नन्हें शिशु की माँ जब अपने बच्चे के लिए ठोस आहार की शुरुआत करती हैं तो सबसे पहले खिचड़ी ही बनाना पसंद करतीं हैं। इसका मूल कारण है की खिचड़ी खाने में नरम होती है और इसके खाने से किसी प्रकार की एलर्जी भी नहीं होती है। लेकिन देखा यह गया है की अधिकतर माँ खिचड़ी बनाने के लिए चावल और अनाज का ही इस्तेमाल करतीं हैं और दूसरे अन्य विभिन्न अनाजों का प्रयोग करने में हिचकिचाहट होती है, जबकी इन अनाजों में पोषण की मात्रा बहुत अधिक होती है। ऐसा ही एक अनाज है जौ, जिसे अँग्रेजी में बार्ले भी कहते हैं।
बच्चों के लिए जौ के पोषण संबंधी लाभ :
- इसमें फाइबर की बहुत अधिक मात्रा होती है जिससे बच्चों को मल त्याग करने में सरलता होती है।
- जौ के अंदर फाइबर की मात्रा से बच्चे की आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के पनपने में मदद मिलती है।
- इसमें लाभकारी खनिज जैसे सेलेनियम, मौलिब्डीनम, मैंगनीज, कॉपर, क्रोमियम, फोस्फोरस और मैंगनीशियम बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं।
- जौ में पित्त उत्पन्न करने वाले अम्ल उत्पन्न नहीं होते हैं और इससे लीवर की सेहत में भी सुधार होता है।
क्या मैं अपने बच्चे को जौ दे सकती हूँ?
जी हाँ, आप अपने बच्चे को जौ दे सकतीं हैं,लेकिन पहले उसे छह माह की आयु पूरी कर लेने दें। इसके अतिरिक्त यह भी देख लें की क्या वो दालें और अनाज हजम करने लायक हो गया है या नहीं। अगर आपका लाड़ला यह सब आसानी से खा और पचा रहा है तो आप उसे जौ एक भोजन के रूप में दे सकतीं हैं। क्यूंकी यह उसके लिए एक प्रकार से नया आहार होगा, इसलिए बेहतर होगा की आप तीन दिन वाले नियम का पालन अवश्य करें। जौ को पकाने में सबसे अच्छी सुविधा यह है की इसे नरम या कुरकुरा, जैसा भी आप अपने बच्चे की आयु और सुविधा के अनुसार चाहें, बना सकतीं हैं। फिर भी, शुरुआती दौर में हम आपको नरम खिचड़ी बनाने की ही सलाह दे सकते हैं।
बच्चों के लिए जौ की खिचड़ी कैसे बनाएँ
सामग्री :
- ओर्गनीक जौ की खिचड़ी – 2 बड़े चम्मच
- पानी – जरूरत के अनुसार
विधि :
- जौ खिचड़ी को पानी में इस तरह मिलाएँ की उसमें गांठें न पड़ें।
- एक भगौने में इसे धीमी आंच पर 10-20 मिनट तक पकाएँ या फिर प्रेशर कुकर में 2 सीटी के साथ इसे पका लें।
- यदि आप चाहें तो इस खिचड़ी को पतला करने के लिए थोड़ा स्तन का दूध या फिर डब्बे का दूध मिला सकतीं हैं।
यह ध्यान रखें की जौ को साबुत खाना सेहतमंद नहीं होता है इसलिए इसका छिलका हमेशा उतार कर ही प्रयोग करना चाहिए। जब आप अपने बच्चे के लिए जौ खरीदने जाएँ तो केवल वही लें जो ओर्गेनिक हो और विशेषकर बच्चों के लिए बनी हो। जब आपके लाडले या लाड़ली को इसका स्वाद पसंद आने लगेगा तब आप इसको एक सम्पूर्ण भोजन का रूप देने के लिए इसमें सब्जियों की प्यूरि भी मिला सकतीं हैं।
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