बंद नाक के कारण आपके बच्चे को सांस लेने और खाने में दिक्कत हो सकती है जिससे आपका बच्चा परेशान हो सकता है.बच्चे को बंद नाक से राहत देने के 20 घरेलु उपाय से अपने बच्चे को बंद नाक से आराम दें।
क्या आपने कभी एक जुखाम से परेशान बच्चे को संभाला है? यदि आपका जवाब हां है, तो आपने माता-पिता के दौर के सबसे कठिन प्रयासों में से एक का अनुभव किया है!
जुखाम से परेशान बच्चे को संभालना किसी भी अन्य स्थिति को संभालने से ज्यादा कठिन है. शिशुओं के लिए सांस लेने का एक मात्र तरीका नाक है, अगर ये बंद हो तो शिशु, व्यस्क लोगों की तरह सांस लेने के लिए अपने मूंह का इस्तेमाल नहीं कर पाते. जुखाम के कारण बच्चे मां का दूध भी नहीं पी पाते. जिसके कारण उनका वजन घट सकता है और मुख्य रूप से उनमें पानी की कमी हो सकती है.
शिशु की नाक बंद (nasal congestion) होने के कारण
- शिशुओं की नाक के मार्ग बहुत छोटे होते हैं. जिस कारण छोटी से छोटी चीज यहाँ तक की एस्पिरेटेड ब्रेस्ट मिल्क भी उनकी बंद नाक होने का कारण बन सकती है.
- वायरल इंफेकश्न नाक बंद होने का मुख्य कारण है. मुख्य रूप से ये जुखाम और खांसी से फैलता है.
- कुछ मामलों में बेक्टीरियल इंफेकश्न भी नाक बंद होने का कारण साबित होता है.
- कुछ बच्चों को एलर्जी के कारण भी ये समस्या हो सकती है.
- मौसम में बदलाव भी बच्चों की नाक बंद होने का कारण हो सकता है. सर्दियों में ये दिक्कत ज्यादा होती है.
- जिन शिशुओं में लगातार नाक बंद होने की परेशानी होती है. उन्हें सिन्युसिटिस या नाक संबंधी विकृतियां जैसे डेविएटिड स्पेटम और नैसल पोलिप्स हो सकते हैं.
हालांकि, कफ हमें एक खलनायक के रूप में नजर आता है लेकिन असल में ये एक नायक की तरह काम करता है. हम सबके शरीर में रोगाणुओं या गंदगी को प्रवेश करने से रोकने के लिए प्राकृतिक तंत्र होते हैं लेकिन जब ये ज्यादा बढ़ जाता है तो शरीर इसे एक पतले पदार्थ में बदल देता है और इसे नाक और मुह के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करता है.
इस वजह से हमेशा ये सलाह दी जाती है कि बंद नाक को ठीक करने के लिए कभी भी बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाइयां नहीं लेनी चाहिए वर्ना इससे शरीर का प्राकृतिक तंत्र काम करना बंद कर देता है. इसकी जगह कफ को बाहर निकालने के लिए सबसे बेहतरीन तरीकों का इस्तेमाल करते खुद ही अपने शरीर की मदद करनी चाहिए ताकि आप आसानी से सांस ले सकें. इसके लिए बच्चे को बंद नाक से राहत देने के 20 घरेलु उपाय बता रहे हैं जिससे शिशुओं और बच्चों को आसानी से नाक बंद होने की समस्या से राहत मिल सकती है.
बच्चे को बंद नाक से राहत देने के 20 घरेलु उपाय
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स्तनपान
ये थोड़ा असामान्य सुनाई देता है क्योंकि नाक से सांस न ले पाने वाले शिशु के लिए मां का दूध पीना मुश्किल होता है लेकिन इसके बावजूद ये बच्चे को जल्द से जल्द ठीक करने का सबसे असरदार तरीका है. एक मां का शरीर ये जानता है कि उसके बच्चे को जल्द ठीक करने के लिए क्या जरूरी है. जिस वजह से एक शिशु को किसी भी तरह के इंफेक्शन से लड़ने के लिए स्तनपान से शक्ति मिलती है. साथ ही इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती.
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नमक के पानी की बूंदे
नमक के पानी की बूंदे मुख्य रूप से उबले हुए पानी में नमक को मिला कर तैयार किया जाता है और ये आसानी से आसपास के मेडिकल स्टोर में मिल सकता है. नमक की बूंदे कफ को पतला करने में मदद करती हैं और बंद नाक को खोलने में सहायक होती हैं.
शिशु को नमक का पानी देने के लिए एक बल्ब सिरिंज का इस्तेमाल करें. सिरिंज में नमक के पानी की बहुत कम मात्रा लें और शिशु की नाक में कुछ बूंदे डाल दें. कुछ सेकेंड्स के लिए रुकें और फिर दूसरी नथुना में इस प्रक्रिया को दोहराएं.
अगर कफ नाक के आस पास जम जाता है तो एक साफ सूती कपड़े को गर्म पानी में भिगो कर आराम से साफ करें.
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ब्रेस्ट मिल्क
मां का दूध केवल बच्चे के पेट के लिए ही नहीं बल्कि बंद नाक को आराम पहुंचाने में भी असरदार होता है. आप बस कुछ बूंदे बच्चे के नाथुना में डाल दें और उसके बाद शिशु को उसके पेट के बल लेटा दें. जैसे ही शिशु अपना मूह ऊपर करेगा वैसे ही कफ पतला होकर खुद ब खुद बाहर निकल जाएगा.
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हवा में नमी रखने वाला उपकरण (Humidifier)
खुश्क मौसम में बंद नाक की परेशानी बढ़ सकती है लेकिन घर के अंदर नमी होने से बंद नाक की परेशानी कम की जा सकती है. शिशु की प्रेम या शिशु के कमरे से कुछ दूर आप ह्यूमिडीफायर रख दें. इस बात का ध्यान रखें कि आप रोजाना ह्युमिडीफायर को साफ करें ताकि उसमें फंगस न हो. नमी वाले दिनों में इसका इस्तेमाल न करें.
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स्टीम
बंद नाक की समस्या को समाप्त करने के लिए स्टीम सबसे असरदार उपचार में से एक है लेकिन शिशुओं के लिए वेपोराइजर का इस्तेमाल करना कोई विकल्प नहीं है. इसकी जगह आप बाथरूम में गर्म शॉवर को चला दें और दरवाजा बंद कर दें ताकि कमरे के अंदर स्टीम हो जाए. इसके बाद शॉवर बंद कर दें और बाथरूम का दरवाजा बंद करके अपने बच्चे के साथ उसमें बैठ जाएं. कुछ देर में शिशु खुद ही स्टीम लेने लगेगा जिससे उसकी नाक में जमा कफ आसानी से बाहर निकल जाएगा.
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बल्ब नेसल एस्पिरेटर
अगर आपके बच्चे की नाक बहुद ज्यादा बंद है तो ऐसी स्थिति में आप कफ को बाहर निकाल सकते हैं. इसके लिए बल्ब एस्पिरेटर को दबाएं और हवा में छोड़ दें. इसके बाद आराम से बच्चे की नाक के अंदर इसे घुसाएं और छोड़ दें. इसे कफ के बीच में फंसने दें और बाहर निकाल लें. इसे साफ करके एक बार फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं. इसके बाद इसे अच्छे से साबुन और पानी से धो लें और इसे कीट मुक्त कर रख दें. हर महीने इसके बल्ब को बदलते रहें.
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स्नॉट सॉकर ‘एस्पिरेटर
इसका नाम आपको थोड़ा अजीब लग सकता है और उसमें आपकी कोई गलती नहीं है क्योंकि कफ को बच्चे की नाक से मुह से खींचकर बाहर निकालना कोई अपीलिंग ख्याल नहीं है. लेकिन इस तरह के एस्पिरेटर, बल्ब एस्पिरेटर के मुकाबले बेहतर होते हैं. माता-पिता को अपने मुंह तक पहुंचने वाले कफ के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि एस्पिरेटर में एस्पिरेटेड कफ को इकट्ठा करने के लिए एक स्थान होता है.
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लहसून और अजवाइन
लहसून और अजवाइन दोनों ही ऐसे मसाले हैं जो किसी परेशानी को ठीक करने के काम आते हैं और पारंपरिक रूप से इनका प्रयोग जुखाम और खांसी जैसी परेशानियों को ठीक करने के काम आती हैं. लहसून की दो तुरी को एक चम्मच अजवाइन के साथ अच्छे भुन लें तब तक जब तक दोनों की खुशबू बढ़ने नहीं लगती. इसके बाद इसे एक पोटली और कपड़े के पाउच में बांध कर बच्चे के नजदीक रख दें. लहसून और अजवाइन की खुशबू को सूंघने से उसे बंद नाक में राहत मिलेगी.
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तेल मालिश
आप बच्चे की पीठ और छाती पर हल्की तेल मालिश कर सकते हैं. इससे बच्चे को बंद नाक और छाती में राहत मिलेगी. आप मालिश के लिए जयतून या नारियल के तेल का प्रयोग करें.
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बेबी कर्रिएर
बच्चे को सीधे पकड़ लें और नाक से कफ निकालने का काम गुरुत्वाकर्षण शक्ति को करने दें. एक बेबी कर्रिएर आपके हाथों को फ्री रखने में मदद करेगा और आपके बच्चे को आपके करीब होने का भी अहसास देगा. ऊपर वर्णित विधियों द्वारा नाक में जमे कफ को पतला करने के बाद, यह उसे बाहर निकालने में सबसे अच्छा काम करता है.
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बच्चे का बिछौना या तकिया
दिन के वक्त आप अपने बच्चे को अपने पास रख सकते हो लेकिन रात के वक्त के लिए आपको कोई और उपाय चाहिए. बच्चे के सिर को तकिये या बच्चे के बिछौने के ऊपर रखें ताकि सोते वक्त नाक में जमा कफ अपने आप बाहर निकल जाए.
इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे की गर्दन को पूरा सपोर्ट मिले.
- हल्दी
हल्दी एक बेहतरीन उपचार मसाला है और यह बंद नाक के लिए भी काम करता है. एक मोमबत्ती में सूखे हल्दी के टुकड़े को जलाएं और इसे अपने बच्चे से सुरक्षित दूरी पर एक कटोरे में डाल दें, लेकिन बच्चे के इतना नजदीक कि उसे धूंए की स्मैल आती रहे. जला हुआ टुकड़ा एक पतला, धागे की तरह का वेपर बनाएगा, और इसे सूंघने से आपके बच्चे को नाक में जमे कफ को निकालने में मदद मिलेगी.
- गर्म जूस
पर्याप्त तरल पदार्थ लेना बच्चे को हाइड्रेटेड रखता है और कफ को पतला करने में भी मदद करता है. हालांकि स्तनपान हाइड्रेशन का सबसे अच्छा स्रोत है लेकिन आप घर का बना गर्म सेब का रस या पानी भी आजमा सकते हैं. यह गले की खुश्की को खत्म करेगा और वहां फंसे कफ को नरम कर देगा.
- चिकन सूप
चिकन का सूप केवल आपके सोल के लिए ही नहीं बल्कि आपके बच्चे की बंद नाक को ठीक करने के भी काम आता है. चिकन सूप के अंदर एंटी इनफ्लेमैंट्री प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं और बंद नाक की समस्या को भी समाप्त करती है. अपने बच्चे को चिकन सूप दें और ध्यान रखें कि सूप उतना ही गर्म हो जितना वह पी सके.
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नीलगिरी का तेल
10 महीने तक के बच्चों के लिए नीलगिरी का तेल अच्छा होता है. नीलगिरी का थोड़ा तेल बच्चे के बेड के आसपास और आस पास के पर्दों पर लगा दें.
(18 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए नीचे दिए गए निम्नलिखित उपचारों का सुझाव दिया जाता है)
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एसेंशियल आयल डिफ्युजर
बच्चों के लिए तेल डिफ्युजर सबसे अच्छा तरीका है किसी भी आवश्यक तेल को सूंघने का. इससे बच्चे बिना किसी परेशानी के मिलावटी तेलों से दूर रहते हैं और आवश्यक तेल को सूंघ पाते हैं. देवदार, अदरक, नीलगिरी, नींबू या पुदीना जैसे तेलों का प्रयोग करें लेकिन डिफ्यूजर में डालने से पहले इन्हें पतला कर लें. डिफ्यूजर को बच्चों से सुरक्षित दूरी पर रखें.
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अदरक, नींब और शहद की चाय
अदरक, नींबू और शहद को उनकी ठीक करने की क्षमता के लिए जाना जाता है और इन सबको मिला कर बनाई गई गर्म चाय बंद नाक और छाती को ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है. अदरक को पानी के साथ अच्छे से उबाल लें. इसे छान लें और इसमें नींबू का रस मिला दें और स्वाद के लिए शहद भी डाल लें. गर्म गर्म पीएं.
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गर्म कंप्रैस
एक गर्म कंप्रैस बंद नाक से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, खासकर अगर यह साइनसिटिस के कारण हुआ हो. एक साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगो लें और उसे अच्छे से निचौड़ लें. इसके बाद इस कपड़े को नाक के आस पास रख लें. इस प्रक्रिया को दोहराएं. कंप्रैस से मिलने वाली गर्माहट से कफ अपने आप बाहर निकल जाएगा.
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DIY वेपो रब
बाजार में मिलने वाले वेपो रब बच्चों के लिए लाभकारी नहीं होते और उनमें बहुत सारे केमिकल्स मौजूद होते हैं. आप आवश्यक तेलों की मदद से खुद घर पर ही वेपो रब बना सकते हैं. इस दौरान उम्र को लेकर दी गई गाइडलाइन को अवश्य फॉलो करें.
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स्टीम वेपोरायजर
बढ़े टोडलर और बच्चों के लिए, स्टीम वेपोरायजर की मदद से बच्चे सीधे नाथुन में इसे सूंघ सकते हैं जिसकी मदद से कफ पतला हो जाता है. इसके लिए गर्म बाउल का इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक हो सकता है इसलिए वेपोरायजर का ही इस्तेमाल करे. बच्चे के सर के ऊपर तोलिया रख दें जिससे स्टीम से बच्चे को सीधे और जल्दी असर हो.
ऊपर बताए गए सभी घरेलु उपचार छोटे और बढ़े दोनों उम्र के बच्चों को बंद नाक से राहत दिलाने में असरदार हैं लेकिन किसी भी तरह की पुरानी एलर्जी या रिएक्शन का इन उपचारों के प्रयोग से पहले ध्यान रखें.
किसी भी उपचार के प्रयोग से पहले उम्र को लेकर दिए गए सुझावों का अवश्य पालन करें और किसी भी तरह के शक की स्थिति में बच्चों के चिकित्सक का सुझाव लें. यदि आपका बच्चा सांस लेने के लिए पेट की मांसपेशियों, का प्रयोग कर रहा है और उसकी नाक ज्यादा बह रही है, त्वचा के रंग में भी बदलाव दिखे तो तुरंत आपातकाल में ले जाएं.
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