कहते हैं की जिंदगी में मिठास न हो, तो कुछ नहीं होता है। अगर कभी आप शरीर या मन से कमजोर महसूस करें , तो बस एक चॉकलेट का टुकड़ा मुंह में डाल लें। इस टुकड़े की मिठास आपकी तकलीफ और परेशानी को एकदम खत्म कर देगी। लेकिन पौष्टिकता की दृष्टि से शायद यह एक सही कदम नहीं होता है।
विशेषकर छोटे बच्चों के लिए अत्यधिक मीठा सेहतकारी नहीं होता है। अधिकतर माएँ इस तथ्य के प्रति पूर्ण रूप से जागरूक नहीं होती हैं । इसी कारण से मेरे पास अक्सर अनेक सवाल आते हैं की क्या छोटे बच्चे को शक्कर देनी चाहिए ? कुछ माओं का यह भी सवाल होता है कि क्या छोटे बच्चे को कोकोनट शुगर (नारियल के फूल से बनी शक्कर ) देनी चाहिए? तो इस ब्लॉग में मैंने इन सभी प्रश्नो के उत्तर दिए हैं।
कोकोनट शुगर क्या है ?
कोकोनट शुगर को नारियल के पेड़ पर लगने वाले फूल की जड़ से बनाया जाता है। अधिकतर इसका उत्पादन दक्षिण पूर्वी एशियन देशों में किया जाता है। इसका रंग हल्का भूरा होता है और इसकी बनावट छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में होती है।
किसान नारियल के पेड़ से उसका रस निकाल कर उसे पका कर गाढ़ा कर लेते हैं। अगर देखा जाए तो केवल यही एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोकोनट शुगर बनाई जाती है। हालांकि यह कुछ लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है की कोकोनट शुगर को कच्चा माल क्यूँ माना जाता है? दरअसल इसी कारण से, कोकोनट शुगर का भूरा रंग इसका प्राकृतिक रंग है जो इसके निर्माण प्रक्रिया में आता है। वास्तव में इसका स्वाद, कैरेमल चीनी जैसा होता है जिसमें थोड़ी सी चरपराहट का भी स्वाद आता है।
कोकोनट शुगर और सफ़ेद चीनी में अंतर
- आपकी मेज़ पर रखी सफ़ेद चीनी की तुलना में कोकोनट शुगर में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसका अर्थ है की कोकोनट शुगर के सेवन से आप ब्लड शुगर के खतरे से बच सकते हैं।
- साधारण सफ़ेद चीनी का सफ़ेद रंग उनमें मिले विभिन्न रसायनों के कारण होता है। जबकि कोकोनट शुगर का भूरा रंग इसका अपना प्राकृतिक और बिना किसी रसायन के कारण होता है।
- कोकोनट शुगर में नारियल के प्राकृतिक गुण जैसे मैग्निशियम, पोटेशियम, ज़िंक और आयरन आदि स्वाभाविक रूप से होते हैं।
- सफ़ेद चीनी की तुलना में कोकोनट शुगर में 400 गुना अधिक पोटेशियम की मात्रा होती है।
- कोकोनट शुगर में एंटीऑक्सीडेंट, पोलिफेनोयल, एंथिक्यनिडीन और फ्लेवोनोयड्स भी अधिक होते हैं। इनमें से कोई भी गुण सफ़ेद चीनी में नहीं होते हैं।
- सफ़ेद चीनी की तुलना में, कोकोनट शुगर में फ्रूक्टोस भी कम होता है जिससे शरीर में खराब फैट भी कम बनता है।
- चीनी क्यूंकी गन्ने से बनती है और नारियल की तुलना में गन्ना कम उत्पादी पौधा माना जाता है। एक एकड़ में उगे नारियल, गन्ने की तुलना में अधिक शुगर का उत्पादन कर सकते हैं।
- नारियल के उत्पादन में गन्ने की फसल के उत्पादन की तुलना में जल तथा अन्य संसाधनों की आवश्यकता भी कम होती है। इसी कारण कोकोनट शुगर को यू एन फूड एंड एग्रीकल्चर ओर्गनीज़ेशन ने “मोस्ट ससटेंबल स्वीटनर इन द वर्ड” यानि संसार का हमेशा रहने वाले मीठे की उपाधि भी दे दी है।
बच्चों को कोकोनट शुगर कब दें ?
सच तो यह है की बच्चों को छुटपन से ही नारियल दिया जा सकता है। एक वर्ष के बाद आप बच्चों को कोकोनट शुगर दे सकतीं हैं।
सफ़ेद चीनी की तुलना में बच्चों को कोकोनट शुगर देना अधिक सेहतमंद सिद्ध होता है। लेकिन ध्यान दें कोकोनट शुगर भी एक प्रकर की शक्कर ही है और इसमें कैलोरी की मात्रा भी अधिक होती है इसलिए इसे भी बच्चों को सिमित मात्रा में ही दिया जाना चाइये। इसी कारण से
बच्चों के आहार में कोकोनट शुगर देने से निम्न लाभ होते हैं:
- बच्चों को कोकोनट शुगर से मिलने वाले अतिरिक्त माइक्रोन्यूट्रीएंट,एंटीओक्सीडेंट और फाइबर के सारे फायदे मिल जाते हैं।
- बच्चे कोकोनट शुगर के प्राकृतिक स्वाद से परिचित हो जाते हैं।
- किसी आहार को मीठा करने के लिए सफ़ेद चीनी की तुलना में कोकोनट शुगर की कम मात्रा की अवशयकता होती है।
ध्यान देने की बात यह है की जब भी आप कोकोनट शुगर को बाज़ार में लेने जाएँ तो केवल वही ब्रांड चुने जो नारियल के रस का प्रयोग करता हो। इसमें सबसे अच्छा तरीका है की आप आर्गेनिक कोकोनट शुगर ही खरीदें।
इसी तरह आप यह भी सुनिश्चित कर सकतीं हैं की उस ब्रांड ने नारियल के उत्पादन में किसी प्रकार के कीटनाशक या रसायन का प्रयोग नहीं किया है।इस प्रकार आप निश्चिंत होकर कह सकतीं हैं की कोकोनट शुगर पूर्णतया प्राकृतिक मिठास और सेहत से भरी होती है।
कोकोनट शुगर का भोजन में प्रयोग कैसे करें
अब जब भी आपका बच्चों के लिए कुछ भी मीठा बनाने का मन करे तो आप निःशंक कोकोनट शुगर को मिला सकतीं हैं। इसके अतिरिक्त किसी भी खीर या हलवे को मीठा करने के लिए आप कोकोनट शुगर का इस्तेमाल कर सकतीं हैं।
- दलिये को मीठा बनाएँ
- केक, कुकीज़ या ब्राउनी में मिलाएँ
- स्मूदी और मिल्कशेक में मिलाएँ
यह तो स्वाभाविक है की किसी भी डिश में कोकोनट शुगर को मिलाने से उसमें स्वाद और सेहत दोनों की मिल जातीं हैं। इसके अलावा आपको सफ़ेद चीनी की तुलना में कोकोनट शुगर की मात्रा भी कम लेनी होती है।
यह बात सही है की कोकोनट शुगर में स्वाद और सेहत का संगम होता है लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखें की इसमें कैलोरी की मात्रा काफी होती है। इसलिए इसे अपने आहार में बुद्धिमत्ता से ही प्रयोग करें और आप जल्द ही पाएँगी की आपकी भी जिंदगी में स्वाद और सेहत का अढ्भुत संगम हो गया है, जो सफ़ेद चीनी के कारण संभव नहीं था।
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