होली को भारत में सबसे उत्साहपूर्वक मनाया जाने वाला त्योहार माना जाता है, और शायद दुनिया में भी! फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है, यह ठंड के मौसम के अंत और वसंत की शुरुआत का भी प्रतीक होती है।
होली के त्योहार के साथ कई कहानियां जुड़ी हुई हैं, जिनमें से एक होलिका की कहानी है। होलिका दुष्ट राजा हिरण्यकश्यप की बहन थी, जो इतना घमंडी था कि वह अपने ही बेटे प्रहलाद को खुद को भगवान न मानने के लिए मारना चाहता था। चूँकि होलिका को अग्नि से प्रतिरक्षित होने का दिव्य वरदान प्राप्त था, इसलिए उसे अपनी गोद में प्रह्लाद के साथ चिता में बैठने का आदेश दिया गया था। हालाँकि, अंतिम समय में, होलिका का हृदय परिवर्तन हुआ और उसने उसके वरदान के बदले प्रह्लाद को बचने की प्रार्थना की, जिसके परिणामस्वरूप वह लड़का बच गया, जबकि होलिका जलकर मर गई।
जबकि होलिका की कथा होलिका दहन करके मनाई जाती है, होली की मुख्य विशेषता निश्चित रूप से रंगों के साथ खेलना है! माना जाता है कि मौसमी संक्रामक रोगों से बचाव के लिए रंगों के अनुप्रयोग का शरीर पर उपचार प्रभाव पड़ता है। जबकि यह पुराने दिनों में सच हो सकता था जब प्राकृतिक हर्बल रंगों का उपयोग किया जाता था, रसायन से भरे आधुनिक रंग वास्तव में अच्छे से अधिक नुकसान करते हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपने परिवार के साथ होली नहीं खेल सकते । नीचे दिए गए बच्चों के साथ सुरक्षित और इको-फ्रेंडली होली मनाने के टिप्स आपको सुरक्षित और मस्ती भरी होली खेलने में मदद करेंगे।
बच्चों के साथ सुरक्षित और इको-फ्रेंडली होली मनाने के टिप्स
- अपने शरीर के खुले हिस्सों जैसे मुँह, हाथ पर सनस्क्रीन लोशन लगाएं
- होली खेलने जाने से पहले अपने बालों की अच्छे से तेल मालिश करें
- घर पर बने शुद्ध होली के रंगों से ही होली खेलें
- पानी पीते रहे इससे आपको डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होगी
- फर्स्ट ऐड किट को किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रखें
- होली खेलने के तुरंत बाद बेसन, दही और हल्दी के मिश्रण से नहाये जिससे होली का कलर आसानी से छूट जायेगा
- होली खेलने के लिए अण्डों, वार्निश या मिटटी का प्रयोग ना करें।
- मुँह, नाक , आँखों और खुले घावों के आस पास रंग ना लगाएं
- पेड़ -पौधों और पालतू जानवरो पर रंग न डालें
- अगर आपको कलर से एलर्जी है या आपको आस्थमा की शिकायत है तो होली ना खेलें
- बच्चों को कभी भी अकेले होली ना खेलने दे
- होली के रंग छुड़ाने के लिए मिटटी के तेल का उपयोग ना करें
- बच्चों को एक दूसरे के उप्पर पानी से भरे गुब्बारे ना फेकने दे
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