बच्चों में गर्दन और पीठ में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। “जब बच्चा पीठ या गर्दन के दर्द की शिकायत करता है, तो यह चिंता का विषय है। स्कूल में लंबे समय तक बैठना, गैजेट्स यानि कि उपकरण का इस्तेमाल करते समय गलत पोशचर मे होना, शारीरिक गतिविधि की कमी ये कुछ आधुनिक जीवनशैली के मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से आज कल बच्चे कम उम्र में प्रभावित हो रहे हैं, ये कहना है डॉ निधि सांघवी शाह ”क्यू स्पि क्लिनिक मे नेशनल क्लिनिकल एक्सपर्ट में” आज वह हमे बताने जा रही है बच्चों में पीठ और गर्दन की समस्याओं के 10 संकेत जिन पर माता पिता को ध्यान देना चाइये।
बच्चों में पीठ और गर्दन की समस्याओं के 10 संकेत
1. लगातार झुकना या झुक कर बैठना
लंबे समय तक टेक्सटिंग करना , बैठना, स्टडी टेबल यानि कि डेस्क पर आगे की तरफ़ झुकना और लैपटॉप का इस्तेमाल करने से आपके बच्चे की रीढ़ की हड्डी की एलाइनमेंट में समस्या हो सकती है। इससे आपको कूबड़ या किफोसिस हो सकता है जो अंततः दर्द का कारण बन सकता है।
सुझाव : सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा लैपटॉप स्टैंड का इस्तेमाल करे और हाइ टेबल पर बैठे और फोन का इस्तेमाल सीमित हो और उसके बैठने का समय भी पर्याप्त हो I अपने बच्चे को बाहरी गतिविधियों मे भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करे ताकि वे चुस्त रहे I
2. सूजन का दिखाई देना और कोमलता
रीढ़ की हड्डी में सूजन या कोमलता के साथ और भी लक्षण जैसे कि बुखार, अस्पष्टीकृत यानि कि बिना वजह के वजन का कम होना, अस्वस्थता और थकान ये सब नॉन मैकेनिकल साइनस (non-mechanical signs) हो सकते हैं। इस स्थिति मे प्रारंभिक अवस्था में ऐसे लक्षण माता-पिता के लिए चिंता का कारण होने चाहिए।
सुझाव : पेन किलर यानि कि दर्द निवारक दवाए देकर दर्द दबाने की कोशिश न करे । किसी भी तरह के घरेलू उपचार करने से पहले स्पाइन स्पेशलिस्ट से सलाह ज़रूर लें।
3.झुक कर चलना
न्यूरोमस्कुलर, पोस्टुरल या जन्म दोष ये थोड़ी विकृति या झुकाव का कारण बन सकते हैं जो समय के साथ बदतर होते जाते हैं। ये स्कोलियोसिस नामक बीमारी के सामान्य लक्षण हैं।
सुझाव : स्पाइन स्पेशलिस्ट से शीघ्र परामर्श लेने से इसका इलाज समय रहते हो जाएगा और एक सही spine rehabilitation programme वक्र या झुकाव को आगे बढ़ने से रोकता है .
4.कंधे के ब्लेडस के बीच मे दर्द
यदि आपका बच्चा कंधों के बीच दर्द की शिकायत करता है, तो ऐसा ज़्यादातर खेल मे चोट लगने की वजह से,रीढ़ की हड्डी पर इंफ्लेमेटरी स्ट्रेस या पोस्टुरल स्ट्रेस के कारण होता है . इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए .
सुझाव : स्पाइन स्पेशलिस्ट से नियमित चैक अप करवा कर आप को ऐसी चोटो का जल्दी पता लग सकता है .
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5.सोने में परेशानी
अगर आपके बच्चे की रीढ़ की हड्डी में कही दर्द है तो उसे सोने मे परेशानी हो सकती है I दर्द निवारक यानि कि पेन किलर और नींद की दवा देने से, केवल दर्द को दबाने से उपचार में देरी होगी और यह दर्द और खराब हो जाएगा।
सुझाव : दर्द से राहत दिलाने के लिए अपने बच्चे के घुटनो के नीचे तकिया या कनी स्पेसर (knee spacer) रखे I यदि आपका बच्चा साइड स्लीपर है, तो उसके घुटनों के बीच मे तकिया या कनी स्पेसर (knee spacer) रखें।
6.बुखार या बिना वजह वजन का कम होना
अगर पीठ मे दर्द होने के साथ साथ आपके बच्चे को बुखार, बिना वजह उसका वजन कम हो रहा है या कमज़ोरी है तो ये संक्रमण या ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
सुझाव : बच्चों मे अगर ये लक्ष्ण दिख रहे हैं तो उन्हे अनदेखा न करे I ये नॉन मैकेनिकल इश्यू ( non-mechanical issue) हो सकते हैं और ऐसे में आपको तुरंत डाक्टरी मदद लेनी चाहिए .
7.सिहरन या चुभन
सिहरन,दर्द,सुन्न होना और ऐसा लगना जैसे कि आपके सुई चुभ रही है ये सब संकेत हो सकते हैं कि आपके बच्चे की नसों पर अतिरिक्त दबाव है।
सुझाव : न्यूरोलॉजिस्ट से इलाज के लिए मल्टीडिसकीप्लीनरी एप्रोच (multidisciplinary approach) से आपका बच्चा इस दर्द से राहत पा सकता है।
8.मूत्राशय प्रबन्धन और आंत नियंत्रण में कमी
पीठ दर्द के साथ साथ मूत्राशय प्रबन्धन (लोस्स ऑफ़ ब्लैडर )ये चेतावनी है कि कुछ बहुत गम्भीर है। इसे लाल झंडा माना जाना चाहिए।
सुझाव : किसी डॉक्टर या स्पाइन स्पेशलिस्ट से सलाह लेकर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
9.सिरदर्द
बार-बार सिरदर्द होना गर्दन की समस्या यानि कि नैक प्रोब्लेम्स का संकेत हो सकता है। यदि आपका बच्चा स्मार्टफोन या गैजेट्स का उपयोग करता है या पढ़ाई करते समय वह गलत पोशचर मे बैठता है, तो आपको एक स्पाइन विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
सुझाव : हर 30 मिनट में नैक स्ट्रेच करना और चिन टुक्स करने से दर्द से राहत मिल सकती है। अपने बच्चे के स्टडी टेबल पर गर्दन को सहारा देने वाले कुशन का उपयोग करें।
10.हाथो पैरो से निकलने वाला दर्द या दर्द जो हाथो पैरो तक पहुंच जाता है
पीठ और गर्दन का दर्द कभी-कभी साफ़ दिखायी देता है और हाथ, पैर या यहां तक कि घुटनों तक भी चला जाता है . यह आमतौर पर किसी गंभीर चीज का, चेतावनी संकेत हो सकता है और इसकी तुरंत जांच करवानी चाहिये .
सुझाव : यदि आपका बच्चा हाथ, कूल्हे या पैर के दर्द की शिकायत करता है, तो पीठ दर्द के लक्षणों की भी जाँच करने की कोशिश करें। यदि आपको रेडिअट पेन का कोई भी संकेत दिखे तो स्पाइन स्पेशलिस्ट से परामर्श करें।
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