शिशुओं और बच्चों का वजन बढ़ाने वाले 20 सुपर फ़ूड : शिशु और माँ के बीच महत्वपूर्ण करीबी सत्र उस वक्त होता है जब मां अपने शिशु को दूध पिलाती हैं. सिर्फ स्तनपान ही नहीं बल्कि बच्चों को अन्य पदार्थ खिलाते वक्त भी दोनों का रिश्ता और करीबी बनता है. और बच्चों को अच्छा और नया खाना खिलाने की ये खूबसूरत सफर को मां और बच्चे दोनों द्वारा एन्जॉय किया जाना चाहिए. हालांकि, इसमें सबसे बड़ी चुनौती और मांओं की परेशानी का कारण होता है कि मेरे बच्चे का वजन क्यों नहीं बढ़ रहा?
स्तनपान बंद होने के बाद नई मांओं के लिए परेशानी का मुख्य कारण ये ही होता है कि मेरे शिशु का वजन क्यों नहीं बढ़ रहा और ये परेशानी उस वक्त और बढ़ जाती है जब शिशु थोड़ा बढ़ा हो जाता है या स्कूल जाने लगता है.
ऐसा भी हो सकता है कि शिशु का वजन उतना नहीं बढ़ता जितना मां को उम्मीद होती है. या ऐसा रिश्तेदारों और आसपास के लोगों द्वारा डाले गए दबाव के कारण भी होता है जो लगातार शिशु के वजन को लेकर बोलते रहते हैं. या ये एक वास्तविक चिंता भी हो सकती है.
क्या वाकई में आपके शिशु का वजन कम है?
एक चिकित्सकीय पेशेवर के रूप में, सभी माताओं को मेरी सलाह सिर्फ यही है – “शिशु को देखो, तराजू नहीं”. कई माताएं, जिनके बच्चे स्वस्थ दिखते हैं, अच्छी तरह से भोजन करते हैं और अपने सभी मील का पत्थर तक पहुंचते हैं, फिर भी अपने बच्चे के वजन के बारे में अनावश्यक रूप से चिंता करती हैं. ज्यादातर मामलों में, वजन बढ़ाने की अनुमानित कमी आमतौर पर पूरी तरह से अनिवार्य होती है, और किसी भी चिंता का कोई मतलब नहीं होता. दैनिक या साप्ताहिक वजन के बारे में जोर देने की बजाय, व्यापक तस्वीर देखने से अधिक समझ में आता है.
शिशुओं के वजन पर कई महीनों के आधार पर ध्यान दिया जाता है और एक महीने से दूसरे महीने में थोड़ा बहुत बदलाव होने पर ये कोई परेशानी का कारण नहीं होता. इसके अलावा, बच्चे का वजन भी माता-पिता के अनुवांशिक संविधान पर निर्भर करता है. बच्चों के वजन को आमतौर पर एक सीमा के भीतर मापा जाता है. आप बच्चों के लिए हमारी मानक ऊंचाई और वजन चार्ट देख सकते हैं ताकि आपको पता चल सके कि आपका शिशु कैसा कर रहा है. ओपी घई की बच्चों की दवा पर आधारित पाठ्यपुस्तक से यहां एक साधारण चार्ट दिया गया है, जो कि उनकी आयु के अनुसार बच्चों के लिए अनुमानित वजन को दर्शाता है.
उम्र के मुताबिक वजन
- जन्म के बाद तीन महीने तक 175 से 200 ग्राम के बीच वजन बढ़ना
- 5 महीने बाद जन्म के वक्त से दौ गुना वजन होना
- एक साल तक हर महीने 400 ग्राम तक वजन बढ़ना
- 1 साल की उम्र तक जन्म के वक्त के वजन का तीन गुना होना
- 2 साल की उम्र तक जन्म के वक्त के वजन का चार गुना होना
- 3 साल की उम्र तक जन्म के वक्त के वजन का 5 गुना
- 5 साल की उम्र में जन्म के वक्त के वजन का 6 गुना
- 7 साल की उम्र में जन्म के वक्त के वजन का 7 गुना
- 10 साल की उम्र में जन्म के वक्त के वजन का 10 गुना होना
सामान्य तौर पर एक बच्चे का 3 से 7 साल की उम्र के बीच हर साल 2 किलो तक वजन बढ़ता है. इसके बाद बच्चे का वजन हर साल 3 किलो बढ़ता है जब तक उसकी युवावस्था की शुरुआत नहीं होती. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि ये एक जेनरिक चार्ट है और आपके बच्चे की पीडियाट्रिशन आपके बच्चे के केस को हैंडल करने के लिए सबसे बेहतरीन इंसान है. यह जानने के लिए डब्ल्यूएचओ मानक ऊंचाई और वजन चार्ट देखें कि क्या आपके बच्चे की वृद्धि सामान्य सीमा के भीतर बढ़ रही है.
अगर आपके बच्चे का वजन वाकई कम है
कुछ मामलों में, विशेष रूप से यदि बच्चे का वजन तीन प्रतिशत से कम है, तो वजन न बढ़ना वास्तविक चिंता हो सकती है. ऐसे परिदृश्य में, डॉक्टर की सलाह का पालन करना सबसे पहला काम है. वजन न बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं – जन्मजात हृदय रोग, संक्रमण, जीईआरडी, मैलाबॉस्पशन या किसी प्रकार के भोजन असहिष्णुता जैसे पाचन मुद्दे.
डॉक्टर की सलाह के साथ, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि बच्चे को उच्च कैलोरी आहार दिया जाए. इसका कारण यह है कि परिश्रम के दौरान कैलरी जल जाती हैं, जिसके बाद अतिरिक्त कैलरी वजन बढ़ाने में मदद करती है. अपने बच्चे के लिए उच्च कैलरी आहार की योजना बनाते समय, यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है कि इसमें खाली कैलरी से भरे भारी खाद्य पदार्थों की बजाय स्वस्थ और पोषक भोजन शामिल हो.
अस्वास्थ्यकर उच्च कैलरी खाद्य पदार्थ वजन में कुछ लाभ पैदा कर सकते हैं, लेकिन इससे शिशुओं को पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते। इसके अलावा, जब बच्चे का पेट अस्वास्थ्यकर भोजन से भरा होता है, तो उसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों की भूख नहीं होगी. इससे शिशु को उच्च चीनी या संसाधित खाद्य पदार्थों की लत भी लग सकती है जो खतरनाक है और विभिन्न जीवनशैली रोगों का कारण बन सकती है। साथ ही, प्रोटीन की अच्छी मात्रा को शामिल करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि अतिरिक्त कैलरी मांसपेशी द्रव्यमान के रूप में हो और वसा के रूप में जमा न हो.
बच्चों का वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को बच्चों को देने के बारे में सामान्य उपाय
- हर हफ्ते शिशुओं को एक नए खाद्य पदार्थ खिलाएं और यह जानने के लिए कि उसे इससे कोई एलर्जी या परेशानी है या नहीं , तीन दिन नियम को अपनाएं.
- शिशु को 6 महीने तक अपना ही दूध पिलाएं और इसके बाद भी जब तक हो सके मां का दूध ही पिलाएं.
- शिशुओं को नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ तब ही खिलाना शुरू करें जब वो इस तरह के पदार्थ खाना शुरू करें. सामान्य रूप से 6 महीने बाद.
- तनाव में न रहें. खाने के दौरान शिशु ये समझ सकते हैं और आपको ज्यादा परेशान कर सकते हैं.
- शांत रहें और तुरंत वजन बढ़ने की उम्मीद न करें.
शिशुओं और बच्चों का वजन बढ़ाने वाले 20 सुपर फ़ूड
1 . मां का दूध
मां का दूध एक वर्ष तक के बच्चों के लिए वजन बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत है. पहले छह महीनों के लिए विशेष रूप से अपने बच्चे को स्तनपान कराने की डब्ल्यूएचओ की सिफारिश का पालन करें और इसके बाद भी रोजाना स्तनपान करें. सुनिश्चित करें कि आप आगे बढ़ने से पहले पूरी तरह से बच्चे को स्तन का दूध पिलाएं. ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे को खिलाने की शुरुआत में दूध मिलता है जो पतला अग्र दूध होता है, और उसके बाद वसा युक्त दूध आता है.
पारंपरिक भारतीय बेबी फू़ड्स
आपको अपने एरिया का पारंपरिक खाना अपने शिशु को खिलाना चाहिए. इससे शिशुओं का वजन बढ़ने में मदद मिलती है. नीचे दी गई सूची में शिशुओं के वजन को बढ़ाने के लिए सबसे मशहूर खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है.
2 . रागी
रागी एक पारंपरिक बच्चों का भोजन है जो दक्षिण भारत में काफी मशहूर है. एक ओर जहां ये प्रोटीन और कैल्शियम से भरपुर है तो वहीं दूसरी ओर ये शिशुओं के वजन को बढ़ाने में भी योगदान देता है. रागी फाइबर, प्रोटीन और विटामिन बी 1, बी 2 और बी 6 का भी एक अच्छा स्रोत है.
ये व्यंजन आपके बच्चे को रागी खिलाने के लिए अच्छे हैं –
- रागी दलीया
- सेब और रागी दलीया
- रागी केक
- रागी डोसा
- रागी इडली
- रागी खीर
- रागी लड्डू
- रागी रोटी
- रागी कुकीज
अंकुरित रागी पाउडर दोगुना पौष्टिक है, क्योंकि अंकुरित रागी पोषक तत्वों को अधिक जैव-उपलब्ध बनाता है, जिसका अर्थ है कि आपके बच्चे का शरीर उन्हें बेहतर अवशोषित कर पाएगा. यदि आप एक नई माँ हैं और इस पाउडर को तैयार करने का समय नहीं है, तो आप 100% आर्गेनिक रागी पाउडर ऑर्डर कर अपने घर पर इसे प्राप्त कर सकते है.
3 . हेल्थ मिक्स (स्वास्थ्य मिश्रण)
हमारी दादी घर में बने स्वास्थ्य मिश्रणों पर भरोसा करती हैं, विभिन्न प्रकार की अच्छी सामग्री को अंकुरित करके, भून कर उन्हें पीसा जाता है. जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, ये स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में ही बाजार में उपलब्ध शिशु खाद्य पदार्थों से अच्छे होते हैं. ये बच्चों को वजन बढ़ाने में मदद करने में भी अधिक प्रभावी होते हैं. ये मिश्रण अनाज, नट और दालें के पोषक तत्वों को एक साथ मिलाते हैं, और अलग अलग तरह के व्यंजन बनाने के लिए अलग अलग पदार्थों का मिश्रण बनाया जा सकता है.
सत्थुमावू स्वास्थ्य मिश्रण (घर पर बना सेरेलक) एक ऐसा स्वास्थ्य पाउडर मिक्स है जो अलग अलग 10 पदार्थों को ध्यानपूर्वक अलग अलग भून कर बनाया जाता है. इसे खरीदने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
अंकुरित स्वास्थ्य मिश्रण या अंकुरित सत्थु मावू मिक्स (अंकुरित पदार्थों से बना सेरेलक ) इसी का दूसरा वर्जन है जिसमें सभी पदार्थों को अंकुरित कर उनका पाउडर बनाया जाता है. अगर आपके पास इससे अंकुरित करने और पाउडर बनाने का समय नहीं है तो आप घर पर हाथ से बना अंकुरित सत्थुमावू मिक्स यहाँ से आर्डर कर सकते हैं .
मिलेट (बाजरा )सत्थुमावू मिक्स (घर पर बना सेरेलक) में कई सारे मिलेट्स (बाजरे की किस्म )को एक साथ मिलाया जाता है बच्चों के वजन को बढ़ाने का अच्छा उपाय है. यह मिक्स आर्डर करने के लिए यहाँ क्लिक करें ।
4 . केरल के केले
स्वस्थ उच्च कैलरी खाद्य पदार्थों की तलाश करते समय, आपको केरल के केले या हरी पौधों की के अलावा ज्यादा कुछ तलाश करने की आवश्यकता नहीं है. ये पोटेशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस में भी समृद्ध हैं और इसमें पाचन के साथ साथ आहार फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है. ये केले बहुमुखी हैं, और कच्चे और परिपक्व दोनों संस्करणों में से कई केरल केले व्यंजनों को आप बना सकते हैं.
अगर आप जुखाम के वक्त अपने शिशुओं को केला देने से डर रहे हैं तो आप रॉ केरला बनाना (केले)पाउडर को ट्राई कर सकते हैं. अगर आपको इन केलों को ढूंढने में परेशानी हो रही है और इसे बनाने का आपके पास वक्त नहीं है तो आप हमारे रॉ केरल बनाना पाउडर को ट्राई कर सकते हैं. रॉ केरल बनाना पाउडर ( केरला के कच्चे केलों का पाउडर ) खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।
यहां देखें कच्चे केरल बनाना (केला) पाउडर द्वारा आसानी से बना सकने वाले कुछ व्यंजन
- शिशुओं के लिए केले का हलवा
- शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए केले के पकोड़े
- बच्चों के लिए नारियल केला खीर / पायसम
5 . नाशपाती
सेब के साथ साथ शिशुओं को नाशपाती भी शुरुआती खाद्य पदार्थों में खिलाया जा सकता है. नाशपाती से शिशुओं का वजन बढ़ने में मदद तो मिलती ही है लेकिन साथ ही इससे शिशुओं को आयरन, विटामिन बी6 और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं.
आप अपने शिशुओं को नाशपाती प्यूरी या सेब और नाशपाती की प्यूरी के रूप में दे सकते हैं. 8 महीने के बाद आप शिशु को ये फल के रूप में भी खिला सकते हैं.
6 . केले
केले विभिन्न कारणों से बच्चों के लिए पहले सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक हैं. ये स्वाभाविक रूप से मीठे हैं, किसी भी उपकरण के बिना मैश किए जा सकते हैं इसे पकाने की आवश्यकता नहीं है. ये शिशुओं और बच्चों के लिए भी एक उत्कृष्ट यात्रा भोजन हैं. एक ऊर्जा वर्धक फल होने से यह बच्चों को वजन बढ़ाने में मदद करता है, और यह आहार फाइबर, पोटेशियम के साथ अन्य खनिज और विटामिन भी प्रदान करता है.
6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को केले खिलाने का सबसे अच्छा तरीका केले की प्यूरी है. केले को स्ट्रॉबेरी या कीवी जैसे अन्य फल प्यूरी में मिला कर भी दिया जा सकता है. 8 महीने के बाद इसे पेनकेक्स के रूप में दिया जा सकता है या दलिया में मिश्रित किया जा सकता है.
एक वर्ष के बच्चों को आप कई तरह से केले से बने व्यंजन दे सकते हैं
- केला सत्थुमावू (सेरेलक) मफिन्स
- केले का ओमलेट
- रागी और केले के पैनकेक
- केला, नारियल ओट्स दलीया
- केला ओट्स पैनकेक
- बनाना ब्रेकफास्ट बार्स
- बनाना ओटमील कुकीज
7 .एवोकाडो
जबकि एवोकाडो भारत का पारंपरिक खाद्य पदार्थ नहीं है लेकिन आज यह कई भारतीय घरों में काफी लोकप्रिय है. यह मक्खन या माखन फल के रूप में भी जाना जाता है, एवोकाडो कई स्वास्थ्य लाभों वाला फल है, यही कारण है कि दुनिया भर में पोषण विशेषज्ञ इसे खाने की सलाह देते हैं. इसकी मलाईदार बनावट बच्चों के लिए इसे सुखद बनाती है और स्वस्थ वसा अच्छी वृद्धि और विकास को प्रोत्साहित करती है. एवोकाडो , 6 महीने की उम्र के बाद प्यूरी के रूप में पेश किया जा सकता है, और 1 साल के बाद मिल्कशेक और स्मूथीज के रूप में.
8 .मटर
मटर सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक हैं जिन्हें 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को शुरुआती ठोस भोजन के रूप में दे सकते हो. यह आहार फाइबर, थियामीन, विटामिन सी और मैग्नीशियम, नियासिन, फॉस्फोरस और विटामिन ए, बी 6 में उच्च है.
मटर आप मटर प्यूरी, मटर खिचड़ी और सब्जी के सूप के रूप में बच्चों को दे सकते हैं.
9 .आलू
आलू बच्चों के लिए एक उत्कृष्ट शुरुआती भोजन है. इसमें नरम स्थिरता है, आसानी से मैशेबल है और इससे बच्चों को एलर्जी नहीं होती. थोड़ी मात्रा के साथ शुरू करें क्योंकि कुछ बच्चे पेट में गैस के कारण परेशान हो सकते हैं.
आलू खनिज, विटामिन और कैरोटीनोइड और प्राकृतिक फिनोल जैसे फाइटोकेमिकल्स के वर्गीकरण में समृद्ध है. आलू अपने कार्बोहाइड्रेट सामग्री के लिए सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है.
आप शिशुओं को प्यूरी, खिचड़ी और सूप के रूप में आलू दे सकते हैं.
10 . शक्करकंद
शक्करकंद शिशुओं के लिए एक अच्छा शुरुआती भोजन है. ये 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है.
शक्करकंद संतृप्त वसा में बहुत कम होते हैं, ये फाइबर में उच्च, मैग्नीशियम और पोटेशियम, विटामिन बी 6 और विटामिन ए और सी से भरपूर होते हैं. शिशुओं को ये शुद्ध, शकरगंदी की खिचड़ी, पैनकेक और सूप के रूप में दिया जा सकता है.
11 . ड्राय फ्रूट्स
ड्राय फ्रूट्स में बादाम, पिस्ता, काजू जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं.
आप ड्राय फ्रूट्स को पाउडर के रूप में मिक्स करके या अन्य रूप में भी बच्चों को दे सकते हैं. जैसे बादाम दूध, ड्राय फ्रूट स्नैक बार, ड्राय फ्रूट के लड्डू.
आप चाहें तो घर में ही ड्राय फ्रूट पाउडर बना सकते हैं या आप इसे ओनलाइन भी ओर्डर कर सकते हैं. आर्डर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
इस बात का ध्यान रखें कि कुछ बच्चों को इससे एलर्जी हो सकती है इसलिए 3 दिन के रूल को फॉलो करें.
12 . गाय का दूध (1 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए)
दूध बच्चों के लिए स्वस्थ भोजन में से एक होता है. केवल एक कप दूध से ही बच्चों को कई सारे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि 1 साल से कम उम्र के बच्चे इस दूध को पचा नहीं पाते हैं. शिशुओं को दो साल की उम्र के बाद पूर्ण दूध देना जरूरी है, क्योंकि उचित शारीरिक और मानसिक विकास के लिए वसा आवश्यक है. चार से कम उम्र के बच्चों के लिए एक दिन में लगभग दो बार दूध देना चाहिए.
पनीर, दही और अन्य डेयरी उत्पाद भी वजन बढ़ाने में मदद करते हैं, अगर उचित रूप से इसका इस्तेमाल किया जाए. यहां हमारे घरों में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले डेयरी उत्पादों पर एक नजर डालें.
13. घी
देसी घी कई अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ-साथ वजन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है. पारंपरिक दवा इष्टतम स्वास्थ्य के मुताबिक एक दिन में एक चम्मच घी खाना फायदेमंद होता है. घी 32% एमयूएफए, या स्वस्थ वसा है जो बच्चों में मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है. यह एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी अच्छा है.
एक बार बच्चे के 7 महीने पूरे होने के बाद घी को बच्चे के भोजन में शामिल किया जा सकता है. पहले घी की कुछ बूंदों से शुरू करें और धीरे-धीरे मात्रा में वृद्धि करें, इसे रोजाना एक चम्मच तक ले जाएं. घी कभी-कभी बच्चे के लिए बहुत भारी हो सकती है, इसलिए कृपया इसका उपयोग करते वक्त ध्यान रखें. सर्वोत्तम परिणामों के लिए, घर का बना घी ही बच्चे को दें जो संरक्षक और रसायनों से मुक्त हो. आप हमारी घी की रेसिपी भी ट्राई कर सकते हैं.
14 .पनीर
पनीर एक तरह का भारतीय चीज है और भारतीय घरों में एक पोपुलर पदार्थ है. खासकर एनिमल प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प है. हर तरह का चीज बच्चों के वजन को बढ़ाने में सहायक होता है. इसके साथ ही इससे बच्चों को फोसफोरस, कैल्शिम और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं.
8 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए पनीर स्वास्थ्य अहार है. आप इसे सामान्य रूप में ही बच्चों को दे सकते हैं और इसे फलों या सब्जियों के साथ मिला सकते हैं. इसके अलावा आप बच्चों को पनीर की प्यूरी, पनीर क्यूब, फ्रूटी पनीर प्यूरी और स्वादयुक्त पनीर क्यूब्स. अच्छे रिजल्ट के लिए घर पर ही पनीर बनाएं.
स्वास्थ्यवर्धक तेल
अध्ययनों से पता चलता है कि बच्चे गर्भावस्था के दौरान उपभोग की जाने वाले स्वादों से अधिक परिचित हैं, इसलिए अपने बच्चे को वही खाद्य पदार्थ खिलाकर उसे बेहतर तरीके से पचाने में मदद मिलती है. यही कारण है कि आपके क्षेत्र में जो भी तेल आम हैं, उनका उपयोग करना चाहिए, क्योंकि ये मौसम और आपके बच्चे के शरीर के लिए आदर्श हैं.मिसाल के तौर पर, तमिलनाडु में जिन्गीली तेल लोकप्रिय है, केरल में नारियल का तेल, पश्चिम बंगाल में सरसों का तेल या पंजाब में सूरजमुखी के तेल. आपके घर में आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला तेल आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा खाना पकाने का तेल है, इससे वजन बढ़ाने और आसान पाचन में मदद मिलती है.
हम आपके बच्चे के लिए और पूरे परिवार के लिए खाना पकाने के दौरान कोल्ड प्रेशर तेलों का उपयोग करने की सलाह देते हैं क्योंकि परिष्कृत तेल अत्यधिक संसाधित होते हैं और बहुत सारे पोषक तत्वों को हटा देते हैं. यहां आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले तेलों के कुछ संस्करण दिए गए हैं:
- कोल्ड प्रेस्सेड वरजिन कोकोनट (नारियल ) आयल (तेल)
- कोल्ड प्रेस्सेड ओरगेनिक मस्टर्ड (सरसों) आयल (तेल)
- कोल्ड प्रेस्सेड सेसमें (तिल)आयल (तेल)
- कोल्ड प्रेस्सेड ओरगेनिक सनफ्लॉवर आयल (तेल)
16 . हेल्थ ड्रिंक्स
जब स्वास्थ्य पेय की बात आती है तो बहुत सारे स्टोर के नाम आपके मन में आते हैं. वास्तव में यह अपने आप में एक पूरा उद्योग है. हालांकि, आप सुपरमार्केट में देखे जाने वाले लगभग सभी स्वास्थ्य पेय पाउडर को अतिरिक्त चीनी, कृत्रिम स्वाद और आर्टिफिशियल स्वाद से भरा हुआ देखें. हालांकि ये अस्थायी तौर पर वजन बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं, लेकिन इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी कई हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं.
इन से दूर रहें और अनाज और मसूर के साथ बने एक स्वास्थ्य पेय पाउडर का चयन करें जो हानिकारक additives और preservatives से पूरी तरह से मुक्त है. न केवल इन्हें स्वस्थ वजन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और बढ़ते बच्चों के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं, ये स्वाद को भी बढ़ाते हैं और बच्चों को दूध पीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इनमें से कई स्वास्थ्य पेय में अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं जैसे खांसी और ठंड के दौरान उपचार को ठीक करना. ऐसे कई विकल्प हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं:
- मल्टीग्रेन हेल्थ ड्रिंक पाउडर
- बनाना मल्टीग्रेन ड्रिंक
- इम्यूनबूस्टर ड्रिंक
- अंकुरित रागी मल्ट ड्रिंक
- खजूर स्मूधी मिक्स
- प्राकृतिक सूखे खजूर का पाउडर
- मसाला मिक्स मैजिक
- हल्दी मिल्क मसाला
आप इन हेल्थ ड्रिंक्स के साथ ये आसान रेसिपी भी ट्राई कर सकते हैं. नीचे ऐसी कुछ आसान रैसिपी दी गई हैं जो आप मल्टिग्रेन हेल्थ ड्रिंक पाउडर से बना सकते हैं-
- घर पर बना चोकलेट मल्टिग्रेन हेल्थ ड्रिंक
- हनी ओट्स मल्टिग्रेन पोरडिज
- बनाना मल्टिग्रेन मिल्कशेक
- मैंगो मल्टिग्रेन मिल्कशेक
- होर्लिक्स जैसी सुपर एनर्जी ड्रिंक
17. अंडे
- अंडे के पीले भाग का सब्जियों से भरपूर ओमलेट
- एग योल्क स्क्रेंबल
- एग योल्क क्यूनोआ स्टिर फ्राय
- एग योल्क मैश विद ओरेंज जूस
- एग ड्रोप सूप
18. लीन मीट (पतला मीट)
19. साबुत अनाज
- केला गेहूं खिचड़ी (banana wheat cereal )
- इंस्टेंट गेहूं मूंगदाल खिचड़ी पाउडर (Instant Wheat Dalia Moong Dal Powder)
- इंस्टेंट गेहूं इलायची दलिया पाउडर (Instant Wheat Dalia Elaichi Powder)
20. ओट्स
- ओट्स दलीया
- ओट्स खीर
- सेब ओट्स दलीया
- ओट्स पैनकेक
- ओट्स खिचड़ी
- गाजर ओट्स दलीया
- नमकीन ओट्स दलीया
- ओरगेनिक ओट मील (Organic Oatmeal)
- क्विक ओट्स खिचड़ी (Quick Oats Cereal)
- बनाना ओट्स दलिया (Banana Oats Cereal)
- बनाना ओट्स पैनकेक मिक्स (Banana Oats Pancake Mix )
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