बच्चे का जन्म हर परिवार में खुशियों का खज़ाना लेकर आता है। लेकिन दूसरी और माँ के लिए छोटे बच्चे का लालन-पालन किसी युद्ध को जीतने से कम नहीं होता है। जैसे ही बच्चा छह माह का हो जाता है, माँ की एक चिंता शुरू हो जाती है। यह चिंता बच्चे को दिये जाने वाले भोजन और उससे मिलने वाले पोषण की होती है। इससे जुड़ी एक और परेशानी है जो लगभग हर माँ के सामने आती है। “कहीं इसे खाने से मेरे बच्चे को एलर्जी तो नहीं हो जाएगी” । इसी के साथ वो यह भी सोचती हैं की वो अपने बच्चों में खाने से एलर्जी का कैसे पता करें और उससे कैसे बचें ।
इस संबंध में आपको एक बात हमेशा याद रखनी है। अगर परिवार में आहार संबंधी किसी को एलर्जी होती है, तो यह स्थिति आपके बच्चे को हो सकती है। इसके अतिरिक्त स्थान विशेष भी आहार एलर्जी के कारण हो सकते हैं। जैसे यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया आदि में मूँगफली के कारण होने वाली एलर्जी एक सामान्य बात है। इसी प्रकार दक्षिण पूर्वी एशिया और दक्षिणी यूरोप में फिश और समुद्री खाने को लेकर एलर्जी हो जाती है।
बच्चों में खाने से एलर्जी के कारण
इससे पहले की आप बच्चों में एलर्जी का कैसे पता करें तो उससे पहले यह जानें की एलर्जी क्या है? सरल शब्दो में आपको बताएं की एलर्जी क्या है। वास्तव में जब शरीर किसी विशेष वस्तु के भोजन के जरिये शरीर में जाने पर प्रतिक्रिया करता है। सामान्य रूप से यह प्रतिक्रिया अधिक हानिकारक नहीं होती है। सामान्यरूप से यह अवस्था एलर्जी कहलाती है। इसी प्रकार जब बच्चा कोई भोजन लेता है, तो कुछ स्थितियों में उसका शरीर भी प्रतिक्रिया कर देता है। इस अवस्था में शरीर में हिस्टामइन नाम का रसायन पैदा कर देता है। यह अवस्था एलर्जी कहलाती है।
आमतौर पर यह देखा जाता है की बच्चों से पहले की पीढ़ी में कोई किसी प्रकार की एलर्जी तो नहीं। यदि पहले किसी को एलर्जी हो तो इसका परिणाम यह अवस्था बच्चे के शरीर में भी आ जाती है। छोटे बच्चों के शरीर में यह जींस उस विशेष भोजन के प्रति तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं। परिणामस्वरूप उनके शरीर में भी एलर्जी के लक्षण दिखाई दे जाते हैं।
मुझे कैसे पता लगेगा, की मेरे बच्चे को किसी आहार से एलर्जी है :
आपके लिए यह जानना भी जरूरी है की बच्चों में एलर्जी का कैसे पता करें और उससे कैसे बचें । जिन परिवारों में पहले किसी को किसी भोजन से एलर्जी है तो बच्चों पर इसका प्रभाव हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि बच्चे को तीन महीने की आयु तक एग्ज़ीमा हो जाता है तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है। ऐसे में 20%संभावना होती है की बच्चे को बाद में किसी प्रकार की फूड एलर्जी भी हो जाये।
इसलिए इस बात का ध्यान रखें की कुछ खाने के बाद शिशु के शरीर में कोई परिवर्तन तो नहीं आता? यह परिवर्तन किसी प्रकार के लाल निशान या खुजली जैसी अवस्था के रूप में हो सकता है। विशेषकर मुंह के चारों ओर तो यह निशानी फूड एलर्जी की हो सकती है।
छोटे बच्चों को किस आहार से एलर्जी हो सकती है :
- अनाज
- अंडे
- दूध
- मूँगफली
- काजू और अखरोट’
- मछ्ली
- शैलफिश
- तिल
कम एलर्जी करने वाले आहार सूची
- सेलेरी
- सोया
- सरसों
- चिलगोजा
- कीवी
हालांकि यह सभी आहार सामान्य रूप से बच्चों को एलर्जी की परेशानी कर सकते हैं। लेकिन वास्तविकता तो यह है की बच्चे को इसके अलावा भी किसी भी अन्य आहार से एलर्जी हो सकती है। इसलिए आपको बच्चों को खाना खिलाते समय थोड़ा सतर्क रहना होगा। विशेषकर जब आप शिशु के भोजन में कोई नया आहार शामिल कर रहीं हैं। इस स्थिति में विशेकर एलर्जी के लक्षणों का ध्यान रखें।
बच्चों में एलर्जी का कैसे पता करें और उसके लक्षण क्या हैं :
किसी आहार के बाद यदि छोटे बच्चों की त्वचा , सांस या पेट में किसी भी प्रकार की परेशानी तो नहीं है । अगर कुछ ऐसे दिखाय दे तो इसे अनदेखा न करें। यह लक्षण हल्की या तीव्र एलर्जी के हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त एलर्जी के लक्षण निम्न रूप में भी उभर कर आ सकते हैं:
- होंठों पर, ज़ुबान और चेहरे पर हल्की सूजन;
- आँखों में हल्की लाली और पानी आना;
- छींके आना और नाक से पानी आना;
- छींक और खांसी का एकसाथ आना;
- पेट में दर्द होना ;
- दस्त होना ;
- उल्टी होना;
कुछ स्थितियों में फूड एलर्जी कुछ गंभीर लक्षणों के रूप में भी प्रकट हो सकती है। कभी-कभी यह लक्षण जानलेवा भी हो सकते हैं। लक्षणों की तीव्रता के कारण डॉक्टर की मदद की भी जरूरत हो सकती है।
- सांस में से आवाज़ आना या दमे जैसी स्थिति
- होंठों और ज़ुबान पर सूजन होना और सांस की नली में रुकावट होना
- बेहोश होना
कितनी जल्दी हम फूड एलर्जी का पता लगा सकते हैं
कभी-कभी बच्चे को आप जैसे ही कोई नया आहार देतीं हैं, उसे फौरन एलर्जी का अटेक आ सकता है। लेकिन कुछ स्थितियों में कुछ घंटे या दिनों में भी एलर्जी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस स्थिति में कई बार बच्चे की एलर्जी के वास्तविक कारण को पता करना थोड़ा कठिन हो जाता है। क्यूंकी इस अवधि में बच्चे ने अनेक प्रकार के आहार लिए हैं।
इस परेशानी से उबरने का एक उपाय हो सकता है। आप पहले उन आहारों की सूची तैयार करें जो आपका बच्चा रोज लेता है। इसके अतिरिक्त आप एलर्जी के लक्षणों की भी सूची तैयार कर लें।
जब आप बच्चे को एलर्जी करने वाले आहार का पता लगा लेती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अपने आप किसी प्रकार का प्रयोग करके बच्चे को ठीक करने का साहस न करें। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए नाइस द्वारा तैयार करी गई रिपोर्ट देखें:
मेरे बच्चे को फूड एलर्जी होने पर मैं क्या करूँ?
जैसे ही आपको पता लगे की आपके बच्चे को एलर्जी हो रही है, आप तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करें। उससे पहले आप बच्चे को वह भोजन न दें जिससे आपको एलर्जी का शक हो। यदि एलर्जी की तीव्रता अधिक है तो उसकी जांच के लिए कुछ टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
छोटे बच्चों को फूड एलर्जी से कैसे बचाएं:
इस प्रकार आपके बच्चे में आनुवांशिक कारणों के कारण या किसी अन्य कारण से फूड एलर्जी हो सकती है। इस स्थिति में बच्चे को उससे बचाने के लिए आप निम्न उपाय कर सकतीं हैं:
- पहले छह महीने तक केवल स्तनपान ही करवाएँ;
- जब बच्चा छह महीने की आयु पूरी कर लेता है तभी उसे ठोस आहार देना शुरू करें;
- छोटे बच्चे को किसी नए आहार का स्वाद देने से पहले “तीन दिन वाले नियम” का पालन करें। विशेषकर जब आपके परिवार में किसी को एलर्जी की शिकायत पहले से रही हो।
- अपने नन्हें-मुन्ने को कोई भी नया आहार शाम के समय या शुक्रवार-शनिवार को न दें। (आपतस्थिति में आपको चिकित्सकीय मदद मिलने में कठिनाई हो सकती है)
- अगर आप बच्चे को अधिक समय तक स्तनपान करवातीं हैं तो घबराएँ नहीं। यह बिलकुल भी गलत नहीं है। सच तो यह है की इससे बच्चे में एलर्जी होने की संभावना न्यूनतम हो जाती है।
वास्तविकता तो यह है की अब शिशु रोग विशेषज्ञ एलर्जी उत्पन्न करने वाले आहार का सुझाव देते हैं। उनका मानना ही की बच्चे की आठ माह की आयु के बाद उसे हर प्रकार का भोजन दिया जाना चाहिए। यदि आपके परिवार में किसी को फूड एलर्जी नहीं हुई तो बच्चे को भी यह परेशानी नहीं होगी। इसलिए जब आपका प्यारा बच्चा छह माह का हो जाये तो आप उसे सब कुछ खाने के लिए दे सकतीं हैं। लेकिन इन सबमें नमक, चीनी, शहद और गाय का दूध शामिल नहीं है।
फूड एलर्जी के साथ जीवन:
यदि किसी कारणवश आपके बच्चे को किसी भोजन से एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं। तो चिंतित न हों। इस बात का ध्यान रखें की संबन्धित खाने की वस्तु बच्चे की भोजन में कभी भी शामिल न हो। पैकेट वाली वस्तु के निर्माण तत्वों को ध्यान से पढ़ें । लेकिन फिर भी यदि आप उस भोजन की पहचान न कर पा रही हों, तो भी घबराएँ नहीं। जिस वस्तु पर आपको एलर्जी होने का शक हो, उससे संबन्धित आहार कभी भी बच्चे को न दें।
हालांकि जब बच्चों को किसी वस्तु से जब एलर्जी हो जाती है तो यह स्थिति पूरे जीवन रहती है। फिर भी आप अपने डॉक्टर की सलाह से एंटी-एलर्जी दवाइयों को हमेशा अपने साथ रखें। किसी समय आपतस्थिति में तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
यथासंभव, आपको एलर्जी से संबन्धित जानकारी देने का प्रयास किया गया है। फिर भी दूध , प्रोटीन, पेट संबंधी परेशानियों का यहाँ वर्णन करना कठिन कार्य है। समय-समय पर आपको इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। इसलिए यहाँ आप अपनी नजर रखें।
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