बच्चों में अंगूठा या हाथ की ऊँगली चूसना बहुत ही आम बात है। लेकिन पेरेंट्स तब परेशान होने लगते है जब बच्चा ये आदत छोड़ने को तैयार नहीं होता है। आज मैं हर माता -पिता के सवाल बच्चों की अंगूठा चूसने की आदत कैसे छुड़ाएं का जवाब इस ब्लॉग के द्वारा दे रही हूँ।
अंगूठा चूसने की आदत कैसे शुरू होती है?
गर्भ में, कई शिशुओं को अल्ट्रासाउंड के दौरान उनके मुंह में अंगूठे डाले हुये देखा जाता है। स्तनधारियों के बच्चों मे ( बेबी मैमल्स) चूसने (sucking ) की सहज प्रवृति होती है, क्योंकि यह सुनिश्चित करना बहुत ही महत्वपूर्ण है कि बच्चे को पर्याप्त भोजन मिल रहा है। लेकिन चूसना खाने से कही ज़्यादा ऊपर है ,बच्चों के आराम के लिए non – nutritive sucking यानि की जिस चीज़ से पोषण ना मिले फिर भी उसे चूसना भी बहुत ज़रूरी है। इस तरह से छोटे बच्चे तनाव से निपटते है और शान्त रहते हैं। इससे पता चलता है कि क्यो कुछ बच्चे ब्रेस्ट फ़ीड लेने के बाद भी स्तन को चूसते रहते हैं, ये माँ के लिये कष्टप्रद हो सकता है, लेकिन इससे बच्चे को सुकून मिलता है!
जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं, वे अपनी पूरी मुट्ठी या पैर की उंगलियों को चूस सकते हैं। जब बच्चों के दान्त निकल रहे होते है तब अंगूठा चूसने से उन्हें काफ़ी हद तक मसूड़ों की सूजन से या दर्द से राहत मिलती है। कुछ बच्चे सो जाने के लिए भी अंगूठा चूसते है। जब वे थोड़े बड़े हो जाते हैं तब अंगूठा चूसना पैसिफ़ायर की तरह काम करता है और जब वे डरते हैं ,उदास या बोरड होते हैं या नींद लेते हैं तो टॉडलर अक्सर अंगूठा चूसते रहते हैं। ये ओर भी ज़्यादा बढ जाता है जब घर में कोई बड़ा बदलाव आया हो, जैसे एक नया बच्चा, घर बदल लिया हो, माँ का वापिस काम पर चले जाना आदि।
अंगूठे चूसने से होने वाली संभावित समस्याएं
असल में, अंगूठा चूसने से शिशुओं को राहत या आराम मिलता है और उस उम्र में यह कोई बड़ी बात भी नहीं है। लेकिन अगर यही आदत टाडलर्स हुड या नन्हे बच्चों मे चली जाये तो विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं
1. दाँतो को नुकसान : हल्के या माइल्ड तरीके से अंगूठा चूसने से कोइ नुकसान नहीं होता है लेकिन बहुत ज़ोर ज़ोर से अंगूठा चूसने से दाँतो के स्वास्थ्य पर प्रभाव पडता है। जो दाँत आ रहे होते है ये उनकी अलाइन्मन्ट (दाँतो का एक पंक्ति मे आना) को बदल सकता है। ऊपर वाले दाँत बाहर की तरफ़ आ सकते है जबकि नीचे वाले दाँत अंदर की तरफ़ जा सकते है बाद में ब्रेस की जरूरत होती है।
2.फ़टी त्वचा : अग्रिसिव या आक्रामक तरीके से चूसने से बच्चे के अंगूठे की नाजुक त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे वह लाल हो सकती है या कैलस से ग्रस्त हो सकती है। यदि त्वचा फ़ट जाती है, तो नेल बैड ( नाखूनों के नीचे का आधार) के आसपास संक्रमण का खतरा भी हो सकता है ।
3.पेट मे संक्रमण : छोटे बच्चों को हर चीज़ जानने की बहुत जिघयासा होती है और वे जो कुछ भी देखते हैं उसे स्पर्श करते या छूते हैं। जब वे अपनी उंगलियों को अपने मुंह में डालते हैं, तो जो जो चीज़ या जगह उन्होने छुई होती है वहाँ के सारे कीटाणु उनके शरीर मे आसानी से जा सकते हैं। इससे पेट का संक्रमण हो सकता है , खासकर ठंड और फ्लू के मौसम के दौरान।
4.जबड़े का आकार बदलना : बच्चे का जबडा नरम होता है क्योंकि इसका अभी भी विकास हो रहा होता है और लगातार चूसने से न केवल दाँतो की अलाइन्मन्ट अपितु जबडे के आकार को भी प्रभावित कर सकता है या भी बदल सकता है। गंभीर मामलों में जबड़े के प्राकृतिक आकार को बदल दिया जा सकता है और इसे सही करना मुश्किल हो सकता है।
5. बोलने की समस्या : अत्यधिक मामलों में, बहुत ज़्यादा अंगूठा चूसना बच्चो के तालू के आकार को प्रभावित कर सकता है जिससे उन्हें बाद मे बोलने की समस्या हो सकती है। यह उन बच्चों के मामले में विशेष रूप से सच है जो अपने अंगूठे को एक से दो साल के बीच चूसते हैं।
6. मजाक की वजह बनना – वह एक कारण ,जिससे ज़्यादातर माता पिता, को अंगूठा चूसना से समस्या होती है वह है अंगूठा चूसने से जुडा सामाजिक लांछन /कलंक क्योंकि इसे आमतौर पर baby behaviour यानि कि बच्चे का व्यवहार ’माना जाता है। अगर स्कूल जाने वाले बच्चे भी अंगूठा चूसते हो, तो हो सकता है कि उन्हें उनके साथी उनका मजाक उड़ाएं।
अध्ययनों से पता चलता है कि 94% बच्चे एक साल के होने तक अंगूठा चूसना बंद कर देते हैं, और बाकी स्कूल जाने की आयु तक बन्द कर देते हैं। लेकिन कुछ बच्चे फिर भी अंगूठा चूसते रहते हैं और यदि आप उनकी इस आदत को रोकने के लिए कुछ कदम उठाना चाहते हैं तो यह समझ में आता है। बच्चे को सज़ा देना,डराना, या बच्चे पर दवाब डालना ये सब व्यर्थ है इसलिए आपको इसके बारे में नम्र बनना होगा। यहाँ मै आपको बच्चों की अंगूठा चूसने की आदत कैसे छुड़ाएं के बारे में बताने जा रही हूँ ।
बच्चों को अंगूठा चूसने से रोकने के लिये 8 उपाय
1. कुछ बच्चों के लिये अंगूठा चूसना ऐसा है या एक ऐसी चीज़ है जिसे वे बिना कुछ सोचे समझे चूसना शुरु कर देते हैं। जब आपको ये लगता है कि आपका बच्चा अंगूठा चूसने वाला है उसे किसी अन्य वस्तु के साथ उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करे , कोशिश करे, उसे उन गतिविधियों में शामिल करने की जिनके लिए दोनों हाथों की आवश्यकता होती है। आप उसके दोनो हाथो को व्यसत रखने के लिए सामान के साथ एक ‘थम्ब सॉकिंग किट’ भी रख सकते हैं !
2.यदि आपका बच्चा शांत रहने के लिए अंगूठा चूसता है तो, तो उसे शान्त रहने के लिए दूसरे तरीके सिखाये। सुकून देने वाला संगीत और टॉडलर योगा सबसे अच्छा आप्शन है। धीरे-धीरे, वह अपने अंगूठे का उपयोग किए बिना खुद को शांत करना सीख जायेंगे।
3.अगर आपका बच्चा दांत निकाल रहा है तो उसे टीथर्स दे। शिशुओं में टीथिंग समस्याओं को दूर करने के लिए आप घरेलु उपाय आजमा सकते हैं।
4.आपका बच्चा दिन मे कौन कौन से समय अंगूठा चूसता है वह समय जानने की कोशिश करे। यह भोजन के समय के आसपास का समय हो सकता है, या किसी मौसम के दौरान ज़्यादा या दोपहर के दौरान, जब बड़ा भाई अभी तक स्कूल से वापिस घर नहीं आया हो। जो भी हो, अंगूठा चूसने से पहले ही उसे किसी गतिविधि मे शामिल करने का तरीका खोजें। इससे पहले कि वह अंगूठा चूसना शुरू करे उसे फ़ीड दे और उसके बोर होने से पहले ही कोई गतिविधि शुरु कर ले।
5.छोटे बच्चों पर शुरू से ही दस्ताने पहनाने से उनकी इस आदत को नियंत्रित किया जा सकता है। इलास्टिक वाले दस्ताने बहुत आसानी से उतारे जा सकते हैं तो डोरी वाले दस्तानो का इस्तेमाल करे। शुरू शुरु मे बच्चा ज्यादा रोयेगा लेकिन धीरे धीरे उसे इसकी आदत होने लगेगी।
6. छोटे बच्चे जो दस्ताने पहनने मे बहुत आनाकानी करते हैं उनके लिए आप थंब गार्ड का इस्तेमाल करे। यह कपड़े का एक टुकड़ा होता है जो अंगूठे को ढंक कर रखता है, जिससे हाथ का पूरा उपयोग हो सके। कपड़े से ढके हुये अंगूठे को चूसने का कोई मज़ा नहीं है! आप Wannabe Domestic Overachiever नामक इस ट्यूटोरियल से खुद थंब गार्ड बना सकती हैं।
7.एक ओर बुरा लेकिन प्रभावशाली तरीका है अंगूठे पर लाइम जूस या विनेगर लगाना। इसका स्वाद बच्चों को अंगूठा चूसने से रोक देगा! ध्यान रखे कि आप इसे एक सजा के रूप में नहीं बल्कि उन्हें याद दिलाने के लिए करे।
8. बड़े बच्चों को किसी अन्य सकारात्मक तरीके से करने की कोशिश करे। अपने बच्चे के थंब-फ्री ’होने के दिनों को ट्रैक करने के लिए एक चार्ट बनाएँ और निश्चित लक्ष्य हासिल करने के बाद उसे इनाम देने का वादा करे। और उसके बाद अपना वादा निभाये ज़रूर।
यह सुनिश्चित करने के लिए, नियमित रूप से डेंटल चेकअप करवाएं ,कि दांत ठीक से विकसित हो रहे हैं और कोई मिस अलाइन्मन्ट तो नहीं है। किसी भी समस्या का जल्द पता लगने पर उसे जल्दी सही किया जा सकता है । इन युक्तियों को आज़माएं और हमें बताएं कि इनमे से कौन सी युक्ति ने आपके बच्चे को ठीक किया है।
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