वीनिंग या पूरक आहार, ये शब्द जो आजकल इस्तमाल किये जाते है , का मतलब है स्तनपान के साथ ठोस आहार को धीरे धीरे बच्चे के दैनिक आहार में शामिल करना। इससे जुड़ा सबसे आम सवाल यह है कि – बच्चे को ठोस आहार कब से देना शुरू करें ?
बच्चे को ठोस आहार कब से देना शुरू करें ?
बहुत सी माताएं बच्चे को ठोस आहार देने के मामले में उलझन में रहती है। घरवालों, दोस्तों और डॉक्टर्स की राय से पूर्वाग्रहित होकर वो बच्चे को बहुत जल्दी ठोस आहार देना शुरू कर देतीं है।
मैंने इस विषय पर गहन अध्ययन किया है , और रिसर्च कहती है
इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (आईएपी) के दिशानिर्देशों से यह 6 महीने है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (एएपी) के अनुसार ये लगभग 6 महीने है।
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि जीवन के 17 वें से 27 वें सप्ताह के बीच सभी प्रकार के आहार को शुरू करने से एलर्जी और कोइलियेक जैसी क्रोनिक रोग का खतरा कम हो जाता है।
आपके पीडियाट्रिशन की राय ऊपर लिखी राय से अलग हो सकती है। यह पूरी तरह आपकी पसंद पर निर्भर करता है।
एएप के एक अध्ययन में पाया गया है कि 4 महीने से पहले ठोस खाद्य पदार्थों देने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है ।
इसलिए 4 महीने से पहले ठोस आहार देना शुरू करना सख्त मना है। 5 से 6 महीने के बीच शुरू करना आपके या आपके पीडियाट्रिशन पर निर्भर करता है।
अब आप सोच रहे होंगे
क्या संकेत है की आपका बच्चा ठोस आहार लेने को तैयार है ?
- बच्चा अपना सिर संभाल सकता है। सिर नियंत्रण मील का पत्थर 3 महीने के अंत तक हासिल किया जाता है।
- बच्चा सहारे या बिना सहारे सीधा बैठ सकता है।
- बच्चा जीभ को अंदर और बाहर ले जा सकता है लेकिन भोजन को बाहर धक्का नहीं देता है।
- चबाने की प्रक्रिया करता हो
- जब आप खाना खा रहे है तब वह अपनी जीभ बाहर निकालकर आपके हाथ और मुँह को बारीकी से देखता हो।
खिलाने के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाइए ?
- बच्चे को हमेशा सीधा बैठाकर भोजन कराएं। कभी भी बच्चे को पीठ के बल लेटाकर भोजन ना कराएं।
- बच्चे को हमेशा नरम व बिना किसी किनार वाले चम्मच से खाना खिलाएं ताकि उसके नाजुक मसूड़ो को कोई चोट ना पहुंचे।
- बच्चे का भोजन बनाने से पहले सभी उपकरणों व बर्तनो को कीटाणुमुक्त करें। आजकल बाज़ार में कमर्शियल बेबी फ़ूड मेकर्स मौजूद हैं जो साफ़ और स्टेरलाइज़ करने में बेहद आसान होते हैं।
- ज्यादा कैलोरी प्रदान करने के लिए , खाना थोड़ा गाढ़ा होना चाहिए, ताकि खाना चमच्च मे बिना गिरे टिका रह सके।
- बनाया गया भोजन 2 घंटो के भीतर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए, बचे हुवे भोजन को बच्चे को न खिलाएं। बच्चे के अगले भोजन के लिए ताज़ा खाना ही बनाएं ।
हैप्पी वीनिंग !!
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संदर्भ
# – 2013 Sep-Oct;41(5):337-45. doi: 10.1016/j.aller.2012.08.012. Epub 2012 Dec 31.The timing of introduction of solid food and risk of allergic disease development: understanding the evidence.
Sansotta N1, Piacentini GL, Mazzei F, Minniti F, Boner AL, Peroni DG.
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