डायपर रैशेज़ हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, लेकिन यह शिशुओं के लिए बेहद दर्दनाक हो सकते है। यहाँ मै आपको शिशु में डायपर रैश के घरेलु उपचार बताने जा रही हूँ जिससे आप इस समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हैं .
हर माता–पिता अपने बच्चे को हर समय खुश मूड में देखना पसंद करते हैं, लेकिन डायपर रैशेज़ की वजह से ये बर्बाद हो सकता है या यू कहे कि डायपर रैशेज़ की वजह से मुमकिन नहीं हो सकता है . ये सबसे खुश शिशुओं को भी चिडचिडे और असहज बना सकते है, कहने की ज़रूरत नहीं है कि इससे उनकी त्वचा लाल और सवेदनशील हो जाती है।
डायपर रैश क्या होता है ?
डायपर रैशेज़ छोटे बच्चों के डायपर एरिया ( डायपर पहनने वाला हिस्सा) और गुप्तांग पर हो जाते हैं, आमतौर पर जब वह हिस्सा गर्म, नम वातावरण में रहता है। इसे डायपर डर्मेटाइटिस (diaper dermatitis) भी कहा जाता है और ये साधारणत लाल रंग के होते है, कुछ मामलों में ये, छोटे छोटे दाने या फफोले और स्किन पीलिन्ग ( बाहरी त्वचा का क्षतिग्रस्त हो जाना) के रूप में भी हो सकते हैं .
डायपर रैशेज़ अक्सर दर्दनाक होते हैं और कुछ बच्चों को सम्भवतः ये होने की संभावना भी अधिक होती है वो भी तब, जब उन्हें कोइ दूसरी स्किन प्रोब्लम जैसे कि एक्जिमा हो . 9 से 12 महीनों के बीच के बच्चों को डायपर रैशेज़ होने की सम्भावना सबसे अधिक होती है .
डायपर रैशज़ होने के कारण
- मूत्र और मल के कारण जलन
- बहुत लंबे समय तक डायपर पहने रखना
- बच्चे के आहार में एक नया भोजन शामिल करना
- डायपर या अंडरवियर पहनना जो बहुत तंग हो
- साबुन, वाइप्स या कपड़े धोने के डिटर्जेंट में कैमिकल के कारण होने वाली जलन
- कुछ फ़ैबरिक के कारण जलन होना
- यीस्ट या फंगल इन्फ़ैक्शन ( seborrheic diaper dermatitis)
- डायरिया
- त्वचा की समस्या , जैसे एक्जिमा
- एंटीबायोटिक्स लेना या एंटीबायोटिक लेने वाले व्यक्ति से ब्रेस्ट फ़ीड लेना
टीथिंग से डायपर रैशज़ नहीं होते हैं, हालांकि टीथिंग से डायरिया हो सकता है . दूसरी ओर, एंटीबायोटिक्स का सीधा सम्बन्ध डायपर रैशेज़ से है, क्योंकि वे अच्छे बैक्टीरिया को मार सकते हैं जिनका सुरक्षात्मक प्रभाव होता है।
कारण के आधार पर, डायपर रैशेज़ को निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
इर्रिटेट डर्मेटाइटिस: लगातार गंदे डायपर के सम्पर्क में रहना या लगातार गंदा डायपर पहने रखना
कैंडीडा डर्मेटाइटिस : यीस्ट और फंगल इनफ़ैक्शन के कारण
बैक्टीरियल डर्मेटाइटिस: बैक्टीरियल इनफ़ैक्शनके के कारण
एलर्जी डर्मेटाइटिस : डायपर में पाये जाने वाले किसी भी पदार्थ से एलर्जी या डायपर एरिया पर कोइ प्रोडेक्ट लगाने के कारण होने वाली एलर्जी I
डायपर रैशज़ को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है –त्वचा को खुला रखना , अर्थात अपने बच्चे को डायपर न पहनाये . यह हल्के डायपर रैशेज़ जो अभी अभी निकलना शुरू हुये है, उनके लिए बहुत अच्छा उपाय है, लेकिन कभी–कभी, सिर्फ़ यही काफ़ी नहीं होता है . अपने बच्चे के लिए केमिकल युक्त क्रीम लेने की बजाये मैं यहा आपको डायपर रैशेज़ के लिए कुछ नैचुरल घरेलु उपचार बताने जा रही हूँ जो बहुत अधिक सौम्य हैं, लेकिन फिर भी प्रभावी हैं!
शिशु में डायपर रैश के घरेलु उपचार
1.ब्रेस्टमिल्क
डायपर रैशेज़ के लिए सबसे आसान,प्रभावी और आसानी से उपलब्ध सोल्यूशन है – ब्रेस्टमिल्क . ब्रेस्टमिल्क फ़ैटी एसिड से भरपूर और प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के लिए माना गया है . रैशेज़ पर ब्रेस्टमिल्क लगाने से ये ठीक हो सकते हैं . प्रभावी जगह पर थोडा सा ब्रेस्टमिल्क लगाये और साफ़ डायपर पहनाने से पहले इसे सूखने दे .
2.नारियल का तेल :
घरेलु उपचार मे नारियल के तेल के बहुत ज़्यादा लाभ हैं और उनमे से एक है – डायपर रैशेज़ I जीवाणुरोधी, एंटी–फंगल और एंटीवायरल गुणो के कारण ये रैशेज़ को ठीक करने मे मदद करते हैं जबकि इसमे मौजूद हेल्थी फ़ैट मॉइस्चरिजे करने का काम करते हैं और रैशेज़ बढने से भी रोकते है I बच्चे का निचला भाग अच्छे से साफ़ करके और सूखने पर,वहा नारियल का तेल लगाये और हल्के हाथो से मालिश करे I
3. एप्पल साइडर विनेगर या सिरका :
एप्पल साइडर सिरका के अम्लीय गुण मूत्र की क्षारीय प्रकृति का मुकाबला करते हैं, जिससे कि डायपर रैशेज़, जो ज़्यादा समय गीला डायपर पहनने की वजह से हुये है, उन्हे ठीक करने में मदद करते हैं I इसमे जीवाणुरोधी, एंटी–फंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं और यह कैंडिडा जैसे यीस्ट के विकास को रोकने मे सक्षम है I आप या तो बच्चे के नहाने के पानी में कुछ सिरका डाल सकते हैं या बच्चे को, उसमें डूबे हुये कपड़े से पोंछ सकते हैं। पोंछने के लिए, एक कप पानी में एक छोटा चम्मच सफेद सिरका मिलाएं और पोंछने के लिए एक साफ कपड़े का उपयोग करें।
नोट : गम्भीर रैशेज़ के लिए मै इसकी सलाह नहीं दूंगी क्योकि इसे लगाने से शिशु को चुभन या तीव्र पीडा हो सकती है .
4.ओटमील बाथ :
ओटमील मे कइ कंपाउंड्स पाये जाते हैं जो त्वचा के प्राकृतिक अवरोध की रक्षा करके और छिद्रों को साफ करके डायपर रैशेज़ को ठीक करने मे मदद करते हैं I इसमें एंटी–इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो जलन को ठीक या शांत करता है और दर्द और खुजली को कम करता है। बच्चे के नहाने के पानी में एक बडा चम्मच ओटमील मिलाये और बच्चे को 10 मिनट तक उसमे बैठने या खेलने दें। बच्चे को रगडे नहीं सिर्फ़ थपथपाये . दिन में दो बार दोहराएं।
5. एलोवेरा :
घरेलु उपचार की लिस्ट और वो भी बिना एलोवेरा के आपके पास हो ही नहीं सकती I धन्यवाद है इसमे पाये जाने वाले एंटी इनफ्लमेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुणो का,एलोवेरा डायपर रैशेज़ को ठीक भी कर सकता है और इसके कारण होने वाले कीटाणुओं को भी मार सकता है। जेल रैशेज़ से राहत दिलाने में बहुत असरकारी है I बस बच्चे के निचले भाग पर थोड़ी मात्रा में ताजा एलोवेरा जेल लगाएँ बस इस बात का ध्यान रखें कि जेल प्रभावित स्थान पर अच्छे से लग जाये I
6. बेकिंग सोडा :
अविश्वसनीय लगता है कि बेकिंग सोडा भी डायपर रैशेज़ को ठीक कर सकता है ? लेकिन सच यह है कि यह शिशु की नाजुक त्वचा के पीएच लेवल को बैलेंस करने के लिए एकदम सही है। यह, बैक्टीरिया, कवक और अन्य रोगाणुओं से लड़ने में मदद करता है। गर्म पानी में बेकिंग सोडा के दो बड़े चम्मच मिलाये और इस पानी का इस्तेमाल बच्चे के निचले भाग को धोने के लिए करे I
7.दही :
योगर्ट या दही डायपर रैशेज़ को ठीक करने का अचूक उपाय है – अंदर और बाहर दोनो से I घर के बने गाढे दही में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह डायपर रैशेज़ को शांत या ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा, यदि आपका बच्चा दही खाता है या खाने के लिए तैयार है, तो आप इसे उसके आहार में शामिल कर सकते हैं –इसके प्रोबायोटिक गुण, यीस्ट और माइक्रोबियल संक्रमण से बचाते है। ध्यान रखें कि चीनी वाले दही का इस्तेमाल न करे क्योंकि इससे संक्रमण बिगड़ सकता है।
8.एप्सोम साल्ट बाथ :
मैग्नीशियम सल्फेट – एक कंपाउड जिसका इस्तेमाल सूजन और जलन को शांत करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है,उसका एक और शब्द है सेंधा नमक I मैग्नीशियम शिशुओं में दर्दनाक और खुजलीदार डायपर रैशेज़ को ठीक करने में मदद करता है I बच्चे के नहाने के पानी में आधा कप एप्सोम यानि कि सेंधा नमक मिलाएं और बच्चे को 10-15 मिनट के लिए उसमें बैठने या खेलने दें। अच्छे परिणामों के लिए सप्ताह में 2-3 बार ऐसा करें।
9.कैमोमाइल चाय और शहद :
कैमोमाइल चाय न सिर्फ़ आराम करने का एक शानदार तरीका है, अपितु शहद के साथ, यह डायपर रैशेज़ के लिए एक अच्छा उपाय है। शहद में एंटीसेप्टिक और हीलिंग गुण पाये जाते हैं और यह डायपर रैशज़ को बहुत ही सौम्य तरीके से ठीक करता है Iएक कप कैमोमाइल चाय में आधा छोटा चम्मच शहद मिलाएं और स्प्रे बोतल में डालें। बच्चे के निचले भाग को धोने और सुखाने के बाद सीधे रैशेज़ पर स्प्रे करें। नया डायपर पहनने से पहले इसे सूखने दे I
10. DIY डायपर क्रीम :
सिर्फ इसलिए कि आप कैमिकल से दूर रहना चाहती हैं इसका मतलब यह नहीं है कि आप डायपर क्रीम का इस्तेमाल नही कर सकती I मेपल मनी की इस रेसिपी से आप खुद डायपर क्रीम बना सकते हैं, जिसमें केवल नारियल तेल और कॉर्न स्टार्च का इस्तेमाल किया गया है । क्रॉस इन्फेक्शन से बचने के लिए इसे एक साफ सुथरे , स्वच्छ कंटेनर मे स्टोर करें। आप इसे डियोडरेंट या लिप बाम स्टिक में भी डाल सकते हैं ताकि इसे आप रैशज़ पर सीधे लगा सके।
डायपर रैशेज़ का इलाज करने के लिए सुझाव
- बच्चे को डायपर पहनाने और उतारने से पहले या बाद मे, और रैशेज़ पर जब भी हाथ लगाये उससे पहले या बाद मे अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं
- जहां तक हो सके सादे पानी का ही इस्तेमाल करे , विशेषतः उस का ही छिड़काव करें
- अगर आप साबुन का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो एक माइल्ड सोप फ़्री क्लींजर चुनें
- रैशेज़ वाली जगह को न रगड़े
- कुछ भी लगाने से पहले हमेशा थपथपा कर सुखाये
- ध्यान रखें कि नया डायपर डालने से पहले डायपर एरिया पूरी तरह से सूखा हो
डायपर रैशेज़ से बचने के टिप्स या सुझाव
1. बार बार डायपर बदले : बच्चे के डायपर की जाँच करने और उसके गीले होते ही बदलने के बारे में अतिरिक्त सावधानी बरतें। बच्चे को गीले डायपर मे रखने से रैशेज़ और खराब हो सकते हैं .
2. एरिया को कुछ देर खुला रहने दे : पूरे दिन मे कुछ समय बच्चे को डायपर फ़्री रहने दे ताकि त्वचा को सांस लेने और हील करने का समय मिल जाये .
3. उस हिस्से को रगडे न : रैशेज़ वाली त्वचा मे पीडा हो सकती है, इसलिए रैशेज़ को साफ़ करते समय या वहा क्रीम या तेल लगाते समय उसे रगडे नहीं I इसके बजाय, वहा कुछ भी, धीरे धीरे से थपथपाकर लगाये .
4.बेबी वाइप्स का इस्तेमाल न करे : बेबी वाइप्स अक्सर इरिटेटिंग केमिकल्स से भरे होते हैं जो डायपर रैशज़ का कारण बन सकते हैं। अगर आप फिर भी बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करना चाहती है, तो 100% प्राकृतिक सामग्री से बने सेंट फ़्री वाइप्स चुने I
5.सुगंध रहित या सेंटेड सोप का इस्तेमाल करे : कई साबुन,जो ये दावा करते हैं कि वे पूरी तरह से बच्चों के लिए बनाये गये हैं उनमे भी सुगंध के लिये कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शिशु की त्वचा को नुकसान पहुँचा सकते हैं और अधिक रैशेज़ पैदा कर सकते हैं।
6. फिटिंग वाले डायपर का उपयोग करें : डायपर या अंडरवियर जो बहुत ज़्यादा तंग है डायपर रैश का कारण बन सकते हैं या को ट्रिगर कर सकते हैं। केवल वही डायपर या अंडरवियर पहने जो कि आरामदायक हो और तंग भी न हो है और ब्रीथेबल मैटेरियल ( breathable material) से बने हो I
7.अपने कपड़े धोने की दिनचर्या या तरीका बदलें : बिना कैमिकल वाला माइल्ड डिटर्जेंट का उपयोग करें। गर्म पानी में कपड़े के डायपर धोएं और धूप में सुखाने से पहले उन्हें कइ बार पानी मे से निकाले I सफ़ेद सिरका और पानी 1: 1 अनुपात मे लेकर इसमे से कपडे निकाले I
8. नए खाद्य पदार्थों को धीरे–धीरे आहार मे शामिल करे : बच्चे के आहार में नए खाद्य पदार्थ देने के कारण भी उन्हें रैशेज़ हो सकते हैं, इसी लिये 3-दिवसीय नियम का पालन करे . ताकि आप नए भोजन के कारण होने वाले किसी भी बदलाव को देख सके या निगरानी कर सकें।
कुछ लोग डायपर रैशेज़ पर बेबी पाउडर का उपयोग करने की सलाह देते हैं, लेकिन डॉक्टर इसकी सलाह बिल्कुल भी नहीं देते हैं क्योंकि यदि ये सान्स द्वारा अंदर चला जाये तो यह बच्चों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। डायपर रैशेज़ के लिये कॉर्न स्टार्च एक प्राकृतिक उपचार है , लेकिन अगर ये भी साँस लेने पर अनदर चला जाये तो ये जोखिम भी पैदा कर सकता है कॉर्न स्टार्च भी फ़ंगस कैडिंडा (Candida) की वजह से होने वाले डायपर रैशेज़ को और खराब कर सकता है .
ज्यादातर मामलों में, डायपर रैशेज़ की स्थिति गम्भीर नहीं होती है , लेकिन कभी–कभी, बैक्टीरिया के साथ सेकेंडरी इन्फेक्शन भी हो सकता है, खासकर अगर त्वचा टूट गई हो। यदि आप अपने बच्चे को छाले या फफोले, बुखार, सूजन, पपड़ीदार त्वचा या मवाद निकलते हुए देखते हैं, तो अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
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