आधे से ज़्यादा गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस प्रभावित करती है . मॉमॉर्निंग सिकनेस दूर करने के 15 घरेलू उपाय के साथ इस समस्या से निजात पायी जा सकती है।
हर गर्भवती को किसी ना किसी प्रकार से मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव होता ही है और यह उनके दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। तो आइए देखते हैं कि मॉर्निंग सिकनेस किन कारणों से होती है और आप इस से प्राकृतिक घरेलू उपचारों की सहायता से कैसे निपट सकते हैं।
मॉर्निंग सिकनेस क्या है?
मॉर्निंग सिकनेस एक ऐसा शब्द है जो गर्भवती महिलाओं द्वारा प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान अनुभव किए गए लक्षणों को वर्गीक्रत करता है। इनमें मतली, उल्टी, बेहोशी और थकान महसूस करना शामिल हैं। मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित महिला इनमें से किसी भी एक लक्षण या एक या एक से ज़्यादा लक्षणों से पीड़ित हो सकती है। यह अनुमान है कि लगभग 50% गर्भवती महिलाओं को किसी न किसी रूप में मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव होता है, जो आमतौर पर गर्भावस्था के पांचवे या छटे सप्ताह से शुरू हो सकता है।
इसके नाम के विपरीत, मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण सिर्फ ‘सुबह में बीमार’ महसूस करने तक ही सीमित नहीं हैं। इस में कुछ माओ को किसी खाद्य पदार्थ की महक से नफ़रत हो सकती है,या कुछ को दिन भर बेचैनी मह्सूस होती है और कुछ को उल्टी हो सकती है। और वो बहुत ही भाग्यशाली हैं जो इन में से किसी भी लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं!
मॉर्निंग सिकनेस किन कारणों से होती है?
मॉर्निंग सिकनेस के लिए कई कारण हैं, लेकिन किसी एक कारण को ही निश्चित रुप में मॉर्निंग सिकनेस कहना गलत होगा।
- बड़ी मात्रा में एचसीजी हार्मोन का उत्पादन, जो बच्चे को पोषण देने की भूमिका निभाता है
- एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन पर वृद्धि जो पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन के मार्ग को धीमा कर देता है
- विटामिन बी 6 में कमी
- इन्द्रियों का अतिसंवेदनशील हो जाना, खासकर गंध के प्रति
- पाचन तंत्र की संवेदनशीलता मे वृद्धि
दूसरी तिमाही शुरू होते ही मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण आमतौर पर दूर हो जाते हैं, लेकिन यह 15-20% गर्भवती महिलाओं में लंबे समय तक चल सकता है। वैसे तो ये खतरनाक नहीं है,लेकिन अत्यधिक उल्टी और भोजन ना खा पाने से या पानी ना पी पाने से ये अधिक गंभीर हो सकता है .आपको dehydration (निर्जलीकरण )हो सकता है। ऐसी कुछ ओटीसी दवाएं हैं जो मॉर्निंग सिकनेस से जुड़ी मतली और उल्टी से राहत देने का दावा करती हैं, लेकिन प्राकृतिक, सुरक्षित उपायों को आजमाना सबसे अच्छा है। यहां हम गर्भवती महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस के लिए 15 आसान घरेलू उपचार बता रहे हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प(substitute)नहीं है। नीचे दिए गए किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक (doctor) से परामर्श करें।
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस दूर करने के 15 घरेलू उपाय
1. सुबह उठते ही कुछ खाएं
खाली पेट मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को बढ़ाता है। सुबह सुबह इस से से बचने के लिए, उठते ही कुछ खाएं, जैसे कि कुछ हल्का फुल्का स्नैक, रस्क या टोस्ट। उन्हें अपनी बेडसाइड टेबल पर रखें ताकि जब भी आप कुछ खाना चाहे आप खा सके.
2.अदरक का सेवन करें
अदरक में ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो जी मचलने के निदान वाली दवाओं के समान काम करते हैं, और पेट को शांत करते हैं। यदि आप अदरक का रस नहीं पी सकती, तो आप इसे पानी या चाय में भी मिला सकते हैं, या ड्राइ जिंजर कैंडी भी ले सकते हैं।
3.तैलीय भोजन से परहेज करें
गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जब आपके सभी दोस्त और रिश्तेदार आपको स्वादिष्ट भोजन का सेवन कराते हैं। मॉर्निंग सिकनेस को दूर रखने के लिए, तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें और केले, सेब, चावल या वाईट ब्रेड जैसे पदार्थों का चयन करें।
4.अरोमाथेरेपी का प्रयास करें
ज्यादातर मॉर्निंग सिकनेस केसेस गंध से जोड़े जाते है। नतीजतन, उन्हें सही गंध का उपयोग करके भी कम किया जा सकता है। पेपरमिंट, नींबू या नारंगी जैसे आवश्यक तेलों का उपयोग करें। एक छोटी कॉटन पर तेल की कुछ बूदे डाले और इसकी गंध लें। आप सेंट्स भी उपयोग कर सकते हैं।
5.अपनी खुराक टाइम पर लें
गर्भावस्था के दौरान दिए जाने वाले कुछ सप्लीमेंट्स में आयरन हो होता है , जो जी मचलने की समस्या को बढ़ा सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या सुबह सुबह खाने की बजाय इन्हे आप रात में खा सकती हैं । यह काफ़ी हद तक जी मचलने को ठीक कर सकता है ।
6. ब्रीथिंग एक्सरसाइज (breathing exercise) करें
कई महिलाओं ने पाया कि नियंत्रित गहरी सांस लेने से मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों से राहत मिल सकती है । ऐसा करने के लिए, पहले एक से तीन गिनने तक नाक से श्वास लें। एक से तीन की गिनती तक अपनी सांस पकड़ो, फिर एक से तीन की गिनती कर के के साँस छोड़ें। जब तक आप बेहतर महसूस न करें तब तक इस चक्र को कुछ बार दोहराएं।
7.दिन में कई बार छोटे छोटे हिस्सों में भोजन करें
तैलीय भोजन खाने से nausea (मतली )बढ़ता है, इस लिए दिन में कई बार थोडा थोडा खाए ।दिन में लगभग 5-6 बार आप खाए ताकि आपका पेट खाली न रहे । प्रोटीन युक्त भोजन ज़्यादा और कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त खाना कम खायेI
8.भोजन के साथ पानी नहीं पीना चाहिए
खाना थोडा थोडा करके खाना चाहिये.अपने आप को ओवर डाइट से बचाने के लिये , खाने के साथ कुछ भी पीना नही चाहियेI भोजन के बीच तरल पदार्थ पीने से बचें, ताकि आपका पेट अधिक ना भरे I
9.हल्का व्यायाम करें
मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए आपको हल्का व्यायाम करना चाहिएI इस से आपको काफ़ी राहत मिलेगी। लाइट वॉकिंग या कुछ खास योगासन गर्भवती महिलाओं के लिए आदर्श माने जाते हैं।
10.नींबू का रस पीएं
नींबू में सिट्रिक एसिड होता हैं जो बाइकार्बोनेट कम्पाउड बनाने के लिए जाने जाते हैं जो मतली(nausea) और मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मदद करते हैं। सिट्रस गंध भी आपको बेहतर महसूस करने में मदद करता है, यही कारण है कि जब आप बहुत अधिक शांत महसूस करते हैं तो नींबू का रस एक अच्छा विकल्प है।
11.विटामिन बी 6 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं
मॉर्निंग सिकनेस का एक कारण शरीर में विटामिन बी 6 की कमी है। कैप्सूल लेने की बजाय, आप इस विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ ले, जैसे कि केला, चिकन, एवोकैडो और सोया।
12.ठंडे खाद्य पदार्थों का चयन करें
कई महिलाओं को खाना पकाने की गंध से ही मोर्निन्ग सिक्नेस हो सकती है । यहां तक कि पकाया गया भोजन भी nausea (मतली) को बढा सकता है, इसलिए ऐसे दिनों में ठंडे खाद्य पदार्थों का चयन करें । सलाद, सैंडविच और फल के रस से बनी बर्फ का गोला सभी आपको पोषण दे सकते हैं वो भी बिना ओवेर फ़ील कराये।
13.पर्याप्त आराम करें
थोड़ी देर के लिए लेटना भी मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों को कम कर सकता है, खासकर तब जब आप पूरा दिन अपने पैरों पर खड़े हैं। भोजन के ठीक बाद नैपिंग से बचें, क्योंकि इससे nausea (मतली) बढ़ सकता है।
14.लक्षणों को ट्रैक करें
यदि आपकी मॉर्निंग सिकनेस आपको कन्फ़्यूस कर रही है, तो इस की डिटेल लिखे जैसे कि ये आपको कब हुयी और इस का क्या कारण है और कैसे और कब आपने बेहतर महसूस किया। यह जानकारी आपको होने से आप काफ़ी हद तक इस से निपट सकते हैंI
15.पुदीना ट्राई करें
मिंट का इस्तेमाल पीढ़ियों से मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए किया जाता रहा है। पत्तियों का pepper ment flavor आपको ठंडक देगा। आप इसे या तो अपनी चाय या जूस में मिला सकते हैं, पत्तियों को ऐसे ही चबा सकते हैं या बस मिचली महसूस होने पर उन्हें सूंघ सकते हैं।
अपनी सभी सावधानियों के बावजूद, आप अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि मॉर्निंग सिकनेस कब खत्म होगी, इसलिए एक छोटा किट हमेशा अपने पास रखें जिसमें प्लास्टिक बैग, गीले पोंछे, एक तौलिया, पीने के पानी और एक माउथ फ्रेशनर हो।
कृपया ध्यान दे वैसे तो मोर्निन्ग सिक्नेस एक आम समस्या है लेकिन लगातार उल्टी या बेहोशी होने पर चिकित्सा की आवश्यकता होती है। यह हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम का संकेत हो सकता है, जो एक अधिक गंभीर बीमारी है। निम्नलिखित संकेतों का ध्यान रखें
- दिन में कई बार उल्टी होना
- 12 घंटे या अधिक समय तक कुछ भी खाने या पीने में सक्षम नहीं होना
- गहरे रंग का पेशाब
- चक्कर आना
- पेट में ऐंठन(अकडन)
यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण नोटिस करते हैं, तो सीधे डॉक्टर के पास जाये। आपको ज़्यादा से ज़्यादा आराम और तरल पदार्थ लेने चाहिए।
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