नमस्कार! माई लिटिल मोपेट में आपका स्वागत है. आप सभी के द्वारा ईमेल, कमेंट्स और सोशल मीडिया के द्वारा पूछे गए सभी सवालों के लिए धन्यवाद. हालांकि, मुझे आप सभी रीडर्स के साथ जुड़ना और सवालों के जवाब देना काफी पसंद है लेकिन रोजाना आने वाले ढेर सारे मेल्स के कारण ये थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इस वजह से कई सारे सवालों का जवाब देने में न सिर्फ देरी होती है बल्कि काफी वक्त भी लग जाता है.
इसलिए इस काम को थोड़ा आसान बनाने के लिए मैंने माई लिटिल मोपेट से लगातार पूछे जाने वाले सवालों की सूची बनाई है. हम इस पेज को लगातार अपने रीडर्स के लिए नए जवाबों के साथ अपडेट करते रहेंगे.
- कृप्या मुझे बताएं कि किसी (विशेष) रैसेपी को कैसे बनाएं
यह सबसे ज्यादा बार पूछा जाने वाला सवाल है और इसका जवाब बेहद आसान है. हमारी वेबसाइट में ऊपरी बाएं कौने पर एक टैब है जिसे सर्च (search) बटन कहते हैं. आप इसमें उस शब्द (केला) का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे जुड़ी रैसेपी आप ढूंढ रहे हैं और फिर सर्च कर सकते हैं.
यह सर्च पेज गूगल द्वारा संचालित है और इसलिए आप जैसे ही सर्च में इस शब्द (केला) को डालेंगी वैसे ही आपको उससे जुड़े सभी लिंक्स आसानी से मिल जाएंगे.
इसी तरह से आप मोबाइल में भी सर्च कर सकती हैं.
अगर आप तब भी वो नहीं ढूंढ पाती हैं जो आप ढूंढना चाह रही हैं तो यहां पर हम आपके लिए कुछ लिंक्स दे रहे हैं.
- मेरे बच्चे का वजन सिर्फ ‘xx’ है और वह अपनी उम्र के बच्चों के मुताबिक छोटा लगता है, मुझे बताइए कि किस तरह से उसका वजन बढ़ाया जा सकता है?
रोजाना प्राप्त करने वाले 80% मेल्स में मुझसे पूछा जाने वाला सवाल यही होता है कि किस तरह से हम अपने बच्चे का वजन बढ़ा सकते हैं. खासकर लोग ये पूछते हैं कि, किस तरह मुझे पता चल सकता है कि मेरे बच्चे का वजन कम है और इस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए. गोल मटोल होने का मतलब ये नहीं है कि आपका बच्चा स्वस्थ है, क्योंकि एक मोटा बच्चा भी अपने जीवन में कई बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है.
मेरा मंत्र है-
‘जब तक बच्चा सक्रिय और स्वस्थ है, तब तक मुझे उसके वजन को लेकर को चिंता करने की जरूरत नहीं है.”
हालांकि, इसके बावजूद बच्चे के वजन का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि बच्चे का वजन कम होना या ज्यादा होना भी उसे कई तरह की बीमारियों का शिकार बना सकता है. इसलिए यहां एक आर्टिकल है जो आपकी इसमें मदद करेगा कि आपके बच्चे की सही लंबाई और वजन कितना होना चाहिए.
यह याद रखना जरूरी है कि यदि आपके बच्चे का जन्म समय से पहले हुआ है तो यह मानक संख्या उस पर लागू नहीं होगी और ऐसे मामले में बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा रहेगा. वहीं किसी भी मामले में ये संख्या पूर्ण रूप से लागू नहीं होती है और भिन्न-भिन्न बच्चों में बदलती रहती है. यहां तक कि भाई बहन का भी वजन एक जैसा नहीं होता. वहीं, इससे तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता जब तक आपका बच्चा स्वस्थ, सक्रिय और सामान्य रूप से बढ़ा होता है.
- मेरी बेटी जो पहले खाना खा रही थी पिछले कुछ (7 दिन) दिनों से ठीक से खाना नहीं खा रही है और केवल दूध पी रही है. कृप्या मुझे कुछ सलाह दें कि मैं किस तरह से उसे खाना खिलाऊं
6 महीने से लेकर 12 महीने के बच्चे कई बार केवल दूध पीना ही पसंद करते हैं चाहे स्तनपान हो या फिर फॉर्मुला और कुछ भी तरह के ठोस खाने से इंकार करते हैं. बच्चे दूध पीना इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें स्तन या बोटल से चूसने की आदत होती है और ठोस खाना खाने की मेहनत से ज्यादा उन्हें ये आसान लगता है. जब तक आपके बच्चे को इस दौरान आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, तब तक चिंता की कोई बात नहीं है.
यहां आपको बताते हैं कि आप अपनी बेटी को किस तरह स्वस्थ रख सकती हैं और ठोस खाना खाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं.
- पर्याप्त स्तनपान कराएं .
- ठोस खाने में इस तरह के पदार्थ चुनें जो कम मात्रा में ही ज्यादा न्यूट्रिशन दे सकें. इनमें अवोकाडो, योगर्ट, टोफू, अंडे और सब्जी (जैसे गाजर और स्क्वैश) को चुना जा सकता है.
- शायद आपका बच्चा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा हो कि वह व्यंजन में अपग्रेड चाहता है! उसे हाथ से खाने वाला ज्यादा खाना दें, जिसे वह खुद अपने हाथ से खाए और खत्म हो जानें पर खुद साफ कर दे.
- अपने बच्चे के सामने विभिन्न प्रकार का खाना रखना जारी रखें और फिर भूल जाएं कि वह भोजन के साथ क्या करता है. कोई टिप्पणी नहीं, कोई कैजोलिंग नहीं और न ही बार बार कुछ बोलना.
- महत्वपूर्ण बात यह है कि इसपर किसी तरह का शक्ति संघर्ष न बनाएं और न ही किसी भी तरह की प्रतिक्रिया दें. इस तरह आपको सच में एक अच्छा खाने वाला मिल जाएगा
- मेरा बच्चा खाना ठीक से नहीं चबाता बस निगल जाता है. मैं उसे कैसे खाना चबाना सिखाऊं?
जीभ को नियंत्रित करना सीखना एक कौशल है जिसे सीखने के लिए काफी प्रेक्टिस की जरूरत है. कुछ बच्चों को खाने की बनावट से परेशानी होती है. उन्हें किसी नए खाने से परिचित करने के लिए आपको काफी कोशिश करनी पड़ सकती है ताकि वे उस खाने के पास आएं. कई बच्चे कुछ बार ट्राय करने के बाद नए तरह का खाना खाना शुरू कर देते हैं, लेकिन कई बच्चे जैसे मेरा बेटा उसके लिए मुझे कम से कम 25 से 30 बार उसे वो खिलाना पड़ा और हर बार वह केवल एक बाइट खा कर उसे छोड़ देता था.
- अपने बच्चे को उस खाने की पेशकश करते रहें जो आप उसे खिलाना चाहते हैं. उसे वो खाने की जरूरत नहीं है लेकिन उसके बारे में जानने की जरूरत है. वह उसे उठा सकता है और उसके साथ खेल सकता है और उसे महसूस कर सकता है. यह बिलकुल सही है. उसे धीरे धीरे ही इस तरह के खाने की आदत होगी. यह एक तरह की प्रक्रिया है.
- अपने बच्चे को छोटे टुकड़ो में कटा हुआ आसानी से चबाए जाने वाला खाना दें. वह वास्तव में एक कुरकुरे क्रैकर की तुलना में अपने मुंह में केले का नरम टुकड़ा चबाना ज्यादा पसंद करेगा. केला, पकी हुई मटर और गाजर, अवोकाडो, प्लेन पकी हुई मैक्रोनी आदि चीजें आप अपने बच्चों को खिला सकती हैं.
- कभी कभी अपने बच्चे को चम्मच दे दें और उन्हें खुद खाने की कोशिश करने दें. इस तरह शायद वह केवल थोड़ा बहुत खाना ही अपने मुह में डाल पाएगा लेकिन इस तरह वह ज्यादा वक्त के लिए इसे अपने मुह में रखेगा और अच्छे से चबाएगा.
- जब आपका बच्चा बहुत ज्यादा भूखा हो तो पहले उसे नए तरह का खाना खिलाएं. अगर आप चाहते हैं कि वह केला खाए लेकिन उससे पहले आप उसे योगर्ट खिला देते हैं और उसकी भूख खत्म हो जाएगी और वह केला खाना पसंद नहीं करेगा. जब आप नाश्ते को तैयार कर रहे हों, उसे अपनी ऊंची कुर्सी पर बैठाएं और उसे केले के कुछ टुकड़े दे दें. जिससे वह खेलने की कोशिश करे और खाए तब तक आप बाकि का केला आराम से उसके नाश्ते के लिए काट लेंगे.
- शांत रहें. हम जानते हैं कि यह काफी मुश्किल है क्योंकि जब आपका बच्चा केवल तीन बाइट खाना खाता है तो यह काफी निराशाजनक लगता है! लेकिन अगर आप इस वजह से नाराज होंगी तो वह सच में खाना नहीं खाएगा. मैं आपको अपने अनुभव से बता सकती हूं कि इससे स्थिति नहीं बदलेगी. आप लगातार उसके साथ काम करते रहें और आप स्थिति को बदलते हुए देखेंगे.
- मैं परेशान हूं क्योंकि मेरे 13 महीनें के बच्चे के अब तक दांत नहीं आए हैं, प्लीज मुझे कुछ सलाह दें कि मैं क्या कर सकती हूं?
सभी बच्चे बढ़े होने में अपना अपना वक्त लेते हैं और उनकी किसी दूसरे बच्चे से तुलना नहीं की जा सकती. यहां तक कि खुद के भाई बहन के साथ भी नहीं. मेरे बेटे का पहला दांत उस वक्त आया था जब वह केवल 8 महीने का था. वहीं मेरी बेटी के दांत उस वक्त आए थे जब वह 14 महीने की थी. इसलिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है और आप चिंतामुक्त होकर अपना ये वक्त एन्जॉय करें.
- खाना खाने के कुछ वक्त बाद ही मेरी बेटी पोटी कर देती है, क्या यह किसी पाचन परेशानी के कारण हो रहा है? इस वजह से मेरी बेटी के वजन पर तो असर नहीं होगा?
यह एक सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है जबतक आपका बच्चा पोटी करते वक्त रोता नहीं. जैसे ही खाना पेट तक पहुंचता है, यह एक पेरिस्टाल्टिक तरंग शुरू करता है जो गुदा में मल को धक्का देता है, वह जो खाना खाती है वो उसके पेट में जाता है और पाचन के बाद ही केवल मल के रूप में उसे निष्कासित करती है.
- मेरा बच्चा (4, 5, 6 महीने) का हो गया है. मुझे लगता है कि अब वह ठोस खाना खा सकता है तो क्या मुझे उसे ठोस पदार्थ देना शुरू करना चाहिए और मुझे किस तरह का डाइट चार्ट फॉलो करना चाहिए?
हमारे पास इस पर एक पुरा चार्ट बना हुआ है. आप इस लिंक पर क्लिक करें जिससे आप समझ पाएंगी कि आपको किस तरह से शुरू करना है.
- मेरे बच्चे को मीठा खाना पसंद नहीं है, क्या मैं उसके खाने में नमक मिला सकती हूं?
एक साल या एक साल से कम उम्र के बच्चों को नमक खिलाना सही नहीं माना जाता. अगर आप इसका कारण जानना चाहती हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
- मैं अपने बच्चे को ज्यादा स्तनपान नहीं करा पाती और उसे फॉर्मुला पसंद नहीं है. क्या मैं अपने 5 महीने के बच्चे को गाय का दूध दे सकती हूं?
एक साल या एक साल से कम उम्र के बच्चों को गाय का दूध नहीं देना चाहिए. गाय के दूध में कम मात्रा में आयरन मौजूद होता है और इस वजह से गाय का दूध पीने वाले बच्चों में आयरन की कमी यानी एनीमिया हो सकता है.
गाय के दूध में सोडियम, पोटेशियम,, मैग्निशियम और फोसफोरस की भी अधिक मात्रा होती है और इससे नवजात की किडनी पर प्रभाव पड़ता है. जिसके कारण नवजात के शरीर में से ज्यादा पानी निकलता है जिसके कारण डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है.
- मेरे टोडलर को कितने दूध की जरूरत है?
1. अमेरिकन अकेडमी ऑफ पेईडिएट्रिक्स द्वारा हाल ही में की गई एक स्टडी के मुताबिक रोजाना 2 कप गाय का दूध बच्चे के लिए काफी है.
2. साल की उम्र तक के बच्चे को वसा से भरपूर दूध पिलाना चाहिए क्योंकि यह ताकत का एक अच्छा स्रोत है और मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए इसमें फैटी एसिड मौजूद होता है.
3. 2 साल की उम्र के बाद आप कम वसा युक्त दूध उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं अगर आपका बच्चा इसे पसंद करता है.
4 .अपने बच्चे को दूध की बोटल की जगह कप से दूध दें.
5 . 2 साल की उम्र के बच्चे को हॉर्लिक्स, बोर्नवीटा और पीडियाशोर जैसी चीजें देने से बचें. यहां तक कि 2 साल के बाद भी यही सलाह दी जाती है कि आप घर पर बना हेल्थ मिक्स ही अपने बच्चे को दें और मार्केट में मिलने वाली इन चीजों से बचें.
- मेरे टोडलर को दूध पसंद नहीं है, मैं उसे ऐसा क्या दूं जिससे उसके शरीर की कैल्शियम रिक्वायरमेंट पूरी हो सके?
ऐसा जरूरी नहीं है कि आपके टोडलर को कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए दूध की ही आवश्यकता हो. डेयरी पदार्थ जैसे दही, पनीर, चीज, घी, मख्खन आदि से भी उसके शरीर को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिल सकता है. डेयरी के अलावा हरी सब्जियों, बादाम, तिल के बीज, अंजीर और सीफूड से भी बच्चे को कैल्शियम मिल सकता है.
- क्या मैं अपने तीन महीने के बच्चे को पानी दे सकती हूं क्योंकि हमारे शहर में बहुत गर्मी है?
WHO 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को पानी देनें के सख्त खिलाफ है क्योंकि मां का दूध पीने वाले बच्चों को इस उम्र में पानी की जरूरत नहीं होती है. मां के दूध में लगभग 80 प्रतिशत पानी होता है. खासकर जब वह पहली दफा दूध पिलाती है तो. इतना आपके नवजात की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है. यहां तक कि फॉर्मुला दूध पीने वाले बच्चों को भी 6 महीने तक पानी नहीं देना चाहिए. अगर बाहर ज्यादा गर्मी है तो बच्चे को ज्यादा दूध पिलाना चाहिए न कि उसे पानी देना चाहिए.
- मैंने अपने शिशु को ठोस आहार देना शुरू कर दिया है लेकिन वह काफी कम पानी पीता है. इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए?
यदि आपने अपने बच्चे के लिए ठोस आहार शुरू कर दिए हैं, तो आप भोजन के दौरान उसे खुले कप में पानी दे सकते हैं.
- मेरे शिशु को रोजाना कितना पानी पीने की आवश्यकता है?
यह कहना बेहद मुश्किल है कि किसी भी बच्चे के लिए कितना पानी पीना जरूरी है. यह शरीर की बहुत सी चीजों पर आधारित है. यह मेटाबोलिज्म, सक्रियता, मौसम और खाने के मुताबिक बदलता है. (कई खाद्य पदार्थों में पानी की अधिक मात्रा होती है और कइयों में नहीं होती)
शिशुओं और बच्चों को आम तौर पर अपनी प्यास की तुलना में किसी और की आवश्यकता नहीं होती है – उन्हें केवल अपने लिए यह तय करने का मौका चाहिए, वैसे ही वयस्क भी करते हैं. खुद को आश्वस्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपके शिशु / बच्चे को पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए मिले.
अंगूठे के नियम के रूप में, 12 महीने की उम्र के बाद, यदि आपके बच्चे का पेशाब हल्का पीला है, तो इसका मतलब है कि उसे पर्याप्त हाइड्रेशन मिल रहा है और आपको उसके पानी के सेवन के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
- क्या आप मुझे बता सकते हैं कि कहीं बाहर जाने पर मुझे मेरे शिशु को किस तरह का खाना देना चाहिए?
कहीं बाहर जाते वक्त अपने बच्चे या शिशु को दिए जाने वाले खाने की सूची देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें. इसमें एक मुफ्त में डाउनलोन्ड कर सकने वाली सूची भी उपलब्ध है.
- मेरा बच्चा रात के वक्त नहीं सोता, मैं ऐसा क्या करूं कि वह रात में सोए?
इस सवाल का सही जवाब देने के लिए शिशु या बच्चे की उम्र पता होना जरूरी है.
कोई भी दृष्टिकोण सभी बच्चों के साथ हर समय या एक ही बच्चे के साथ हर समय काम नहीं करेगा. शिशुओं के सोने का वक्त अलग होता है और परिवार की जीवन शैली अलग होती है. रात के माता-पिता की शैली में काम करना जारी रखें जो आपके बच्चे के स्वभाव और अपनी जीवनशैली को उसके मुताबिक बदलता है. अगर यह काम कर रहा है, तो इस तरीके का ही प्रयोग करें.
एक शांतिभरा दिन आरामदायक रात का प्रतीक होता है. दिन के दौरान आप जितना अधिक संलग्न होते हैं और दिन के दौरान जितना अधिक बच्चा शांत होता है, उतनी ज्यादा ही संभावना होती है कि वह रात में भी शांत रहेगा और आराम से सो जाएगा. अगर आपका बच्चा रात के दौरान नहीं सोता तो दिन के वक्त क्या परेशानी हुई इसकी सूची तैयार कर लें.
रोजाना अपने दिन में उस वक्त को चिन्हित कर लें जब आप सबसे ज्यादा थकान महसूस करती हैं. जैसे 11 बजे से 4 बजे के बीच. इस बीच अपने शिशु के साथ लगभग एक हफ्ते तक लेटें जिससे उसे दिन के वक्त कुछ देर सोने की आदत हो जाए. इस तरह दिनभर कुछ न कुछ करने के साथ ही आपके बच्चे को दिन के वक्त आराम करने की भी आदत हो जाएगी. दिन के वक्त कुछ देर की नींद लेने वाले बच्चे संभावित रूप से रात में ज्यादा वक्त तक सोते हैं.
तनावपूर्ण मांसपेशियों और व्यस्त दिमाग को आराम पहुंचाने के लिए अपने बच्चे की मालिश करें और उसे गर्म पानी से नहलाएं. हालांकि, इस दौरान सावधान रहें क्योंकि इससे कुछ बच्चे उत्तेजित हो जाते हैं.
शिशु जो निरंतर सोते हैं और समय के मुताबिक रोजाना सो जाते हैं वो आमतौर पर जल्दी और ज्यादा वक्त के लिए सोते हैं.