आपको वो कथा तो याद होगी जब यशोदा माँ ने अपने नन्हें कान्हा का मुँह खोलकर उसमें ब्रह्मांड के दर्शन किए थे। उस समय माता यशोदा बिना दाँत वाले कान्हा के मुख से मिट्टी को बाहर निकालना चाहतीं थीं। आज आपका शिशु जब पहला दाँत निकालता है तो आप भी वही खुशी महसूस करतीं होंगी जो उस समय माता यशोदा ने करी होगी। लेकिन जब तक आपके नन्हें के नन्हें दाँत नहीं आते हैं वह अपने भोजन के लिए पूरी तरह से आपके यानि अपनी माँ के ऊपर ही निर्भर होता है। लेकिन कभी-कभी यह स्थिति थोड़ी विकट हो जाती है। प्रकृति के नियमानुसार कुछ बच्चे दाँत के साथ जन्म लेते हैं तो कुछ बच्चे दाँत निकालने के लिए एक वर्ष से अधिक का समय लेते हैं।
अब अगर आप अपने बच्चे को कुछ ठोस देने के लिए उसके दांतों के आने का इंतज़ार करेंगी तो यह ठीक नहीं है। अनुभव के आधार पर आपको यही सुझाव दिया जाता है की जब आपका बच्चा छह माह का हो जाये तो उसे ठोस आहार देना शुरू कर दें। कुछ बच्चे कुछ भी ठोस खाने के लिए अपने दांतों पर निर्भर नहीं होते हैं। और वैसे भी बच्चे के सबसे पहले आगे के दो दाँत अपने दर्शन देते हैं जो खाने के काम नहीं आते हैं। इस समय तक उसके मसूड़े ही इतने सख्त हो जाते हैं की वो थोड़ा बहुत चबा और खा सकता है।
अधिकतर माएँ अपने आठ माह के बच्चे को तरल चीजें जैसे प्यूरि और दलिया खाने को देतीं हैं जो खाने और पचाने में आसान होता है। लेकिन आधुनिक माएँ इस दौर के बाद यह निर्णय नहीं कर पातीं हैं की किस प्रकार वो अपने बच्चे के खाने को थोड़ा ठोस आकार किस प्रकार दें । तो अब आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है की आपके पास अपने प्यारे से बिना दाँत वाले बच्चे को खाने के लिए क्या दें । आप जब तक चाहें उसे अपना स्तनपान करवाएँ और यहाँ दिये जाने वाले 50 प्रकार के खानों की सूची में से कुछ भी आप उसे दे सकतीं हैं।
बिना दांतों वाले शिशुओं के लिए 50 प्रकार के भोजन
फल
आप छोटे बच्चे को पके हुए फल बहुत आराम से सीधे ही खिला सकतीं हैं। इन फलों को आप बिना छिले और अगर बीज हैं तो वो निकाल कर यूं ही दे सकतीं हैं। जो फल थोड़े सख्त हैं उन्हें हल्की आंच में पका कर स्ट्यू बनाकर थोड़ा नरम भी कर सकतीं हैं।
1. केला : अच्छी तरह से पके हुए केले को यूं ही दिया जा सकता है।
2. अवाकादो: अच्छी तरह से पका हुआ अवाकादो बच्चा बहुत सरलता से खा सकता है।
3. आड़ू : पका हुआ आड़ू बच्चे को सीधे खाने को दें।
4. आम : बच्चे के लिए पका हुआ आम लें ,लेकिन याद रखें की ज्यादा रस वाला न हो ।
5. स्ट्राबेरी : बच्चे को देने से पहले छिलका उतार दें ।
6. तरबूज: इसके बीज निकाल कर लाल हिस्सा खाने को दें ।
7. नाशपाती : बच्चे को छील कर दें। अगर फिर भी आपको सख्त लगे तो इसका स्ट्यू बना दें ।
8. सेब : बच्चे को छील कर दें। अगर थोड़ा कुरकुरा लगे तो इसका स्ट्यू बना दें।
9. खरबूजा : अगर यह अच्छी तरह से पका हुआ और नर्म है तो सीधे ही खाने को दें।
सब्जियाँ
जिन बच्चों के दाँत नहीं होते हैं वो सब्जियाँ सीधे ही नहीं खा सकते हैं। इसलिए उन्हें देने से पहले सब्जी को थोड़ा सा उबाल लें । इन सब्जियों को हल्का गलने तक पका लें, लेकिन याद रखें की अधिक न पकाएँ नहीं तो इनका गूदा बन जाएगा और यह आपको भी पसंद नहीं आएगा ।
10. गाजर : नर्म होने तक उबाल लें, लेकिन अधिक न पकाएँ ।
11. फूल गोभी : इसे या तो हल्का भून लें या उबाल लें , लेकिन इसे जलने से बचाएं।
12. ब्रोकली : हल्का सा भाप दें या उबाल लें । अगर अधिक पकाया तो चूरा हो सकता है।
13. आलू : नरम होने तक भाप दें या उबाल लें।
14. कद्द: इसके टुकड़ों को थोड़ा सा नरम होने तक पका लें।
15. ज्यूकिनी : हल्के नरम होने तक उबाल लें या भाप दें।
16. चुकंदर : अच्छी तरह नरम होने तक भाप दें या उबाल लें ।
सुबह का नाश्ता :
यहाँ दिया गया नाश्ता न केवल आपका बच्चा बल्कि पूरा परिवार हंसी-खुशी खा सकता है। इस सूची में भारतीय नाश्ते के साथ अलग-अलग नाश्ते भी दिये हैं जिससे आपका नन्हा बच्चा खट्टे-मीठे स्वाद का आदि हो सके । इसमें आप अपनी इच्छानुसार फल भी प्रयोग कर सकतीं हैं।
17. बिना अंडे का सेब और साबुत दलिये का चीला: अगर आप चाहें तो नमक न डालें।
18. केला टोस्ट : आप बादाम-दूध भी ले सकतीं हैं।
19. वेफ़ल : इसे बनाने के लिए आप नारियल दूध या बादाम दूध का भी प्रयोग कर सकतीं हैं।
20. वेजीटेबल इडली: इसे बनाने के लिए आप शुरू में घिसी हुई गाजर और बाद में सब्जियों का प्रयोग कर सकतीं हैं।
21. ब्लूबेरीज़ ओट्स माफ़िन्स: दूध के स्थान पर आप बादाम दूध का प्रयोग कर सकतीं हैं।
22. तले हुए अंडे : नमक की जगह आप नारियल दूध का इस्तेमाल कर सकतीं हैं।
23. ओट्स सीरियल : अधिक मात्रा में बनाने के लिए फलों का जूस भी इसमें डाल सकतीं हैं।
24. बेबी ऑमलेट : आप दूध का प्रयोग इसमें छोड़ सकतीं हैं
25. स्टीम किया हुआ डोसा : बच्चों को देते समय चटनी पाउडर भी दे सकतीं हैं।
26. केले का चीला : इसके लिए आप स्वयं घोल तैयार करें>
दोपहर और रात का खाना :
जिन बच्चों के दाँत नहीं होते उनकी माँओं के सामने दोपहर और रात का खाना बनाना बहुत बड़ी परेशानी होती है। यहाँ आपकी सहायता के लिए बहुत कुछ दिया जा रहा है। इन चीजों को बच्चे के लिए पकाते समय आप इसमें नमक और मसाले अपने हिसाब से ठीक कर सकतीं हैं।
27. फ्लेवर वाला पनीर : पनीर नर्म होना चाहिए रबड़ जैसा नहीं।
28. चिकन गाजर मिटबौल : इसके साथ आप केवल चिकन बौल भी बना सकतीं है।
29. बटरनट स्क्वैश रिजेटो : इसमें आप कोई भी छोटा चावल इस्तेमाल कर सकतीं हैं।
30. शकरकंद आलू क्रोक्यूएट्टेस: इसमें आप कम नमक के साथ चीज का भी इस्तेमाल कर सकतीं हैं।
31. बटरनट मैक और चीज़ : इसके लिए आप नमक और रसे को छोड़ दें और आप इसमें थाइम के स्थान पर दूसरी ताजी हर्ब भी इस्तेमाल कर सकतीं है।
32. आलू का छोटा परांठा : इसमें नमक न मिलाएँ और बाद में भरावन में मटर भी मिला सकतीं हैं।
33. गाजर खिचड़ी : यह खिचड़ी आप चुकंदर के साथ भी बना सकतीं हैं।
34. बोलोगनों पासता : इसमें आप चिकन कीमा भी डाल सकतीं हैं।
35. घी चावल : अच्छे परिणाम के लिए घर का बना घी ही लें।
36. चिकन नागेट्स : बोनलेस टुकड़े ही लें
छोटा नाश्ता :
जब आप बच्चे को समय से सारे खाने दे रहीं हैं तो इस सूची में दी गई चीजों को आप बीच में भी खाने को दे सकतीं हैं। इन चीजों को बनाते समय आप शेष चीजों में संतुलन बनाएँ जिससे पूरे दिन सिर्फ सब्जी ही न हो जाए।
37. नरम पनीर :
38. तली शकरकंद : घर की बनी टमाटर की सौस के साथ दें
39. फूलगोभी के नगेट्स : नमक न डालें । इसमें दालों के पाउडर का इस्तेमाल आप ब्रेड का चूरे के स्थान पर कर सकतीं हैं।
40. पालक पकौड़े : इसमें मिर्चें न डालें ।
41. बेक्ड अवाकादो फ्राई : इसमें दालों के पाउडर का इस्तेमाल आप ब्रेड का चूरे के स्थान पर कर सकतीं हैं।
42. कद्दू सूजी फिंगर : घर की बनी टमाटर की सौस के साथ दें
43. केला ओटमील फिंगर: इसमें आप घर का बना सूखे मेवे का पाउडर मिला सकतीं हैं।
44. ब्रोकली चीज नगेट्स: : इसमें दालों के पाउडर का इस्तेमाल आप ब्रेड का चूरे के स्थान पर कर सकतीं हैं और बिना नमक वाला पनीर इस्तेमाल करें
मिठाई :
हालांकि आपको रोज मिठाई या मीठा बनाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन जब भी आप बनना चाहें तो कम मीठा रखकर जब बनाएँगी तो बाद में बच्चे को अधिक मीठा खाने की आदत नहीं पड़ेगी।
45. गाजर केक : इसे बनाते समय सोडे का प्रयोग न करें बल्कि बादाम या नारियल दूध का प्रयोग करें।
46. सेवेईन पायसम : स्वाद बढ़ाने के लिए आप सूखे मेवे का पाउडर भी मिला सकतीं हैं।
47. दहि फल : खट्टा दहि न लें।
48. जमा हुआ सेब सौस :
49. एग पुडिंग : आम दूध के स्थान पर नारियल या बादाम दूध का प्रयोग करें।
50. आटे का हलवा : बच्चे के लिए बहुत पतला न बनाएँ ।
बिना दाँत वाले बच्चों के लिए कुछ सलाह :
1. बच्चे के लिए कोई भी रेसिपी बनाते समय उस पर लिखी आयु सलाह को भी देख लें।
2. बच्चे को एलर्जी से बचाने के लिए तीन दिनों वाला नियम याद रखें।
3. जब भी आपका बच्चा खा रहा हो तो उसके साथ कमरे में ही रहें।
4. जब भी आप बच्चे को नया खाना दें तो पहले थोड़ा सा ही दें।
5. यदि आपको कोई संदेह हो तो डॉक्टर से सलाह करें।
अधिकतर बच्चे अपना खाना खाने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं और वो बिना दाँत से खाने के लिए मुँह के पिछले हिस्सा का प्रयोग करके निगल लेते हैं। लेकिन कई बार खाना खाते समय गले में अटकने से घुटन होती है और वो मुँह का खाना बाहर फेंक देते हैं। ऐसे में जबरदस्ती खाना अंदर न करें क्यूंकी यह खतरनाक हो सकता है। थोड़े से प्रयत्न के बाद आपका बच्चा खाना खाने में आनंद लेगा और आप उसकी बिना दांतों वाली मुसकान का आनंद ले सकेंगी।
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