कहते हैं की दुनिया में माँ के दूध से बढ़कर कोई नियामत नहीं होती है। लेकिन कुछ स्थितियाँ ऐसी भी होती हैं जब किसी माँ को यह सोचना पड़ता है की काश उसे ब्रेस्ट मिल्क की पंपिंग और सुरक्शित रखने के सुझाव मिल सकते तो शायद अच्छा होता।
किसी भी महिला की जिंदगी में माँ बनने का अनुभव बहुत रोमांच और तनाव से भरा होता है। प्रसव पीड़ा और शिशु जन्म के बीच का पीड़ादायक समय बीत जाने के बाद नयी माँ को अत्यंत थकान और शरीर के दर्द का अनुभव करती है। लेकिन वास्तविकता तो यह है की पूरे गर्भकाल के व्यतीत हो जाने के बाद जब एक नया शिशु जन्म ले लेता है तो एक नया समय और ज़िम्मेदारी शुरू हो जाती है…यह ज़िम्मेदारी है नवजात शिशु की देखबाल करने की ज़िम्मेदारी। यह ज़िम्मेदारी एक नया अनुभव भी देती है जब नव प्रसूता अपने स्तन से अपने शिशु को लगाकर उसे स्तनपान करवाती है। यह निश्चय ही माँ और बच्चे दोनों के लिए ही एक नया अनुभव होता है।
इसके परिणामस्वरूप नव प्रसूता और नवजात शिशु, जब तक दोनों ही आरामदायक स्थिति में नहीं आ जाते हैं ,दोनों को ही अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है की इस समय अवधि के बीच में नवजात शिशु को माँ के दूध का सेवन नहीं मिलेगा। यदि माँ स्वयं बच्चे को दूध पिलाने में असमर्थ होती है तो उसके स्तन के दूध को पंप के माध्यम से बोतल में करके, शिशु को पीने के लिए दिया जा सकता है। इस प्रकार माँ और बच्चे के बीच में एक नयी चीज ब्रेस्ट पंप भी आती है जो दोनों की ही मदद करती है।
ब्रेस्ट पंप कितने प्रकार के होते हैं :
ब्रेस्ट पंप का काम स्तन से दूध को बाहर निकालना होता है। इसके लिए स्तन के निप्पल के चारों ओर एक गोलाकार आकृति में बने पंप को स्तन पर दबाकर दूध को उसी प्रकार बाहर खींच लेता है है जिस प्रकार एक शिशु अपने होंठों से दूध पीता है। इसकी सहायता से स्तनों में रुका हुआ दूध तुरंत बाहर आ जाता है और प्रवाहपूर्ण तरीके से बच्चे को मिल जाता है। दरअसल ब्रेस्ट पंप के तीन हिस्से होते हैं- एक वह भाग जो ब्रेस्ट के ऊपर आकर उसे ढक लेता है, दूसरा वह पंप होता है जो दूध के ऊपर दबाव बनाता है और तीसरा वह होता है जिसमें स्तन से निकला दूध इकट्ठा होता है। आजकल तकनीक के विकास ने अनेक प्रकार के पंप बाजार में उपलब्ध करवा दिए हैं जिसके कारण पंप के अन्य भाग भी हो सकते हैं। यह पंप हाथ से चलाने वाला या फिर बिजली से चलने वाला हो सकता है।
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हाथ से चलने वाला पंप:
इस प्रकार के पंप में पूरी कार्यविधि अपने हाथों से की जाती है। इसमें पंप को दबाने से लेकर दूध निकालने तक का सारा काम अपने हाथ से किया जाता है। आमतौर पर इस प्रकार के पंप साधारण पंप होते हैं और इसमें केवल दो भाग ही होते हैं। लेकिन अगर इन पंपों को प्रयोग करते समय ठीक तरह से इस्तेमाल न किया जाये तो यह पंप अधिक प्रभावी भी नहीं होते हैं। कभी-कभी इन पंपों से दूध निकालने में समय लगने के कारण एक छोटी बोतल भी काफी समय में भरती है।
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इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप :
इस प्रकार के पंप को बिजली की सहायता से चलाया जाता है। इसको प्रयोग करते समय केवल माँ को इस पंप को अपने नियत स्थान पर रखकर इस पंप के स्विच को ऑन कर देना होता है। यह पंप अपने आप ही दबाव बना कर स्तन से दूध निकाल लेता है और कंटेनर में उसे इकट्ठा कर देता है। आमतौर पर ये पंप थोड़े महंगे होते हैं और एक बिजली का पॉइंट की जरूरत होती है। इसमें अलग-अलग स्पीड होने के कारण इन्हें चलाना अधिक आसान होता है और माँ इसे अपनी सुविधा के अनुसार एडजस्ट भी कर लेती है।
मशहूर ब्रेस्ट पंप निर्माता मेड़ला ने इस वीडियो में बिजली से चलने वाले पंप की पूरी प्रक्रिया को समझाया है।
जब स्तनपान करते समय आपका बच्चा पूरी तरह से स्तन के निप्पल को ठीक से पकड़ नहीं पाता है उस समय ब्रेस्ट पंप आपकी सहायता कर सकता है। इसके अतिरिक्त कामकाजी माँ के लिए यह बहुत उपयोगी सिद्ध होता है क्यूंकी इसकी सहायता से वो अपना दूध संग्रहीत या स्टोर करके रख सकतीं हैं। यहाँ आपको हम एक ऐसी माँ की कहानी सुना सकते हैं जिसने इसी पंप की सहायता से अपने काम पर जाते हुए भी , अपने बच्चे को एक वर्ष तक स्तन पान करवाया है।
स्वाती की पंप प्रयोग की सत्य घटना:
30 जून 2014 का वह दिन मेरे जीवन का अविस्मरणीय था जब मैं यूसए की चेस्टफील्ड स्थित सेंट ल्यूक अस्पताल के लेबर रूम में थी। मैं बहुत घबराई हुई थी क्यूंकी मुझे प्रसव के लिए ऑपरेशन करने के लिए ले जाया गया था। अचानाक एक नर्स आई और उसने मुसकुराते हुए मुझसे मेरा हाल पूछा और मुझे आश्वस्त करते हुए कहा की कुछ ही पलों बाद मेरा बच्चा मेरे हाथों में होगा। यह सुनते ही मेरी घबराहट और उत्साह अपने चरम सीमा पर पहुँच गया था। वही नर्स मुझे धीरे से ऑपरेशन रूम में ले जा रही थी। वहाँ मुझे मेरी कमर के निचले हिस्से में लोकल एनेस्थीशिया दिया गया। मैं सांस रोके हुए बस उस पल का इंतज़ार कर रही थी जब मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी मेरे हाथों में होगी। एनेस्थीशिया के प्रभाव के कारण मेरा शरीर सुन्न हो गया था और सामने लगे हरे पर्दे के पीछे क्या हो रहा था, मुझे कुछ नहीं पता था। अचानक मेरे कानों में वो जादुई आवाज आई, जिसे दुनिया बच्चे का पहला रोना कहती है। मैं एक नन्ही सी राजकुमारी की माँ बन चुकी थी।
इसके बाद मुझे मेरे कमरे में ले जाया गया। वहाँ एक नर्स मेरा इंतज़ार कर रही थी जिसने मुझे यह सिखाया की नवजात शिशु को कैसे पकड़ना है और किस प्रकार उसे दूध पिलाना है। मैंने उसके निर्देशों का अक्षरक्षः पालन करने का प्रयास किया,लेकिन पता नहीं क्या गलत था, मेरी राजकुमारी लगातार रोये जा रही थी।
मैंने बहुत प्रयास किया,लेकिन पता नहीं किस कारण से वो मेरे स्तनों को ठीक से पकड़ नहीं पा रही थी और फिर कुछ देर बाद थक कर सो गई। उसके बाद दिन में कई बार मैंने और मेरी गुड़िया ने फिर से प्रयत्न करने का प्रयास किया लेकिन फिर भी कोई तरीका काम नहीं आया। थोड़ी देर बाद जब डॉक्टर ने उसका वजन किया तो परिणाम अच्छा नहीं था, क्यूंकी वो नाज़ुक गुड़िया अपना वजन खो चुकी थी। इसलिए डॉक्टर ने डिब्बे के दूध को देने की सलाह दी। मैंने उनकी सलाह मान ली लेकिन उसे स्तन पान करवाने का प्रयास भी जारी रखा। अगले दिन नर्स ने मुझसे ब्रेस्ट पंप के इस्तेमाल के बारे में पूछा जिससे डिब्बे के दूध के स्थान पर स्तन का ही दूध बच्ची को दिया जा सके। मैंने पहली बार नर्स के कथन का समर्थन किया और फिर तो ऐसा लगा जैसे इतिहास ही रच गया। उसके बाद से लगभग एक वर्ष तक मैंने ब्रेस्ट पंप के द्वारा अपने स्तन का दूध अपनी गुड़िया को दिया और हम दोनों ने डिब्बे के दूध की ओर रुख भी नहीं किया।
ब्रेस्ट पंप इस्तेमाल के लाभ:
- नव प्रसूता के लिए ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने से न केवल उन माँ को आराम मिलता है जिनके शिशु स्तन को ठीक से पकड़ नहीं पाते बल्कि आपके अपने नवजात शिशु के पास न होने पर भी आपके स्तन का दूध उसे बहुत सरलता से दिया जा सकता है।
- इसका एक और भी लाभ है की अब अपने नवजात शिशु को अपना दूध पिलाने के लिए केवल आपको ही रात में जागने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह काम आपके शिशु के पापा भी कर सकते हैं, क्यूंकी ब्रेस्ट पंप की सहायता से आपने पहले ही दूध निकाल कर रख दिया है। ?
- ऐसी कामकाजी माँ जिन्हें प्रसव काल के लिए कम अवकाश मिलता है, वो भी ब्रेस्ट पंप के द्वारा निकले दूध को पीकर माँ के दूध की कमी को महसूस नहीं करेंगे।
- अगर आपकी तबीयत ठीक नहीं है और आपको बुखार हो रहा है तो ऐसी स्थिति में भी बच्चे को पकड़ने से किसी प्रकार का नुकसान न हो तो आप ब्रेस्ट पंप की सहायता से दूध निकाल कर उसे पिला सकतीं हैं।
- यात्रा पर निकालने पर सबसे बढ़ी कठिनाई तब आती है जब आपका नवजात शिशु भूखा होता है और आपको उसे दूध पिलाना अनिवार्य होता है। ऐसे में ब्रेस्ट पंप से दूध बोतल में निकाल कर आप उसे कहीं भी और कभी भी सरलता से पिला कर उसकी भूख शांत कर सकतीं हैं।
- ब्रेस्ट पंप की सहायता से निकले दूध की बोतल शिशु के बड़े भाई-बहन को देने से उनके आपसी संबंध भी मजबूत बनेगे और बच्चे का पेट भी भर जाएगा।
ब्रेस्ट मिल्क संग्रहण निर्देश:
ब्रेस्ट पंप के माध्यम से नवजात शिशु को माँ के दूध के सारे फायदे मिल सकते हैं, लेकिन यह तभी संभव हैं जब इस काम में पूरी सावधानी का ध्यान रखा जाए। पंप के द्वारा निकाला हुआ दूध पीने से बच्चे को यह मूल स्त्रोत से नहीं मिलता है इसलिए संक्रामण होने की पूरी संभावना होती है। इसलिए यहाँ आपको कुछ सुझाव और निर्देश दिये जा रहे हैं जिनके पालन से आप पंप के दूध को सही तरीके से संग्रहीत कर सकेंगी:
- पंप की सहायता से निकला स्तन के दूध को कमरे के तापमान पर 4-6 घंटों तक रखा जा सकता है।
- ताजा स्तन के दूध को यदि फ्रिज में रखा जाए तो उसे 5-7 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
- यदि आप इसे डीप फ्रीजर में रखतीं हैं तो स्तन के दूध को छह महीने तक सुरक्षित रख सकतीं हैं।
- इसे थोड़ा गरम करने के लिए या तो गरम पानी की मदद लें या फिर बोतल गरम करने वाली मशीन में रख कर इसे गरम कर लें।
- जमे हुए स्तन के दूध को गरम करने के लिए माइक्रोवेव या ओवन का सहारा न लें।
- आप चाहें तो 2-4 ओंस दूध को संग्रहीत करके रख लें जिससे जब भी आपका लाड़ला भूखा हो, उसे आपका दूध दिया जा सके।
- जब भी स्तन के दूध को संग्रहीत करना हो तो हमेशा अच्छी और साफ बोतल या इसी उद्देश्य के लिए बने बैग में ही रखना चाहिए।
- दूध संग्रहीत करने से पहले बोतल को किटाणुमुक्त कर लें।
- आपने जिन बैग में एक बार स्तन का दूध संग्रहीत कर लिया है उसे दोबारा इस्तेमाल न करें।
अगर आप अपने स्तन में दूध की मात्रा को बढ़ाना चाहतीं हैं तो हर 3-4 घंटों में पंप के प्रयोग से दूध को निकाल लें, चाहें इसके लिए आपको आधी रात को ही क्यूँ न जागना पड़े। हमेशा दो पंप इस्तेमाल करें, जिससे दोनों स्तनों को एक ही बार में खाली किया जा सके। जब भी आप पंप के द्वारा दूध निकालें तो कम से कम 20 मिनट तक यह प्रक्रिया जारी रखें, या तब तक जब तक आपको दूध की आखरी बूंद के निकालने का एहसास न हो जाये।
यह बात बिलकुल सही है की जब माँ अपने स्तन से लगाकर अपने बच्चे को स्तनपान करवाती है तो इससे दोनों में एक अटूट बंधन का निर्माण होता है। लेकिन यही काम आप दूसरी तरह से भी कर सकतीं हैं। जब आप अपने बच्चे के साथ अधिक से अधिक समय बिताती हैं, उसके साथ खेलतीं हैं तो उसको आपका सम्पूर्ण समय और प्यार बिना किसी बाधा के मिल सकता है। केवल पंप के द्वारा दूध निकालने से ही आपके मात्रत्व पर संदेह नहीं किया जा सकता है।
इसलिए बिना किसी संशय के ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करें!!!
यदि आप परेशान हैं की अच्छा ब्रेस्ट पंप कहाँ से लें तो इसके लिए आप अमेज़न की वेबसाइट को देख सकतीं हैं, वहाँ आपको इससे संबंधी सारी सामग्री बहुत आसानी से मिल सकती है।
लेखिका :
इस लेख की लेखिका स्वाती बासु एक कंप्यूटर इंजीयनर होने के साथ ही एक वर्षीय परी की माँ भी हैं।
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jenish Jariwala says
Meri bhivi ko duth nahi rahahe Muje ILECTRIC POMP KI JARURAT HI TO YE POMP KAHASE MILEGA PLEASE MU JE BATAIYE
Misba Begum says
Yeh pump aap amazon se karidh sakthe hain yaah phir aap bazaar mein bhi dekh sakthe hain. Amazon mein yahaan dekhe https://goo.gl/p1cHtE
Laxmi kant says
Thanks for valuable advise
Miru says
Dudh ki quality utni hi rhti h kya jitni breast milk me hOti h
Hindi MyLittleMoppet says
Miru Ji
Agar proper tarike se store aur pump kiya jaye to quality main koi farak nai ata
Cheers
Hema
ARTI Motavar says
Muje dudh to aa raha he likin meri baby mere nipple ko sirf chatti he wo mere breast se dudh hi nahi khechti
Aesa 1 month se ho raha he
Hindi MyLittleMoppet says
Arti Ji
samnya tor par bacche ko kuch samay lagta hai sucking seekhne mai.
isliye pareshan na ho har do ghate ke antral se usse doodh pilayen.
bacche ko comfortable position mai rakhein. chahein to takiye ka support le aur phir doodh pilayen.
dheere dheere vo seekh jayegi
cheers
Hema
Insia says
Kya breast milk ko Dobaar garam kar sakte hai or mera breast milk bohat kam banraha hai kya kro plz reply
Hindi MyLittleMoppet says
HI
ब्रैस्टमिल्क थोड़ा गरम करने के लिए या तो गरम पानी की मदद लें या फिर बोतल गरम करने वाली मशीन में रख कर इसे गरम कर लें।जमे हुए स्तन के दूध को गरम करने के लिए माइक्रोवेव या ओवन का सहारा न लें।
चियर्स
हेमा
Rishali says
Aj mera baby 5 days ka ho gya h mera dud khyd to bahut zada nikal rha h lrkin ye pee nhi rha kyunki mere nipples andr ko h m kya kru jis se m ise breast feed kra skku plz help me
Hindi MyLittleMoppet says
Rishali Ji
APko inverted nipples ki samsya hai. aap pareshan na ho ye koi samsya nahi hai. thode dheeraj se apne bacche ko breast feed karvaye thode din main aap dono comfortable ho jayenge. aap chahe to artificial nipples ka proyog kar sakti hai ya phir breast pump ka istemal kar sakti hai.
cheers
hema
Rishali says
Thankyou so Much mam mene apke khne pr Breast pump use kiya jis se aj mere baby ne thoda sa dud peeya thankxx mam Agr apse aage bi kuch puchna ho to m kya puch skti huu…
Hemangini says
If there is no any unavoidable reason then I think it will best to give direct breast milk to baby
Hindi MyLittleMoppet says
Dear Hemangini Ji
I agree with you breasmilk is best when given directly from breast to baby , but this blog is for women who for any reason cannot give direct breastmilk to their child.
Cheers
Hema