क्या मैं अपने शिशु को संतरा दे सकती हूं? अगर आप भी एक पेरेंट हैं और इस तरह के सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं. हमारे पास इसके स्वास्थ्य लाभ से लेकर एलर्जी और रेसिपी सबकी जानकारी है.
संतरा एक ऐसा फल है जिस पस हम ज्यादा ध्यान नहीं देते. केवल इसमें विटामिन सी होने के अलावा हम इसके दूसरे फायदों के बारे में सोचते ही नहीं. लेकिन सच्चाई ये है कि संतरे में कई सारे पोषक तत्व शामिल होते हैं. इनमें विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लेवोइड्स, कैल्शियम और पोटेशियम, मेगनेशियम, डायट्री फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और भी बहुत कुछ होता हैं.
संतरे में 60 से ज्यादा फ्लेवोनोइड्स होते हैं और 170 फाइटोन्यूट्रिएंट्स शामिल होते हैं जिससे एंटीऑक्सिडेंट प्रोपर्टीज और स्ट्रॉन्ग एंटीऑक्सिडेंट्स पर प्रभाव पड़ता है. इस स्वादिष्ट फल में कम कैलरीज और ज्यादा पोषक तत्व समाहित होते हैं.
संतरे के पौष्टिक लाभ
- संतरे में अत्यधिक विटामिन सी होने के कारण यह त्वचा को भरपूर पोषण प्रदान करता है और बाहरी खतरों से बचाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट विटामिन स्किन को सूर्य की किरणों और पर्यावरण प्रदूषण से डैमेज होने से बचाता है। साथ ही यह कोलेजन के निर्माण में मदद करता है, स्किन की इलास्टिसिटी (लचीलेपन) को बढ़ाता है और झुर्रियों को कम करता है।
- संतरे में पेक्टिन (pectin) नामक घुलनशील फाइबर होता है जो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को रक्त में घुलने से पहले ही सोखकर शरीर से बाहर कर देता है। साथ ही इसमें hesperidin नामक flavanone होता है जो रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है।
- संतरे में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, फोलेट और पोटैशियम होने के कारण यह ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, खासतौर पर विटामिन सी शरीर की धमनियों को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीडेशन को रोकता है।
- अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) ने पाया है कि संतरे और अंगूर जैसे फलों में मौजूद साइट्रस यौगिक महिलाओं के लिए इस्किमिक स्ट्रोक जोखिम को कम कर सकता है।
- संतरे में मौजूद फाइबर, विटामिन सी, पोट कोलाइन सामग्री दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
क्या मैं अपने शिशु को संतरा दे सकती हूं?
संतरे अम्लीय प्रकृति के फल होते हैं, इसलिए यह छोटे बच्चे के संवेदनशील पेट पर भारी हो सकता है और परिणामस्वरूप 12 महीने से कम उम्र के बच्चों में चकत्ते (hives ) हो सकती हैं। इसलिए बच्चे को संतरे उसके पहले जन्मदिन के आस पास ही खिलाएं।
संतरे को या तो आप खाने के तौर पर शिशु को दे सकते हैं या जूस के तौर पर. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें को शिशु को जूस के साथ न्यूट्रिएंट्स और पप्ल भी मिले. अगर आप बच्चे को जूस देते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जूस के एक तिहाई हिस्से को आप पानी में मिल लें और बोटल की जगह सिपर में बच्चे को जूस दें. रात के वक्त बच्चों को जूस देने से बचें और दिन में 3 से 4 बार बच्चों को थोड़ा थोड़ा जूस दें.
एलर्जी रिस्क
संतरा एक ऐसा फल होता है जिसमें कुछ एसिड्स होते हैं. जिस वजह से ये 12 महीने से कम उम्र के बच्चों पर थोड़ा प्रभावी हो सकता है और इससे बच्चे के संवेदनशील पेट पर असर पड़ सकता है. जिस कारण उसके पेट पर चकत्ते हो सकते हैं. हालांकि, एसिड की अधिक मात्रा के कारण पित्ताशय, सूजन, सांस लेने में परेशानी, आंखो में पानी आना, दस्त, मतली, मुंह के आस पास लाल निशान आदि परेशानी भी हो सकती है. अगर इनमें से किसी भी तरह के लक्षण नजर आते हैं तुरंत ही नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें.
हालांकि, सभी बच्चे अलग होते हैं, जिस वजह से कुछ बच्चों पर शायद संतरे का कोई प्रभाव न हो. फिर भी इस 3 दिन नियम के जरिए अपने बच्चों को सुरक्षित रखें. सबसे पहले शिशु को बहुत ही थोड़ी मात्रा में जूस दें और उसके बाद लक्षण दिखने का इंतजार करें. यदि बच्चा सामान्य ही दिखता है और इसे आगे अपनाएं. 2008 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक आपको किसी भी एलर्जिक खाने को बच्चों से तब तक दूर रखने की जरूरत नहीं है जब तक बच्चे किसी तरह की एलर्जी या रिस्क नहीं दिखाते. अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को पहले इस तरह की एलर्जी रही है तो ऐसी स्थिति में बच्चे को एक साल से पहले संतरे न दें.
शिशुओं को संतरा कैसे दें?
संतरों का चुनाव करते वक्त पल्पी, अच्छे से पके हुए संतरों को ही चुनें. शिशु को संतरा देने से पहले उसे टेस्ट कर लें ताकि आपको पता चल जाए कि यह कितना मीठा और कितना खट्टा है जिससे आप अपने शिशु को सबसे मीठा संतरा ही दें. अगर आप बच्चे को संतरा खिला रही हैं तो संतरे का छिलका उतार कर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर ही बच्चों को दें. इस बात का ध्यान रखें कि आप उसका छिलका और उसमें से बीज निकाल कर ही बच्चे को दें.
बच्चे की उम्र के मुताबिक आप इससे अलग अलग रैसिपी भी बना सकती हैं. संतरे के साथ आसानी से मिलाए जाने वाले उत्पादों में अवोकाडो, ब्लूबैरीज, चिकन, क्रेनबैरीज, पीचीज, स्वीट पोटेटो और योगर्ट के नाम शामिल हैं. यहां कुछ रैसिपी हैं जो आप अपने बच्चे के लिए बना सकती हैं. कोका पाउडर को गुड़ के साथ मिला कर घर में बने खोया में मिला लें और उसके बाद इसे थोड़ा पका लें जिससे ये मेल्ट हो जाए और आप इसे आसानी से दीये का आकार दे सकें. आपके बारे में नहीं पता लेकिन मैं अपने लिए ये खाए जाने वाली चोकलेट दीया रेसिपी को जरूर ट्राई करने वाली हूं.
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