बीट्स अत्यधिक पौष्टिक होते हैं, और दिखने में भी खूबसूरत होते है। वे किसी भी डिश को हाईलाइट करसकते है। लेकिन मुझे यकीन है कि आप पूछ रहे हैं की क्या मैं अपने बच्चे को चुकंदर दे सकती हूँ ?
हमने दुनिया भर के पोषण विशेषज्ञों के बारे में सुना है जो हमें ‘इंद्रधनुष के रंग’ वाला आहार खाने के लिए कहते हैं, जिसमें मूल रूप से विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं ताकि हमें पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला मिल सके। जब आप इस तरह के आहार के बारे में सोचते हैं, तो आपका दिमाग शायद पालक, रंगीन बेल पेप्पेर या बैंगनी गोभी पर जाता है। हालांकि, हम में से बहुत से लोग एक और सुंदर रंग की सब्जी को याद करते हैं – वह है विनम्र चुकंदर!
आलू और गाजर की तरह, चुकंदर भी एक जड़ वाली सब्जी है जिसे वानस्पतिक रूप से बीटा वल्गैरिस के रूप में जाना जाता है। बीटा वल्गैरिस, जिसे साधारण भाषा में चुकंदर कहते हैं। कहा जाता है कि बीट्स की उत्पत्ति प्राचीन रोम और ग्रीस में हुई थी, हालांकि अब उनकी खेती दुनिया के कई हिस्सों में की जाती है। भारत में चुकंदर की खेती करने वाले मुख्य क्षेत्र महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।
पौष्टिक तत्व
हालांकि हम में से अधिकांश लोग चमकीले गुलाबी बैंगनी चुकंदर से परिचित हैं, लेकिन वास्तव में पीले और धारीदार सहित बीट के विभिन्न रंग होते हैं। चुकंदर के पौधे की पत्तियों और जड़ का सेवन किया जा सकता है और कई वैश्विक व्यंजनों में लोकप्रिय हैं।
अपने स्वाभाविक रूप से मीठा होने के कारण, चुकंदर का उपयोग मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजनों में किया जाता है।चुकंदर में एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर, फोलेट, पोटैशियम, आयरन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जिसके कारण इस पौधे का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता रहा है।
चुकंदर के स्वास्थ्य लाभ
- प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है
- रक्तचाप कम करता है
- मांसपेशियों को मज़बूत करता है
- स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है
- रक्त प्रवाह में सुधार करता है
- कैंसर से बचाता है
- मस्तिष्क स्वास्थ्य का समर्थन करता है
- एनीमिया से बचाता है
- आंत के स्वास्थ्य में सुधार करता है
- व्यायाम करने में सुधार करता है
क्या मैं अपने बच्चे को चुकंदर दे सकती हूँ?
रूट सब्जियां आमतौर पर शिशुओं के लिए पहले भोजन के रूप में सुरक्षित होती हैं, और चुकंदर को कोई छूट नहीं है। एक बार जब आपका बच्चा 6 महीने का हो जाए, तो आप चुकंदर दे सकती हैं। स्टीम्ड और प्यूरी बीट्स से शुरुआत करें। 8 महीने के बाद उबले हुए नरम चुकंदर के टुकड़े फिंगर फूड के रूप में दिए जा सकते हैं। आप किसी भी डिश में रंग जोड़ने के लिए थोड़ी मात्रा में चुकंदर की प्यूरी भी मिला सकते हैं।
कोई भी नया भोजन शुरू करते समय उसे दिन के पहले पहर में ही पेश करें। एक बार जब बच्चा भोजन से परिचित हो जाता है, तो आप उसे दिन में किसी भी समय दे सकते हैं। भले ही 3 दिन का नियम अब अप्रचलित हो गया है, लेकिन परिवार में एलर्जी का इतिहास होने पर इसका पालन करना बेहतर है।
चुकंदर से एलर्जी दुर्लभ है लेकिन फिर भी कुछ लोगों को यह हो सकती है। यदि बच्चा पित्ती, सूजी हुई जीभ और चेहरे, छींकने, चकत्ते, हल्का सिर दर्द, नाक बहना, खुजली वाली आँखें, फ्लश, साँस लेने में कठिनाई, मतली या उल्टी जैसे लक्षण प्रदर्शित करता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने की आवश्यकता है।
बीट्स खरीदने और स्टोर करने के टिप्स
बीट्स खरीदते समय, छोटे, सख्त और गहरे रंग के चुकंदर चुनें क्योंकि वे सबसे ताज़ा होते हैं। ऐसे चुकंदर से बचें जिनमें दाग-धब्बे हों, बाल हों या जड़ें हों। इन्हें फ्रिज के क्रिस्पर दराज में स्टोर किया जा सकता है। चुकंदर को एक कागज़ के तौलिये में ढीला लपेटें और वे 2-3 सप्ताह तक रहेंगे।
चुकंदर को पकाने से पहले ही धो लें, फ्रिज में रखने से पहले नहीं। चुकंदर तैयार करने से पहले पत्तियों को काट लेना सुनिश्चित करें। समय और ऊर्जा बचाने के लिए उन्हें प्रेशर कुकर में स्टीम या पकाया जा सकता है।
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