है।
- काली खांसी– काली खांसी या कुछ स्थानों में इसे कुक्कर खांसी के नाम से भी जाना जाता है। वास्तव में यह एक गंभीर बीमारी है और इसीलिए इससे बचाव का टीका भी बच्चों को जन्म के बाद लगा दिया जाता है। इसके बाद भी अक्सर बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं। जब बच्चों को यह खांसी हो जाती है तो कुछ भी निगलते समय उनके गले से अजीब सी चीख की आवाज निकलती है।
आपको घरेलू उपचार का चयन करते समय बच्चे की आयु और खांसी के कारण को ध्यान में रखना चाहिए। कृपया इस बात का ध्यान रखें की चार महीने तक बच्चों की खांसी एक सामान्य बात के रूप में नहीं ली जा सकती है। इस आयु तक जब भी आपके बच्चे को खांसी होती है तो बिना किसी प्रकार के घरेलू उपचार को आज़माये आप अविलंब आप उसे चिकित्सक के पास ले जाएँ।
किसी भी माता-पिता के लिए अपने नन्हें कोमल बच्चों को खांसी की तकलीफ में देखना बहुत कष्टकारक होता है। यहाँ बताए गए घरेलू उपचार से आप अपने बच्चे की तकलीफ में काफी हद तक आराम पहुंचा सकतीं हैं।
- स्तनपान :
खांसी या गले की किसी भी तकलीफ में शरीर में किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ बलगम को गीला रखने और गले की परेशानी को कम करने में सहायक सिद्ध होता है। यदि आपका बच्चा स्तनपान कर रहा है तो सूखी खांसी में इसका उपाय सर्वश्रेष्ठ सिद्ध हो सकता है। नन्हा शिशु आपकी बाहों में आकर न केवल मानसिक और भावनात्मक रूप से आराम पाता है बल्कि स्तन के दूध में मौजूद एंटी बोडिस भी खांसी को ठीक करने में सहायक होते हैं।
- सिर को ऊंचा रखना:
यदि आपका कोमल शिशु सूखी खांसी के कारण सो नहीं पा रहा है तो आप उसका सिर थोड़ा सा ऊंचा कर दें। इसके लिए आप उसके सिर के नीचे एक छोटा सा तकिया या चादर को गोल करके रख दें, जिससे उसके सिर थोड़ा सा ऊंचा हो जाये। इसके साथ ही यदि नाक में थोड़ी सी दवा डाल देंगी तो नाक बंद नहीं हो पाएगी और उसमें हवा जाने से बच्चा फौरन आराम पा जाएगा।
- भाप स्नान :
सूखी खांसी में भाप लेना बहुत आरामदायक और सरल उपाय होता है। एक वयस्क व्यक्ति जिस प्रकार भाप लेकर अपनी खांसी की तकलीफ को दूर कर सकता है, वो तरीका आपके छोटे से बच्चे के लिए कारगर नहीं हो सकता है। इसलिए इसके लिए आप भाप स्नान का इस्तेमाल कर सकतीं हैं। भाप स्नान के लिए गरम पानी का नल खोल दें और जब कमरे में पूरी तरह से भाप इकट्ठी हो जाये तो नल बंद करके आप कमरे को भी बंद कर दें जिससे भाप बिलकुल भी बाहर न जाये। अब अपने खांसी से परेशान बच्चे को अपनी बाहों में लेकर उस भाप में बैठ जाएँ। कमरे में इकट्ठी हुई भाप अपने आप ही बच्चे के शरीर में पहुँच कर उसे आराम दे सकती है।
- सेलाइन ड्रोप्स :
सेलाइन ड्रोप्स वैसे तो सीधे खांसी का कोई खास उपचार नहीं है, लेकिन इसको लेने से नाक में बलगम की रुकावट दूर हो जाती है और बच्चे को सांस लेने में इस उपाय से आसानी होती है। दरअसल सेलाइन नमक से बना पानी होता है। यह बहुत जरूरी है की इस उपाय को बच्चों के साथ बहुत सतर्कता और सावधानी के साथ आज़माया जाए।
- हयूमीडिफ़ाइर :
हवा की खुश्की भी बच्चों के शरीर में बलगम को सुखा देती है जिसके कारण उन्हें खांसी की तकलीफ का सामना करना
पड़ता है। इसका सरल उपाय आजकल बाज़ार में मिलने वाला वह उपकरण है जिससे हवा की आद्रता या नमी को बनाए रखने में मदद मिलती है। यदि आप अपने घर में हयूमीडिफ़ाइर का प्रयोग करतीं हैं तो इससे नर्म और नम हवा बच्चे के शरीर में जाकर उसे खांसी में आराम दे सकती है।
- शहद:
प्राचीन काल से शहद को खांसी के घरेलू उपचार के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। शहद, खांसी के उपचार का सबसे अच्छा और सुरक्शित पदार्थ माना जाता है। अगर आपके बच्चे की सुखी खांसी हो गई है तो शहद में बराबर का दालचीनी पाउडर मिला कर देने से उसे तुरंत आराम आ सकता है।
- ज़ीरा पानी:
ज़ीरे को पाचन तंत्र के स्वस्थ्य के लिए लाभदायी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानतीं हैं की इसका उपयोग छोटे बच्चों में सूखी खांसी के उपचार में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। थोड़े से पानी में एक चम्मच ज़ीरा डालकर उबाल लें। अच्छी तरह उबाल आने के बाद इसे छान लें और ठंडा होने पर इसे बच्चे को देंगी तो उसे निश्चित ही सूखी खांसी में आराम आएगा।
- चिकन सूप :
यह कहना अतिशयोक्ति न होगी की चिकन सूप दुखते शरीर ही नहीं दुखी मन का भी एक सरल उपाय है। घर के बने चिकन सूप में न केवल पोषण की मात्रा अधिक होती है बल्कि इसे बच्चहे को देना सुरक्शित भी है। लहसुन के साथ चिकन सूप बनाया जाये तो इसके एंटी ऑक्सीडेंट के गुण बच्चों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं। अगर आप चाहें तो बिना लहसुन का चिकन सूप भी अपने बच्चे को दे सकतीं हैं।
- हल्दी वाला दूध:
सर्दी में जब आप अपनी गर्म कॉफी का मज़ा ले रहीं हों तो उसी समय सुनहरी हल्दी वाला दूध भी अपने नवजात शिशु को दे सकतीं हैं। एक सुनहरे कप के सेवन से न केवल आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा बल्कि सर्दी का प्रभाव भी कम होगा।
जैसा की आप जानतीं हैं की हल्दी में एंटीमाइक्रोबायल गुण हैं जिसके कारण यह शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करती है। वैदिक काल से हल्दी का उपयोग खांसी के उपचार के लिए किया जाता है। जब बच्चा एक वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है तो उसे उसे हल्की हल्दी वाला दूध दिया जा सकता है जिससे सूखी खांसी के कारण होने वाली उसके दुखते गले को आराम आ सकता है।
- कफ ड्रोप्स :
आजकाल बाज़ार में खांसी को आराम देने के लिए विभिन प्रकार की सिरप और गोलियां जैसे लोसेंजेस, स्ट्रेप्सिल्स इत्यादि मिलती हैं जिनसे खांसी में तुरंत आराम आ जाता है। बच्चे के लिए इनका चयन करते समय वो ही चुनें जिसमें मेठोल या इकोलिप्टस का प्रयोग किया गया हो जिससे खांसी में तुरंत आराम आ जाए।
सामान्य रूप से देखा गया है की बच्चों में वायरल के कारण सूखी खांसी की तकलीफ होती है जो समय के साथ अपने आप ही ठीक भी हो जाती है। यहाँ बताए गए उपायों के द्वारा आप अपने नन्हें की खांसी की तकलीफ को बहुत हद तक कम कर सकतीं हैं। कम से कम इतना तो हो ही सकता है की आप और आपका मासूम बच्चा रात को आराम से सो सके।
Teju says
Khashi he
ANUP YADAV says
Mera lsdka 5 years ka ho gya use 1 saal ho gyi khasi ko dr. Ko khub dikhya lakin thik nhi ho rha gaon m bade bujargo se pucha to unhene orsha ki dikat btai…
Kuch samj nhi aa rha kase thik ho
Please kuch……. Btao
Khafi presan ho gya hu
Meiha Sharma says
U can also try to give turmeric and clove water for immediate relief. Just boil water with both the ingredients and give it to ur child. It work wonders. Tried and tested.
Priyanka soni says
Mera bacha 3month ka hain
Usko thodi khansi aati hai to uska gharelu upay bataye…
Usko nose main se cuf jesa kuch nahi aata
Bs woh thoda khasta hain..
Pls upay batYe..pls
Hindi MyLittleMoppet says
Priyanka Ji
Itni chote bacche ke liye koi bhi gharelu upay nahi diya ja sakta. aap bacchon ke doctor ko dikhaye aur unki salah ke anusar bacche ko treatment dilayein.
Cheers
Hema
Sanaya says
Meri beti 3 saal ki h or last six months se sukhi khaansi h..bhut dwaeee li but koi frk ni pda..Raat Ko ni so pati khansi ki bjh se..plz help me out
Hindi MyLittleMoppet says
Hi Sanaya
ho sakta hai apke bacchi ko kisi chiz se allergy ho jiske karan use baar baar khasi ho rahi hai. ye allergy kisi bhi chiz se ho sakti hai jaise koi aahar, dust, dhoop etc. ye pata karne ki koshish karein ki bacchi ko kis chiz se allergy hai aur use us chiz se dur rakhe.
apki sakhi
hema
B.k.rawat says
Mera beta11 month ka hai suruaat ke 8month tak use kisi bhi prakar ki paresani nahi huyi ma gar last ke do month me mera beta kaafi kamjor ho gaya hai aur usko khansi jukam aur bukhar. bani rahti hai please sahi salah de…….?
Hindi MyLittleMoppet says
Rawat Ji
8 mahine ka baccha apne aas pass ki cheezein explore karne ke liye har chiz apne mooh mai dalta hai saath hi ab ghutne ke bal chalne lagt hai to haath bhi gande ho jate hai vahi haath mooh mai baccha dal leta hai. isliye is samay bacche jyada beemar hone lagte hai. saath hi bacche ki immunity badhane vale aahar de. https://hindi.mylittlemoppet.com/foods-that-boost-immune-system-in-children/
Bhanu says
Mera naam bhanu h Or mere ek beta h usko hmesa 2 month k ander khasi ho jati h . Jldi se doctor ki dawai bhi nai lgti. Kuch samaj nai aa raha Kya karu.
Hindi MyLittleMoppet says
Bhanu Ji
Apke bacche ko shayad kisi chez se allergy hai, yeh allergy khane se bhi ho sakti hai ya kisi vastu ya aas paass ke vatavaran se, allergy karne vali vastu se bacche ko dur rakhne se ye samsya bahut hadd tak sulajh sakti hai.
Cheers
Hema
A rahman says
Mera beta 2 year 6 month Ka hai,usko 15 din pahle fevar tha maine usko dawai di uska bhukhaar thik ho gaya tha.par usko prickly heat jaise daane body par nikal aaye hai aur usko bohot khujli hoti hai aur usko bohot khansi hai par naak nahi bah rahi hai, Maine usko honey bhi diya par khansi thik nahi hui hai,pls reply
Hindi MyLittleMoppet says
Rehmaan Ji
Apke bacche ko kisi chiz se allergy ho rahi hai. aap kisi baal visheshagya ko dikahye kyunki bacche ko bina physically dekhe koi bhi upay batana thik nahi hai.
Hema