भारत में धूमधाम से मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों में से एक है जन्माष्टमी का पर्व जो भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्षय में मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। प्रमुख रूप से इस दिन मथुरा और वृन्दावन में रासलीला के कार्यक्र्म होते हैं जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। एक और प्रसिद्ध कार्यक्र्म भी इस दिन होता है जिसमें दही और छाछ से भरी एक मटकी बहुत ऊंचाई पर टांग दी जाती है और नवयुवक और किशोर एक दूसरे के ऊपर चढ़कर पिरामिड सा बनाते हुए उस मटकी तक पहुँचते हैं और उसे तोड़ते हैं। इस उत्सव को महाराष्ट्र में दही हांडी और तमिल में उर्दियादी कहा जाता है। इस पूरे उत्सव को देखने में सबको बहुत आनंद आता है।
इस उत्सव को एक अन्य रूप में भी मनाया जाता है जिसमें घर के छोटे बच्चों को भगवान कृष्ण के रूप में कपड़े पहना कर सजाया जाता है।आप कल्पना कर सकतीं हैं की यह सब देखने में बहुत सुंदर लगता होगा। अगर आप भी अपने नन्हें राजकुमार को कृष्ण रूप में सजाना चाहतीं हैं तो आपकी सहायता के लिए लिए यहाँ कुछ टिप्स दिये जा रहे हैं :
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चमकदार धोती :
कृष्ण रूप में सजाने के लिए सबसे सरल तरीका है की आप बाजार से एक चमकदार धोती ले लें।आप घर में बांधने के स्थान पर आजकल बाज़ार में तैयार सिली हुई धोती मिलती है इसका उपयोग भी कर सकतीं हैं। एक चमकदार विशेषकर पीली धोती और थोड़े से गहने और आपका राजकुमार, नन्हें कृष्ण के रूप में सज कर तैयार है।
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धोती-कुर्ता का जोड़ा :
नन्हें कदमों से चलने वाले राजकुमार को , बाज़ार से सिला हुआ धोती-कुर्ते का जोड़ा पहना दें और आप स्वयं नन्हा कृष्ण अपने सामने देख लेंगी। बस ध्यान रहे की कुर्ते का डिजाइन यहाँ दिये हुए डिजाइन जैसा ही हो,जिसका खुला हिस्सा एक तरफ है, न की आम कुरतों की तरह बीच में से खुला हो । इस तरह के धोती-कुर्ते जोड़े में ही मिलते हैं इसलिए आपको अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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दुपट्टा :
जब आपका लाड़ला कपड़े पहनने में बहुत परेशान करता हो और उसे अधिक कपड़े अच्छे नहीं लगते तो आप एक दुपट्टे से भी उसे कृष्ण के रूप में सजा सकतीं हैं। यह दुपट्टा विशेष रूप से बने सिल्क या सूती कपड़े का होता है। आप इस दुपट्टे को चित्र में दिखाये तरह से या तो उसके हाथ में लपेट दें या फिर उसकी कमर में बांध दें। आप इस दुपट्टे को बच्चे के सिर पर भी सजा सकतीं हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब आपका बच्चा बिना सहारे के सीधा बैठने लायक स्थिति में हो।
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गहने :
अपने कृष्ण को सजाने के लिए आपको कपड़ों के साथ विशेष प्रकार के गहने भी चाहिएँ। इसके लिए आप उन आर्टिफ़िशियल गहने चुनें जिनका वजन बिलकुल न हो और उनसे बच्चों की त्वचा को कोई नुकसान भी न हो। इसके साथ यह भी ध्यान रखें की इनमें कोई लटकने वाला धागा न हो जिसे आपका राजकुमार खींच कर कोई नुकसान न कर ले। अगर आप चाहें तो अपना नन्हें कृष्ण का शृंगार फूलों से भी कर सकतीं हैं। अगर आपके पास अपने कुछ पुराने चमकदार कपड़े हों, तो आप उनसे घर में भी कुछ गहनों को बना कर अपने कृष्ण को सजा सकतीं हैं।
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मुकुट :
कृष्ण एक राजकुमार थे और आपका नन्हा भी एक राजकुमार है। बिना मुकुट के कृष्ण का शृंगार अधूरा है। इसलिए अपने नन्हें के लिए उस मुकुट का चयन करें जो उसकी आयु और उसकी चपलता के अनुरूप हो। मुकुट में लगे धागे और और बनावट इस प्रकार की हो वो कोमल शिशु को परेशान न करे। इसके लिए आप अपने घर में गत्ते और बनारसी कपड़े से घर में भी बना सकतीं हैं।
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बांसुरी और मोरपंख :
कृष्ण की पहचान उनकी बांसुर और मोरपंख से होती है। एक छोटा सा मोरपंख और मेलखाती बांसुरी आपके नन्हें कृष्ण का शृंगार पूर्ण करती है। बस इस बात का ध्यान रखें की आपका कृष्ण हर चीज को मुँह में लेने का शौकीन है, तो यह बांसुरी उसे किसी प्रकार की हानि न पहुंचा दे। जो मोर पंख आपने चुना है उसको मुकुट में अच्छी तरह से चिपका दें जिससे वो कुछ देर तो अपनी जगह टिका रहे ।
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नीला रंग :
कृष्ण का एक नाम नीलांबर भी है यानि जिसका रंग नीला हो। तो अपने नन्हें को वास्तविक कृष्ण का रूप देने के लिए आप त्वचा के लिए सुरक्षित रंग को बच्चे को लगाने वाली क्रीम में मिलाकर उसके शरीर पर लगा दें। लेकिन इसका प्रयोग करने से पहले थोड़ा सा बच्चे के शरीर पर लगा कर देख लें की कहीं बच्चे को इससे एलर्जी तो नहीं हो रही । अगर आप इस प्रयोग को सुरक्षित समझें तभी प्रयोग करें। नवजात शिशु के लिए यह ठीक नहीं है।
अपने नन्हें कृष्ण को तैयार करने में आपने पूरी सावधानी रखी है फिर भी इन बातों का जरूर ध्यान रखें :
- कपड़ों का चयन करते इस बात का ध्यान रखें की उसमें कुछ ऐसा न हो जिससे आपके बच्चे के गले में कुछ फंस जाये।
- बच्चे की त्वचा को नुकसान न करे और कपड़े उसके नाप के अनुरूप ही हो।
- गहनों का चयन करते समय बच्चे की कोमल त्वचा का ध्यान रखें।
- गहनों में मोती या मोती जैसी कोई चीज न हो जो किसी भी तरह से बच्चे को नुकसान पहुंचा सके।
- अपने कृष्ण को खाना खिलाकर और सुलाकर ही तैयार करें जिससे वो इन कारणों से परेशान न हों और आपके आनंद में भी बाधा न आए।
इस पूरे काम में सबसे बड़ी तैयारी आपको करनी है अपने कैमरे के साथ। अपने नन्हें कृष्ण के अच्छी तस्वीरें खींचने के लिए आपका कैमरा आपका साथी बनकर आपके पास होना चाहिए। जैसा ही आपका नन्हा राजकुमार कृष्ण के रूप में तैयार हो, आपका कैमरा इन दुर्लभ पलों को कैद कर सके।
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